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Khoja Shia Maulana Shaikh Hasan Ali Rajani की पाकिस्तान में शांति की अपील, ईरान और लेबनान को भी नसीहत

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,मुंबई

शिया धर्मगुरु मौलाना हसन अली रजानी ने पाकिस्तान में चल रहे गृह युद्ध और शियाओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने पाकिस्तान में शांति और युद्धविराम की अपील की.इसके साथ ही उन्होंने शिया मौलाना होते हुए ईरान और लेबनान को कई तरह की नसीहत दे डाली.

मौलाना रजानी ने कहा कि पाकिस्तान का निर्माण Khoja Shia परिवार के सदस्य और पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में हुआ था. Khoja Shia शिया समुदाय ने हमेशा न्याय और जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि 1980 से ईरान और लेबनान के शिया आतंकवादियों ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अफ्रीका और सऊदी अरब में शियाओं के खिलाफ हिंसा का सिलसिला शुरू किया, जिसमें अब तक 50 लाख से अधिक शियाओं की हत्या हो चुकी है.

मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान के Khoja Shia समुदाय ने देशभक्ति और पाकिस्तान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन, शियाओं के खिलाफ जारी उत्पीड़न से देश कमजोर हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की जिम्मेदारी है कि वह हर व्यक्ति की संपत्ति और जीवन की सुरक्षा करे.

दुनियाभर में Khoja Shia समुदाय की स्थिति

मौलाना रजानी ने वर्ल्ड फेडरेशन के अध्यक्ष सफदर जाफर के हालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में Khoja Shia समुदाय की आबादी सिर्फ 1.42 लाख है. यह समुदाय कई देशों में उत्कृष्ट सेवाएं दे रहा है, लेकिन उनके बीच कुछ लोग गरीबी का जीवन जीने को मजबूर हैं. उन्होंने ख्वाजा समुदाय के भीतर गरीबी को दूर करने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की.

ईरान और लेबनान पर आरोप

मौलाना रजानी ने ईरान और लेबनान के शिया आतंकवादियों पर Khoja Shia को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ये आतंकी संगठनों को समर्थन देकर हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कृत्य न केवल शिया समुदाय को नुकसान पहुंचाएंगे बल्कि इस्लाम के मूल सिद्धांतों को भी कमजोर करेंगे..

गुजरात में बहन की मजलिस का जिक्र

मौलाना ने अपनी बहन मुमताज बानो की मजलिस का उल्लेख करते हुए कहा कि यह 28 नवंबर 2024 को गुजरात के अमरेली में आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी बहन एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थीं, जिनकी शहादत के बाद गुजरात में शोक की लहर है. उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात से कुछ लोग पलायन करके लखनऊ जाने की योजना बना रहे हैं.

आत्मचिंतन और ईश्वर की ओर लौटने की अपील

मौलाना रजानी ने अपने बयान में इमाम अली (स.) का हवाला देते हुए कहा कि इंसान को नर्क और स्वर्ग के बीच के अंतर को समझना चाहिए. उन्होंने यह संदेश दिया कि धर्म के नाम पर हिंसा और आतंकवाद को किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि रोने और शोक मनाने से पहले अल्लाह की याद में दिल को सच्चाई से भरना चाहिए..

मौलाना हसन अली रजानी ने पाकिस्तान के गृह युद्ध और शियाओं के खिलाफ जारी हिंसा को समाप्त करने की अपील की. उन्होंने इसे इंसानियत और इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया और शांति स्थापना के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

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