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जानिए, कौन है बांग्लादेश का 14 वर्षीय सालेह अहमद तकरीम, जिसने दुबई में जीता अंतराष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिता

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,दुबई

अंतरराष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिता जीतकर बांग्लादेश के 14 वर्षीय सालेह अहमद तकरीम ने दुनिया भर के मुसलमानों का ध्यान आकर्षित किया है.दुबई एक्सपो सिटी में अल-वासल प्लेस में 4  आयोजित समारोह में शेख मुहम्मद बिन राशिद बिन मुहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम ने युवा तकरीम को अंतरराष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिता में अव्वल आने पर पुरस्कार देकर सम्मान किया.

समारोह की रात यादगार रही. खलीज टाइम्स के अनुसार दुबई अंतरराष्ट्रीय कुरान पुरस्कार के विजेताओं का जश्न मनाने के लिए 40 से अधिक देशों के लोग जुटे. इस दौरान समारोह स्थल के गुंबद को रंगीन रोशनियों से विशेष तौर से सजाया गया था. रमजान के इस महीने में समारोह स्थल बिल्कुल इस्लामिक दिखा.

24 मार्च को रमजान में शुरू हुई प्रतियोगिता में कई लोगों ने भाग लिया. इथियोपिया के अब्बास हादी उमर दूसरे स्थान पर रहे, जबकि सऊदी अरब के खालिद सुलेमान सलीह अल-बरकानी को तीसरा स्थान मिला.
कैमरून के नूरुद्दीन और इंडोनेशिया के फतवा हदीस मौलाना ने संयुक्त रूप से चैथा स्थान हासिल किया. केन्या, सीरिया, यमन, ब्रुनेई और मोरक्को के प्रतियोगी छठे, सातवें, आठवें और नौवें स्थान पर रहे.

समारोह में अल अजहर विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अहमद उमर हाशम को इस्लामिक पर्सनालिटी ऑफ द दुबई इंटरनेशनल कुरान अवार्ड से सम्मानित किया गया.

सालेह अहमद तकरीमः एक असाधारण छात्र

यह पहली बार नहीं है जब तकरीम ने इस तरह की कोई प्रतियोगिता जीती हो. ढाका में कुरान के छात्र तकरीम ने मार्च 2022 में ईरान में आयोजित कुरान प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया था. साथ ही सितंबर 2022 में मक्का में आयोजित कुरान प्रतियोगिता में तीसरा स्थान पर रहे थे.

ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नगरपुर के भादरा गांव के लोगों ने 26वीं अंतरराष्ट्रीय कुरान पाठ प्रतियोगिता में सालेह अहमद तकरीम की हालिया जीत पर खुशी जाहिर की है.

इसी रिपोर्ट में तकरीम के चचेरे भाई हाफिज मोहम्मद असदुल्लाह और मोहम्मद अहमदुल्लाह ने कहा, “मेरा भाई तकरीम कुरान प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 20 मार्च को दुबई गया था. प्रतियोगिता दूसरे रमजान से शुरू हुई थी. प्रतियोगिता के परिणाम मंगलवार रात घोषित किए गए. तकरीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. इस खबर से हमारे गांव के लोग बहुत खुश हैं.

बांग्लादेश में उप जिला निर्बाही अधिकारी, मोहम्मद वहीदुज्जमां सहित आम लोगों तक इस खबर के पहुंचने पर जिन्होंने कहा, “तकरीम की इस सफलता पर हमें गर्व है. हमें इतना बड़ा सम्मान दिलाया है.

गांव के लोग खुशियांे से सराबोर

हाफिज सालेह अहमद तकरीम का गांव खुशी से सराबोर है. अपने क्षेत्र के बच्चों की सफलता पर ग्रामीणों के साथ-साथ पूरे जिले के लोगों खुद को गौर्वान्वित महसूस कर रहे हैं.तकरीम को पुरस्कार में बांग्लादेशी मुद्रा में 71 लाख 70 हजार टाका का पहला पुरस्कार मिला है.

तकरीम का घर तंगैल के नगरपुर उप जिला के भादरा संघ के भादरा गांव में है. हिफ्ज पूरा करने के बाद, उन्हें ढाका के मार्काजू फैजिल कुरान अल इस्लामी के पुस्तक विभाग में दाखिल कराया गया था. उनके पिता हाफिज अब्दुर रहमान ढाका के सावर में दारुल उलूम इस्लामिया मदरसा में पढ़ाते हैं. तकरीम बुधवार दोपहर घर लौट आए. उनके पिता भी उनके साथ दुबई गए थे.

पिक्चर क्रेडिट: कलेरकांथो