कठुआ आत्महत्या मामला: पुलिस प्रताड़ना के आरोपों ने खड़े किए गंभीर सवाल
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक व्यक्ति द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना ने देशभर में गहरी चिंता और आक्रोश को जन्म दिया है. आरोप है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस व्यक्ति को इस हद तक प्रताड़ित किया कि उसने अपनी जान देने का फैसला किया.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से इस तरह के सत्ता के बेशर्म दुरुपयोग को रोकना केंद्र की प्राथमिक जिम्मेदारी बनती है. “आरोपी अधिकारियों और उनके वरिष्ठों को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए,” ओवैसी ने अपने बयान में कहा.
In Jammu’s Kathua, a man was tortured by J&K police to such an extent that he died by suicide. Since J&K was made a Union Territory, it’s the responsibility of the Modi govt to prevent such brazen abuse of power. The accused officers & their superiors should be suspended… https://t.co/AM9OLuyjga
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 7, 2025
पुलिस की प्रताड़ना का आरोप और मृतक का अंतिम वीडियो
विजयता सिंह, उप संपादक, द हिंदू, ने बताया कि आत्महत्या से कुछ क्षण पहले शूट किया गया मृतक का वीडियो दिल दहलाने वाला है. इस वीडियो में वह व्यक्ति पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए अपने दर्दनाक अनुभव को साझा करता है.
इस घटना ने जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था और पुलिस बर्बरता पर एक बार फिर सवालिया निशान लगा दिया है. स्थानीय लोगों और मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
केंद्र सरकार और प्रशासन की भूमिका पर उठते सवाल
जब से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हटाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, तब से यहां पुलिस और प्रशासनिक नियंत्रण पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन है। ऐसे में इस तरह की घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर आती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते सरकार ने इस मामले में कठोर कार्रवाई नहीं की, तो यह जम्मू-कश्मीर में सरकार की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर सकता है।
After he was allegedly tortured by J&K Police, man dies by suicide in Jammu's Kathua. The video, shot moments before his death is chilling. #nayakashmir pic.twitter.com/hVJ75lJteT
— Vijaita Singh (@vijaita) February 7, 2025
मानवाधिकार संगठनों की मांग
मानवाधिकार संगठनों और सिविल सोसायटी ने इस मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की है. उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में बढ़ती पुलिस बर्बरता और मानवाधिकार हनन को रोकने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए.
यह देखना बाकी है कि क्या मोदी सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन इस गंभीर घटना पर आवश्यक कार्रवाई करते हैं या इसे एक और ‘अनदेखी’ मामले की तरह छोड़ दिया जाएगा.
(आगे की जानकारी के लिए पढ़ते रहें…)