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जमीयत प्रमुख ने रामगिरी के भड़काऊ बयान पर जताई कड़ी आपत्ति,बोलेः बढ़ सकता है सांप्रदायिक तनाव

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर अहमदनगर के रामगिरी महाराज द्वारा पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक और भड़काऊ बयानों की कड़ी निंदा की है.

मौलाना मदनी ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है.उन्होंने कहा, इस प्रकार के बयान मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाते हैं. कोई भी मुसलमान अपने पैगंबर का मामूली अपमान भी सहन नहीं कर सकता.

मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है. संबंधित व्यक्ति अपने निंदनीय बयानों पर अडिग है. ऐसा प्रतीत होता है कि यह कृत्य एक संगठित योजना के तहत देश की एकता और संप्रभुता को चुनौती देने के उद्देश्य से किया गया है.

उन्होंने अपराधी को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की. सरकार एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों से आग्रह किया कि वे ऐसे मामलों को रोकने और देश में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं. मौलाना मदनी ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि यदि इस मामले में तुरंत और सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है, जो किसी भी तरह से देश के हित में नहीं होगा.

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर अहमदनगर के रामगिरी महाराज द्वारा पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक और भड़काऊ बयानों की कड़ी निंदा की है. उक्त व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की है.

पत्र में इस बात पर जोर दिया गया है कि अगर इस मामले में तुरंत और सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है, जो कि किसी भी सूरत में देश के हित में नहीं है.

उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रवक्ता रहीं नुपुर शर्मा द्वारा टीवी पर पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहने का परिणाम हमल पिछले साल देख चुके हैं. इसके बाद कई लोगों की हत्या कर दी गई थी और देश के कई हिस्से में बवाल मच गया था.

उक्त घटना का असर यह रहा कि पीएम मोदी को सफाई देनी पड़ी थी, नुपूर शर्मा को बीजेपी से निकालना पड़ा था और आज भी वह भूमिगत रहती हैं. यदि निकलती भी हैं तो सुरक्षाकर्मियों के घेरे में.