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जानें वह छह बातें जिसके सिरे चढ़ने तक पाकिस्तान एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में बना रहेगा

पाकिस्तान को अभी और फजीहत झेलनी होगी. मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ( एफएटीएफ) ने उसे छह शर्तों वाला एक और फार्मूला थमा दिया है. साथ ही शर्त रखी गई
है कि बिना इसपर अमल किए पाकिस्तान को एफएटीएफ के ग्र लिस्ट से बाहर नहीं निकाला जा सकता.

इस सूची में बने रहने का मतलब है विश्व बिरादरी की कई सहूलियतों से वंचित रखना. पाकिस्तान 2018 से एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में है.

एफएटीएफ ने नए शर्तों पर अमल करने तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने के फैसले का ऐलान किया है. इस दौरान कहा कि पाकिस्तान ने शर्तों के 26 बिंदुओं पर अमल किया है, लेकिन जब तक इसके सभी बिंदुओं का पालन नहीं किया जाता, तब तक ग्रे लिस्ट से नाम नहीं हटाया जाएगा.

पेरिस में एफएटीएफ की पांच दिवसीय बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संगठन के अध्यक्ष मार्कोस प्लेयर ने इस अहम फैसले की जानकारी दी.

पाकिस्तान को लंबे समय तक ग्रे लिस्ट में रखने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमारे नियम स्पष्ट हैं. जो उनका पालन नहीं करेंगे.उन्हें सूची में रहना होगा.
एफएटीएफ अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग का नया एक्शन प्लान दिया गया है. उन्होंने पाकिस्तान से इसे जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह किया है.

इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि एफएटीएफ चाहता है कि पाकिस्तान यह साबित करे कि आतंकवादी वित्तपोषण के मामलों में जांच और दोषी पाए जाने वाले संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के ‘वरिष्ठ नेताओं‘ और ‘कमांडरों‘ पर सख्त कार्रवाई की जा रही है.

इससे पहले, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कानून बनाया था, जिसके तहत जमात-उद-दावा के नेता हाफिज सईद सहित कई ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. हाफिज सईद वर्तमान में आतंकवाद और आतंकवादियों के वित्तपोषण सहित विभिन्न मामलों में जेल में सजा काट रहा है.

एफएटीएफ प्रमुख ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग अभी भी जारी है. पाकिस्तान को अपनी जांच को और आगे बढ़ाने की जरूरत है.पाकिस्तान ने हाल में इस संबंध में संसद में लगभग एक दर्जन कानून पास किए हैं और कई कदम उठाए है. यही वजह है कि एफएटीएफ के प्रमुख ने स्वीकारा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के
वित्तपोषण मामले में काम किया है.उन्होंने कहा,‘हालांकि, मनी लॉन्ड्रिंग अभी भी चल रही है.‘

आतंकवाद विरोधी कार्य योजना के अलावा पाकिस्तान को एफएटीएफ की सहायक एशिया-प्रशांत समूह की संयुक्त समीक्षा में चालीस सिफारिशों को भी लागू करना पड़ा, जिनमें से अधिकांश मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित हैं.इस संबंध में पाकिस्तान को अब एफएटीएफ की ओर से नया छह सूत्री एक्शन प्लान दिया गया है.

योजना के अनुसार, पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण की कमियों को दूर करना है जो इस प्रकार हैं.

  • मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों में संशोधन करके अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना.
  • साबित करें कि संयुक्त राष्ट्र के नियमों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग मांगा जा रहा है.
  • साबित करें कि देश में गैर-वित्तीय व्यवसायों और पेशेवरों, जैसे रियल एस्टेट एजेंट, ज्वेलरी डीलर, वकील, एकाउंटेंट और अन्य पेशेवरों की निगरानी और कार्रवाई करने के लिए एक तंत्र उपलब्ध है.
  • ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध बेनामी संपत्तियों आदि को समाप्त करने के लिए कार्रवाई की एक प्रणाली तैयार की जानी चाहिए.
  • मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करें और अन्य देशों के साथ उनकी संपत्ति को जब्त करने और दंड लगाने के लिए काम करें.
  • यह सुनिश्चित करने के लिए गैर-वित्तीय व्यवसायों और पेशेवरों का पर्यवेक्षण करें कि वे परमाणु सामग्री के प्रसार से संबंधित नियमों का पालन करते हैं. ऐसा नहीं करने वालों पर प्रतिबंध लगाते हैं.