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जानिए, सऊदी अरब में कैसे मनाई जाती है ईद, नाश्ते में क्यों पसंद है मुफतह

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,रियाद

सऊदी अरब के लोगों में ईद अल-फितर को लेकर कई लोकप्रिय परंपराएं हैं. कुछ बच्चों को मिठाई देना पसंद करते हैं, जबकि अन्य एक दूसरे को उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं. यहां ईद पर सबसे आम यह है कि परिवार के सारे सदस्य इकट्ठे होकर सुबह के विशेष नाश्ते का लुत्फ उठाते हैं. कम-ओ-बेश ऐसी परंपरा भारत के मुसलमानों में भी प्रचलित है.

ईद के दिन यहां सामान्य सुबह का नाश्ता नहीं होता. दरअसल, यह पूरी दावत होती है जिसका कई परिवार सुबह-सुबह ईद की नमाज से लौटने के बाद एक साथ आनंद लेते हैं. उत्तरी सऊदी अरब के कुछ स्थानों पर परिवार अपने ईद के नाश्ते को पड़ोसियों के साथ साझा करते हैं या उन्हें अपने घरों में आमंत्रित करते हैं. कई बाहरी सड़क पर पार्टी करते हैं. इलाके, कालीनों को सजाते हैं. इसमें प्रत्येक परिवार भोजन तैयार कर शेयर करते हैं.

किंगडम के मध्य क्षेत्र और कुछ अन्य क्षेत्रों में, परिवार आमतौर पर मुफतह पकाते हैं. यह एक पारंपरिक मांसाहारी व्यंजन है, जो विशेष तौर से शादियों या ईद की छुट्टी के मौके पर पकाया जाता है. हालांकि इसे साल में केवल एक या दो बार ही खाया जाता है.

मुफतह सऊदी अरब में अत्यधिक लोकप्रिय है. आमतौर पर यह भेड़ के बच्चे के गोश्त से तैयार होता है.उत्तरी रियाद के पड़ोस अलनारजिस में कसाई का काम करने वाले असीम अलोताबी ने कहा, इसके लिए जानवर साफ और स्वस्थ होना जरूरी है. हम अपने पशुओं को घास और जौ खिलाते हैं. जानवर या तो जवान हो या बूढ़ा. इसके मांस से ही भोजन का स्वाद निर्भर करता है. यानी मुफतह का स्वाद बहुत हद तक जानवर की उम्र पर निर्भर है.

उन्होंने बताया, मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात मांस की गुणवत्ता है. जब तक आप खुद जानवर को नहीं देखते, तब तक पता लगा पाना मुश्किल है कि मुफतह पकाने के लिए जिस भेड़ के गोश्त का इस्तेमाल करने वाले हैं, वह अच्छा भोजन तैयार करने लायक है या नहीं.

अलोताबी ने कहा कि उनकी दुकान स्थानीय रूप से पाले गए मेमने और जंगली ऊंट के मांस में माहिर है. रियाद के बाहर रेगिस्तान में उनका अपना खेत है, जहां उनके जानवर, विशेष रूप से ऊंट स्वतंत्र रूप से घूमते हैं.

हालांकि, जैविक शैली से जानवर पालना अपने आप में जोखिम भरा है. अलोताबी ने बताया कि कई बार पशुधन चोरी हो जाते हैं. एक बार चोर उनके 120 भेड़ खोल ले गए, जबकि उसे ईद से एक या दो सप्ताह पहले बड़ी संख्या में ग्राहकों के लिए डिलीवरी के ऑर्डर मिल चुके थे.

यह पूछे जाने पर कि मांस खरीदते समय लोगों को क्या देखना चाहिए, अलोताबी ने कहा कि जिस तरह से इसे तैयार किया गया है और संग्रहीत किया गया है, वह मांस की प्रारंभिक गुणवत्ता से कम महत्वपूर्ण नहीं है. उन्होंने कहा कि अक्सर लोग अपने स्थानीय दुकान पर ताजा मांस की तलाश करते हंै. बिना इस बात पर ध्यान दिए कि इसे कैसे संग्रहीत किया गया है.

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उत्तरी रियाद के एक सुपरमार्केट के कसाई खलील मोहम्मद से जब पूछा गया कि वह कैसे सुनिश्चित करते हैं कि मांस सबसे अच्छा बना रहे हैं.

उन्होंने कहा, मेमने की खाल उतारने के तुरंत बाद हम सबसे पहले मांस को धोते है.फिर हम मांस को एक सफेद कपड़े में लपेटते हैं. उसके बाद, मांस को रेफ्रिजरेटर में 0 से 5 डिग्री सेल्सियस तक के ठंडे तापमान में संग्रहित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मांस की गुणवत्ता उच्च बनी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए भंडारण तापमान महत्वपूर्ण है.तापमान जितना कम होगा, उसके लंबे समय तक ताजा और स्वादिष्ट बने रहने की संभावना उतनी ही बेहतर होगी.

मांस की गुणवत्ता के संदर्भ में, मोहम्मद ने कहा कि मांस से वसा का अनुपात मायने रखता है.जानवरों कैसी पशु चिकित्सा, देखभाल मिल रही है, मांस की गुणवत्ता इसपर भी निर्भर करती है.

उन्हांेने बताया कि पशु जिबह करने से पहले चिकित्सक द्वारा जांच की जानी चाहिए. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह स्वस्थ है या नहीं.ईद अल-फितर, जो सऊदी अरब में शुक्रवार से शुरू हुआ है अगले तीन दिनों तक पारिवारिक समारोहों और उत्सवांे का माहौल रहेगा.