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कश्मीर फाइल्स पार्ट टू: सूबे से पांच साल में 10,000 महिलाएं और बच्चियां गायब,सबकी बोलती बंद

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, श्रीनगर

अत्याचार किसी के साथ हो अत्याचार ही होता है. ईमानदारी इसी में है कि हर तरह के अत्यचार का विरोध किए जाए. मगर कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को उजाड़े जाने का विरोध करने वाले पांच वर्षों मंे 10 हजार से अधिक जम्म-कश्मीर की महिलाओं एवं लड़कियों के गायब होने पर खास गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं.

गायब होने वाली महिलाओं और बच्चियों को जमीन निगल गई या आसमान खा गया, इस बारे में किसी के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है. गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने भी राज्यसभा के सामने इस मामले में अपनी विवषता जाहिर की. उन्हांेने एक सवाल के जवाब में सदन को बताया कि 2019 से अब तक जम्मू कश्मीर से लगभग 10 हजार महिलाएं लापता हैं.

भारतीय संसद को सूचित किया गया कि 2019 से जम्मू कश्मीर में 18 वर्ष से ऊपर और नीचे की श्रेणियों की 9,765 महिलाएं अपने घरों से लापता हो गई हैं.गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 2019 से 2021 तक के आंकड़े जम्मू कश्मीर के लिए परेशान करने वाले हैं. इन तीन वर्षों में 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के लापता होने के 1,148 मामले सामने आए और 18 साल से अधिक उम्र की 8,617 महिलाएं लापता हो गईं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन महिलाओं का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है.द कश्मीरियत द्वारा प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि 2019 के बाद से इस क्षेत्र में महिलाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट में बढ़ोतरी हुई है.2019 में, 18 वर्ष से कम उम्र की 355 महिलाएं लापता हो गई हैं और 18 वर्ष से अधिक उम्र की 2738 महिलाएं लापता हैं. अगले वर्ष, 18 वर्ष से नीचे और ऊपर की श्रेणियों में क्रमशः 350 और 2701 महिलाएं लापता हो गईं. साल 2021 में जम्मू कश्मीर से 3178 महिलाएं लापता हुईं जिनकी उम्र 8 साल या उससे अधिक थी, जबकि 18 साल से कम उम्र की 443 महिलाएं लापता हुईं.

यूटी सूची में जम्मू कश्मीर दूसरे स्थान पर है.महिलाओं के लापता होने के मामलों में दिल्ली शीर्ष पर है. 2019 से 2021 के बीच दिल्ली में 18 साल से कम उम्र की 22,919 और 18 साल से कम उम्र की 61,050 लड़कियां लापता हो गईं.2021 में, महाराष्ट्र भारत में शीर्ष पर रहा. राज्य में 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लापता होने के 56,498 मामले दर्ज किए गए.

स्थानीय मीडिया के अनुसार,जम्मू कश्मीर में महिलाओं से संबंधित मुद्दों के लिए विभिन्न उपाय अपनाए गए हैं, जिनमें महिला अपराधियों और संदिग्धों की गिरफ्तारी, तलाशी और पूछताछ में जांच कर्मचारियों को सहायता शामिल है.

अप्रैल 2016 में, चार महिला पुलिस स्टेशन, अनंतनाग, बारामूला, राजौरी और उधमपुर जिलों में एक-एक बनाए गए हैं. 208 पद महिला पुलिस स्टेशन के लिए स्वीकृत किए गए हैं जिनमें 1 इंस्पेक्टर, 1 एसआई, 2 एएसआई, 6 एचसी , 34 सीटीएस और 8 फॉलोअर्स शामिल है.

दावा किया गया है कि राज्य में महिला पुलिस की ताकत कई गुना बढ़ गई है और राज्य की कुछ महिला अधिकारियों को राज्य सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से सीधे डीवाईएसपी रैंक पर भर्ती किया गया है.जम्मू कश्मीर के ज्यादातर जिलों में पुलिस ने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर भी बनाए हैं. बावजूद इसके महिलाएं और लड़किया गायब हो रही हैं.