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Jharkhand: हफीजुल हसन अंसारी बने मंत्री, मधुपुर से चुनाव लड़ने की उम्मीद

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के दिवंगत नेता एवं पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हफीजुल हसन अंसारी को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है.हसन अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.मंत्री के रूप में वे विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे.

हालांकि विधानसभा सदस्‍य नहीं होने के चलते उन्‍हें छह महीने के भीतर चुनाव जीतकर विधायक बनना होगा.मालूम हो कि मधुपुर सीट से जेएमएम के विधायक और तत्कालीन अल्पसंख्यक मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का पिछले साल तीन अक्टूबर को निधन हो गया था. इसके बाद से ही मधुपुर विधानसभा सीट खाली है.

अप्रैल तक मधुपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद झामुमो हाईकमान ने उनके परिवार को मधुपुर से टिकट देने का भरोसा दिया था.अब हफीजुल हसन को मंत्री बनाकर यह संकेत भी दे दिया है कि मधुपुर से झामुमो की टिकट पर हफीजुल हसन ही चुनाव लड़ेंगे.

इससे उन्हें यह फायदा होगा कि वह मंत्री के रूप में चुनाव लड़ेंगे.झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की कैबिनेट का दूसरा विस्तार शुक्रवार को हुआ. राजभवन के बिरसा मंडप में हफीजल हसन अंसारी को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मंत्री पद की शपथ दिलाई.

हफीजुल ने उर्दू में शपथ ली. हफीजुल को झारखंड काबीना में अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण तथा पर्यटन, कला संस्कृत‍ि एवं खेलकूद व‍िभाग का मंत्री बनाया गया है. शपथ ग्रहण समारोह में जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत झारखंड सरकार मंत्रिमंडल के सभी मंत्री शामिल हुए.

29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस के दो और राजद के एक मंत्री ने शपथ ली थी.इसके बाद 28 जनवरी 2020 को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था.इसमें जेएमएम के 5 और कांग्रेस के 2 मंत्रियों ने शपथ ली थी.

शपथ के बाद हफीजुल हसन ने कहा कि दिवंगत पिता हुसैन अंसारी के अधूरे सपना को पूरा करना ही उनकी प्राथमिकता है.अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़क,स्वास्थ्य,शिक्षा,बिजली,पानी की हालत में सुधार और इसे आमजन के लिए आसान बनाना उनका मुख्य लक्ष्य है.जिस तरह से उनके पिता मधुपुर के विकास के लिए जीवन भर जुटे रहे,उसे आगे ले जाना है.

चुनौती बड़ी है मगर हुसैन अंसारी जनता के दिलों में बसे हैं. उनका यह भी कहना है कि हाजी साहब के निधन से मधुपुर की जनता काफी मर्माहत है. जनता की सेवा कर उनकी कमी को दूर करने का प्रयास करेंगे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर अपने संदेश में लिखा- दिवंगत मंत्री हाजी साहब आज बहुत याद आ रहे हैं.

कौन थे हाजी हुसैन अंसारी?
देवघर जिला के मधुपुर प्रखंड के पिपरा गांव में 23 जुलाई, 1947 को जन्मे अंसारी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी. कांग्रेस से राजनीति की शुरूआत करने वाले हाजी हुसैन अंसारी 1990 के दशक में जेएमएम में शामिल हो गये थे.

उनकी पहचान जेएमएम के कद्दावर नेता के रूप में थी. देवघर जिले के मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से वे सात बार विधायक चुने गये. हाजी हुसैन अंसारी जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन के काफी करीबी थे.उन्होंने झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी.

वे पहली बार संयुक्त बिहार में मधुपुर से 1995 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. इसके बार उन्होंने झारखंड गठन के बाद 2000, 2009 एवं 2019 में चुनाव जीता और विधानसभा पहुंचे.अलग झारखंड राज्य आंदोलन के दौरान उन्होंने जेल की भी यात्रा करनी पड़ी थी.

वह सरल भाव और दृढ़ विश्वास वाले जन नेता थे.पहली बार वर्ष 2009 में शिबू सोरेन की सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बनाए गए थे. जिसके बाद वे तीन बार अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहे.

ल्पसंख्यक और उर्दू आबादी में ख़ुशी
हाजी हुसैन अंसारी के पुत्र हफीजुल हसन के हेमंत सरकार में शामिल किए जाने से झारखंड की अल्पसंख्यक और उर्दू आबादी में ख़ुशी पायी जा रही है.
ऑल झारखंड मदरसा शिक्षक असोसिएशन के महासचिव हाफिज हामिद ग़ाज़ी का कहना है कि हफीजुल हसन को मंत्री बना कर हेमंत सोरेन ने जेएमएम नेता हुसैन अंसारी को बेहतरीन खिराज ए अक़ीदत पेश की है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि हफीजुल हसन भी अपने पिता की तरह अल्पसंख्यक मसले को उठाते और उसका समाधान करते रहेंगे.