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पाकिस्तान के जिस वजीराबाद में इमरान खान पर जानलेवा हमला हुआ जानिए उसके बारे में !

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

पाकिस्तान के जिस वजीराबाद में चार दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर जान लेवा हमला हुआ, वह अचानक सुर्खियों में आ गया है. पाकिस्तान के दूर-राज ही नहीं दूसरे देश के लोग भी जानना चाहते हैं कि आखिर यह वजीराबाद है कहां ? यह इलाका किन बातें के लिए चर्चित है ?

बता दूं कि पर्यटन के दृष्टि से पाकिस्तान का वजीराबाद बेहद अहमियत रखता है. शहर के प्रवेश द्वार पर ही मौलाना जफर अली खान के मकबरा का गेट बना हुआ है. यह इलाका पंजाब पाकिस्तान में. शहर शहर 83 किमी2 (32 वर्ग मील) में फैला हुआ है. 2017 के जनगणना के अनुसार इसकी शहरी जनसंख्या 299,751 ह और जनसंख्या का घनत्व 3,600 किमी2 (9,400 वर्ग मील) है.वजीराबाद में उर्दू और पंजाबी बोली जाती है. वजीराबाद के नाम से ही जिले की राजधानी है. यह इलाका कटलरी उत्पाद यानी चाकू,छुरी बनाने के लिए प्रसिद्ध. इसे कटलरी के शहर के रूप में जाना जाता है. यह अपने खाद्य पदार्थों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है.

वजीराबाद लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर उत्तर में ग्रैंड ट्रंक रोड पर चिनाब नदी के तट पर स्थित है. यह सियालकोट से 45 किलोमीटर, गुजरांवाला से 30 किलोमीटर और गुजरात से करीब 12 किलोमीटर दूर है. वजीराबाद शहर वजीराबाद तहसील का मुख्यालय है, जो जिले का एक प्रशासनिक उपखंड है. शहर 12 परिषदों में विभाजित है.

इतिहास

शहर की स्थापना मुगल सम्राट शाहजहां के एक अमीर वजीर खान ने की थी. 1760 के आसपास चरत सिंह ने इस शहर को जिले के अन्य शहरों के साथ अपने कब्जे में ले लिया था. महाराजा रणजीत सिंह ने 1809 में शहर पर कब्जा कर लिया और अविताबिले को शहर का नाजिम नियुक्त किया. 1855 में, राजौरी के जराल राजपूतों ने समन बुर्ज वजीराबाद का स्वामित्व हासिल किया और शाही परिवार के रूप में वजीराबाद पर शासन किया. उसने एक पूरी तरह से नया शहर बनाया, जिसमें एक सीधा चौड़ा बाजार है. किनारे की सड़कें समकोण हैं.

ब्रिटिश शासन

ब्रिटिश शासन के दौरान वजीराबाद पुराने वजीराबाद जिले का मुख्यालय था, जिसे 1851-52 में तोड़ दिया गया. फि 1855 में सियालकोट से हटाई गई एक सैनिक छावनी यहां बना दी गई.वजीराबाद में नगर पालिका 1867 में बनाई गई थी. 1901 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 18,069 थी. तब शहर में लकड़ी का व्यापार था, जो जम्मू क्षेत्र के चिनाब से आती थी. वजीराबाद उत्तर-पश्चिम रेलवे का एक महत्वपूर्ण जंक्शन है. सियालकोट-पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और लायलपुर दोनों लाइनें यहां से निकलती हैं.

चिनाब नदी के उपर अलेक्जेंड्रा रेलवे पुल है, जो अपनी तरह के बेहतरीन इंजीनियरिंग कार्यों में से एक है. इसे 1876 में एडवर्ड सप्तम राजा-सम्राट द्वारा खोला गया था जब वह प्रिंस ऑफ वेल्स थे. इस शहर में दो एंग्लो-वर्नाक्यूलर हाई स्कूल थे, एक चर्च ऑफ स्कॉटलैंड मिशन और एक सरकारी औषधालय द्वारा बनाए गए थे.

वजीराबाद सांस्कृतिक तौर पर समृद्ध

वजीराबाद एन -5 राष्ट्रीय राजमार्ग पर है, जो इसे उत्तर में पास के शहर जिले गुजरात और जिला राजधानी गुजरांवाला और दक्षिण में प्रांतीय राजधानी लाहौर से जोड़ता है. मल्टीपल डुअल कैरिजवे शहर को गुजरात, सियालकोट, डस्का और गुजरांवाला से भी जोड़ता है.वजीराबाद से कोट सरवर-हाफिजाबाद-वजीराबाएक्सप्रेसवे गुजरता है.वजीराबाद जंक्शन रेलवे से कराची, पेशावर , खानेवाल पहुंचा जा सकता है.