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इजरायल ग्रेटा थुनबर्ग से भी डर गया: गाजा के लिए बढ़ी बाल एक्टिविस्ट रास्ते में गिरफ्तार

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली/वॉशिंगटन

इजरायली सेना और नेतन्याहू सरकार का नैतिक दिवालियापन अब इस हद तक पहुँच चुका है कि वह एक किशोर पर्यावरण कार्यकर्ता से भी भयभीत हो गई है। जी हाँ, 13 वर्षीय स्वीडिश कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग, जो गाजा पट्टी के भूखे और पीड़ित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर एक नागरिक जहाज के माध्यम से समुद्री मार्ग से रवाना हुई थीं, उन्हें इजरायल की सेना ने रास्ते में ही हिरासत में ले लिया।

‘मैडलीन’ नामक सहायता जहाज, जो 1 जून को इटली के कैटेनिया बंदरगाह से रवाना हुआ था, पर ग्रेटा के साथ ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ के अभिनेता लियाम कनिंघम, फ्रांसीसी सांसद रीमा हसन और कई अन्य वैश्विक कार्यकर्ता सवार थे। इस जहाज का लक्ष्य था – गाजा की घेराबंदी को तोड़ते हुए पीड़ित फिलिस्तीनियों तक सहायता पहुंचाना।

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लेकिन जैसे ही यह जहाज गाजा की ओर बढ़ा, इजरायली नौसेना ने उसे समुद्र में रोक लिया और सभी यात्रियों को जबरन इजरायल ले जाया गया। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि जहाज को “सुरक्षित रूप से इजरायली तट की ओर लाया गया है” और सभी यात्रियों को “उनके देश वापस भेजने की तैयारी की जा रही है।”

ग्रेटा ने कहा – “हमें अंतरराष्ट्रीय जल में अगवा किया गया”

घटना से पहले रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो संदेश में ग्रेटा ने कहा,

“अगर आप यह वीडियो देख रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हमें इजरायली सेना या उसके समर्थक बलों ने अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में अवैध रूप से रोक लिया है।”

‘फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन’ (FFC), जिसने इस अभियान का संचालन किया, ने बताया कि “मैडलीन” को अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में जबरन रोका गया और उस पर सफेद पदार्थ छिड़का गया जिससे यात्रियों की आंखों में जलन हुई। कुछ देर बाद जहाज का बाकी दुनिया से संपर्क टूट गया।

इजरायल का तर्क: ‘सेल्फी नौका’ और ‘प्रोपेगेंडा अभियान’

इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलैंट और विदेश मंत्रालय ने इस मिशन को “मीडिया स्टंट” बताया और कहा कि यह “सेलिब्रिटीज द्वारा किया गया एक प्रचार अभियान” था। उन्होंने कहा कि “गाजा तक सहायता पहुँचाने के आधिकारिक मार्ग हैं — इंस्टाग्राम लाइव नहीं।”

वहीं दूसरी ओर, हमास ने कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की और कहा कि यह “मानवीय सहायता ले जा रहे नागरिकों पर हमला” है, जो “अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन” है।

गाजा में जारी मानवीय संकट की पृष्ठभूमि

इजरायल की 11 सप्ताह से जारी नाकाबंदी और सैन्य हमलों के चलते गाजा में 2.1 मिलियन से अधिक लोग अकाल जैसे हालात का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 70,000 से अधिक निर्दोष नागरिक मारे जा चुके हैं। इसके बावजूद अमेरिका, यूरोपीय संघ, और मानवाधिकार के स्वयंभू रक्षक देश अब तक खामोश हैं।

निष्कर्ष: क्या ग्रेटा की गिरफ्तारी नैतिक हार नहीं है?

एक छोटी बच्ची, जो जलवायु और मानवाधिकार के लिए वैश्विक प्रतीक बन चुकी है, जब फिलिस्तीनियों के साथ खड़ी होती है, तो उसे भी प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है। यह केवल एक जहाज की अवरोधन नहीं है, बल्कि यह उस आवाज़ को कुचलने की कोशिश है, जो अब पूरी दुनिया में “फ्री गाजा” के रूप में गूंज रही है।

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