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जदयू एमएलसी तनवीर अख़्तर नहीं रहे

तनवीर अख़्तर का संबंध बिहार के गया से है. तिबाग़ में उनका आवास है. 6 अप्रैल को तबियत बिगड़ने पर आईजीआईएमएस में भर्ती हुए थे.शनिवार की सुबह उन्होंने आख़री सांस ली.. तनवीर अख़्तर जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं,एनएसयू से जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने वाले शायद पहले मुस्लिम थे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद के बेहद क़रीबी थे.इन्होंने कांग्रेस से राजनीति शुरू की थी.बिहार में मंत्री अशोक चौधरी के प्रिय थे. शोक चौधरी ने जब कांग्रेस छोड़ी तो तनवीर अख़्तर भी उनके साथ जदयू में आ गये. गर एमएलसी कांग्रेस ने ही उन्हें बनाया था.इनका कार्यकाल 2022 तक था. यूथ कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रहे तनवीर अख़्तर को जदयू ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की ज़िम्मेवारी सौंपी थी.प्रदेश अध्यक्ष के बतौर उन्होंने जदयू से मुसलमानों को जोड़ने का भरसक प्रयास किये.पिछले विधानसभा चुनाव में सभी मुस्लिम प्रत्याशियों की करारी हार के बाद जदयू ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ को चार भाग में बांट दिया और तनवीर अख़्तर को प्रकोष्ठ का बिहार प्रभारी बना दिया था.अपने संघर्षों के बल पर इन्होंने राजनीति में पहचान बनायी थी.मिलनसार स्वभाव के थे,संघर्षशील थे.बेबाक थे.ख़बर मिल रही है कि पटना में ही सुपुर्द ए ख़ाक किये जायेंगे.