Kerala मस्जिद ने क्यों खोले हिंदू वर-वधु के लिए मंडप सजाने को दरवाजे
भारतीय जनता पार्टी शासित प्रदेश सरकारें ‘लव जिहाद’ के नाम पर मुस्लिम-हिंदू रिश्तों में दूरियाँ बढ़ाने की कोशिश में हैं. इस बीच केरल से एक अच्छी खबर है. वहां की एक मस्जिद ने एक निर्धन हिंदू परिवार के वर-वधु के लिए न केवल अपने परिसर में मंडप सजाने की इजाजत दे दी, मेहमानों के भोजन का भी इंतजाम किया. इस पर इलाके के सांसद एमए आरिफ कहते हैं-‘‘ऐसी कोशिश तनावपूर्ण माहौल में सांप्रदायिक सौहार्द की बेहतर मिसाल है.’’
अभी शादियों का मौसम है. कोरोना भी पिक पर है. इसके बावजूद शादी समारोह के लिए जगह कम पड़ रही. केरल के एक निर्धन परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपनी बेटी की शादी के लिए महंगे ‘मैरेज हाल’ का इंतजाम करता. ऐसे में इलाके की एक मस्जिद ने
उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया. मस्जिद प्रबंधन की ओर से हिंदू वर-वधु अनुज और श्रेष्ठा के लिए अपने परिसर के दरवाज़े खोले. मंडप सजाकर पूजारी को मंत्रोचारण के साथ शादी की अनुमति भी दे दी. यही नहीं मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने शादी समारोह में शामिल करीब एक हजार लोगों को शाकाहारी भोजन भी कराया.
केरल की मस्जिद की इस पहल की जहां हर तरफ सराहना हो रही है, वहीं सोशल मीडिया पर इससे संबंधित वीडियो देखकर मुसलमानों के हर अच्छे कामों पर नकारात्मक टिप्पणियां करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर मुसलमानों में भी बहस छिड़ गई है कि क्या मस्जिद की जगह शादी जैसे किसी और काम के लिए इस्तेमाल के लिए दी जा सकती है ? एक वर्ग इसे सही नहीं मानता. ऐसे लोगों में शामिल सुफयान उस्मानी ट्वीटर पर कमेंट करते हैं-‘‘मेरे ख्याल से इस जगह का उपयोग नमाज केे अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाना चाहिए’’. जबकि कुछ ऐसे लोग भी हंै, जो मानते हैं, नियत और काम अच्छा हो तो इसमें कोई बुराई नहीं. हालांकि, इसपर अभी उलेमा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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संपादक