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इजरायल- फिलिस्तीन वार: हमास का पलटा वार, येरुसलम, तेल अवीव पर मिसाइलों की बौछार, युद्ध का तनाव अमेरिकी कॉलेज परिसरों में

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, येरुसलम /न्यूयॉर्क

फिलिस्तीनी संगठन हमास की सशस्त्र शाखा अल-कसम ब्रिगेड ने दावा किया है कि वह सोमवार को इजरायल में तेल अवीव और येरुसलम पर “मिसाइलों की बौछार” की. मीडिया की एक खबर में यह जानकारी दी गई.उधर, इजरायल और गाजा युद्ध का तनाव अमेरिकी कॉलेज परिसरों में फैल गया है.

बीबीसी ने एक बयान का हवाला देते हुए बताया कि अल क़सम ब्रिगेड ने कहा कि ताजा हमले इजरायल के “नागरिकों को निशाना बनाने” के जवाब में थे.

वाईनेट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य इजराइल और येरुसलम पर सोमवार दोपहर में रॉकेट से हमला हुआ. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का संबोधन खत्‍म होने के तुरंत बाद सायरन ने आने वाली आफत की चेतावनी दी, जिससे संसद के शीतकालीन सत्र के उद्घाटन में बाधा उत्पन्न हुई और सांसदों और मेहमानों को सुरक्षित क्षेत्रों में भेज दिया गया.

अपने संबोधन में नेतन्याहू ने ईरान और हिजबुल्लाह को उत्तर में इजरायल के खिलाफ दूसरा मोर्चा नहीं खोलने की चेतावनी दी.

इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने नेसेट (संसद) में कहा कि हमास ने पूरे यहूदी लोगों को निशाना बनाया है और अगर उन्हें नहीं रोका गया तो वे पूरी दुनिया को खतरे में डाल देंगे.

इजरायल और गाजा युद्ध का तनाव अमेरिकी कॉलेज परिसरों में फैला

मध्य-पूर्व युद्ध का तनाव पूरे अमेरिका के कॉलेज परिसरों में आग की तरह फैल रहा है, जिसमें न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित परिसर भी शामिल हैं, जहां छात्रों को एक पक्ष को चुनने के लिए कहा जा रहा है.

मध्य-पूर्व में इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष पर अमेरिकी कॉलेज परिसरों में तीखी बहस छिड़ी हुई है. मीडिया की खबरों में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संदेश तेजी से फैल रहे हैं, जिसमें लोगों से विभाजनकारी मुद्दों पर एक पक्ष चुनने की मांग की जा रही है, जिससे सवाल उठता है : “क्या अभी भी युवा अमेरिकियों के लिए एक-दूसरे से बात करने की जगह कॉलेज है ?”

पिछले हफ्ते सैकड़ों छात्रों ने न्यूयॉर्क शहर के कोलंबिया विश्‍वविद्यालय में मुख्य क्वाड पर विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि उन्होंने दोनों पक्षों से इज़राइल और फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन में द्वंद्वयुद्ध किया, लेकिन जीवन के नुकसान की निंदा की.

इजरायल समर्थक प्रदर्शनकारियों, जिनमें से अधिकांश यहूदी थे, ने खुद को सफेद और नीले इज़रायली झंडे में लपेट लिया. वे अधिकांश समय चुप रहे, हमास के घातक हमले के पीड़ितों की तस्वीरों वाले संकेतों को उनके बारे में बोलने दिया. चौराहे के उस पार फिलिस्तीनियों का समर्थन करने वाले छात्रों ने “फिलिस्तीन को मुक्त करें” और “कब्जा खत्‍म करें” के नारे लिखीं तख्तियां लहराईं. गाजा की एक छात्रा ने इजरायली नाकाबंदी में फंसी अपनी मां के बारे में बात की.

रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्र कुछ ही गज की दूरी पर अलग-अलग थे, लेकिन उनके बीच वैचारिक दूरी बहुत बड़ी लग रही थी और शाम ढलने के साथ-साथ और यह स्पष्ट हो गई।

फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के नेताओं में से एक ने कोलंबिया विश्‍वविद्यालय में दो छात्र समूहों द्वारा प्रकाशित एक खुला पत्र जोर से पढ़ा, जिसके एक दिन बाद हमास के आतंकवादियों ने दक्षिणी इज़राइल और कई इज़राइली शहरों में एक संगीत समारोह पर हमला किया, जिसमें कम से कम 1,400 लोग मारे गए और लगभग 150 लोग बंधक बनाए गए.

फ़िलिस्तीनियों के अनुसार, यह हमला “गाज़ा के फ़िलिस्तीनियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण माना जाता है, जिन्होंने पृथ्वी पर सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक में वर्षों से खड़ी दीवार तोड़ दी थी”. एक वक्ता ने कहा, “फ़िलिस्तीनियों ने अपने उपनिवेशवादी-उत्पीड़क के ख़िलाफ़ जवाबी हमला शुरू किया है.”

रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल की प्रतिक्रिया फिलिस्तीनी लोगों की पीड़ा के प्रति उसकी उदासीनता का एक और उदाहरण है.

गाजा से शहर तक पहुंच रही रिपोर्टों में कहा गया है कि जवाबी इजरायली हवाई हमलों के दौरान गाजा में 2,700 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है, जबकि वहां सिर्फ 20 लाख से अधिक लोग नाकाबंदी में फंस गए हैं और बिजली और साफ पानी से कट गए हैं.

छात्रों को लगता है कि इजरायली अधिकारियों ने अत्यधिक भाषा का इस्तेमाल किया है. रक्षा मंत्री योआन गैलेंट ने हमास के आतंकवादियों को “जानवर” बताया है और कहा कि अगर इजरायल जमीनी हमले शुरू कर दे तो मरने वालों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी.