जामिया के पीएचडी छात्र मुन्ना खालिद ने बहरीन में कांस्य पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन में हासिल की नई ऊंचाइयाँ
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पीएचडी छात्र मुन्ना खालिद ने बहरीन में आयोजित पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल 2024 (लेवल-1) में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो कांस्य पदक जीते हैं. यह चैंपियनशिप 11 से 15 दिसंबर 2024 तक बहरीन के मनामा शहर में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) द्वारा आयोजित की गई थी. इस उपलब्धि के बाद मुन्ना खालिद ने विश्व स्तर पर बैडमिंटन में दसवें स्थान पर अपनी जगह बनाई है, जो उनके खेल जीवन का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
लेवल-1 टूर्नामेंट में चयन और खालिद का प्रदर्शन
इस टूर्नामेंट का विशेष महत्व यह है कि इसमें केवल वे खिलाड़ी ही प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, जो विश्व रैंकिंग में शीर्ष बारह में स्थान प्राप्त करते हैं. मुन्ना खालिद ने अपनी निरंतर मेहनत और समर्पण के बल पर ग्रुप मैचों में लगातार जीत हासिल की और सेमीफाइनल तक पहुंचे. हालांकि, सेमीफाइनल में उन्हें एकल और मिश्रित युगल दोनों स्पर्धाओं में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. बावजूद इसके, उनके प्रदर्शन ने उन्हें एक वैश्विक पहचान दिलाई और वह इस स्तर पर पदक जीतने में सफल रहे, जो उनके प्रयासों की सच्ची तारीफ है.
अन्य प्रमुख उपलब्धियाँ और पहले के प्रदर्शन
यह पहली बार नहीं है जब खालिद ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर शानदार प्रदर्शन किया है. इससे पहले, सितंबर 2024 में खालिद ने इंडोनेशिया पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल में दो कांस्य पदक जीतकर अपनी क्षमताओं का लोहा मनवाया था. जुलाई 2024 में, उन्होंने युगांडा पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर अपने पदकों का संग्रह और भी समृद्ध किया। इसके अतिरिक्त, दिसंबर 2023 में उन्होंने खेलो इंडिया पैरा गेम्स में भी एक कांस्य पदक जीता था.
इन सभी उपलब्धियों के बाद, अब तक मुन्ना खालिद ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कुल नौ अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं. इनमें दो स्वर्ण, दो रजत और पांच कांस्य पदक शामिल हैं. यह प्रदर्शन दर्शाता है कि खालिद न केवल एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, बल्कि उन्होंने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अधिकारियों द्वारा बधाई और शुभकामनाएँ
मुन्ना खालिद की इस अद्भुत सफलता पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ और खेल एवं खेलकूद विभाग के मानद निदेशक प्रो. नफीस अहमद ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं. प्रो. आसिफ ने कहा, “मुन्ना खालिद ने न केवल एक शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी के रूप में अपनी योग्यता साबित की है, बल्कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया को अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर स्थापित किया है. उनका यह प्रदर्शन न केवल हमें गर्व महसूस कराता है, बल्कि अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है.”
खालिद की भविष्यवाणियाँ और महत्वाकांक्षाएँ
इस सफलता के बाद, मुन्ना खालिद ने अपनी भावी आकांक्षाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य आगामी एशियाई खेलों और पैरालिंपिक में अपने देश के लिए पदक प्राप्त करना है. उनका यह बयान उनके समर्पण और कड़ी मेहनत को दर्शाता है, जो वे अगले बड़े आयोजनों में सफलता हासिल करने के लिए कर रहे हैं.
शिक्षा और खेल का संतुलन
वर्तमान में, मुन्ना खालिद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से हिंदी साहित्य में पीएचडी कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने जामिया से बी.एससी. (ऑनर्स), एमएसडब्ल्यू और एम.ए. हिंदी की पढ़ाई भी पूरी की है. यह उनका अद्भुत संतुलन है, जहां उन्होंने अपनी अकादमिक उपलब्धियों के साथ-साथ बैडमिंटन में भी उच्चतम स्तर की प्रतिस्पर्धा में सफलता प्राप्त की है. उनका यह संगठित दृष्टिकोण यह दिखाता है कि शिक्षा और खेल को एक साथ संतुलित कर, किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है.
मुन्ना खालिद का यह शानदार प्रदर्शन न केवल उनके लिए, बल्कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया और भारत के लिए भी गर्व की बात है. उनकी उपलब्धियाँ न सिर्फ व्यक्तिगत संघर्ष और समर्पण को दर्शाती हैं, बल्कि यह पूरे देश को प्रेरित करती हैं कि कठिन परिश्रम और लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर रहने से कोई भी बाधा नहीं रोक सकती