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जानिए, कौन हैं मुनीर खान जिन्हें ‘ यंग साइंटिस्ट अवार्ड’ से सम्मानितकिया गया

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

उत्तर प्रदेश के खीरी जिले के छोटे से गांव गौरिया के निवासी मुनीर खान नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘यंग साइंटिस्ट अवार्ड’ प्रदान किया गया. इस मौके पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.

इस अवसर पर मुनीर खान ने बताया कि उन्होंने एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जिसका इस्तेमाल करके किसान कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस के माध्यम से जमीन की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है.

इसका उपयोग करके किसान अपने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता का पता कर सकेंगे. इस डिवाइस के जरिए उन्हें यह पता चल सकेगा कि उनके खेत में किन तत्वों की कमी है और किस उर्वरक की जरूरत है.इससे किसान कम खर्च में अपने खेत से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे। मुनीर खान की इस डिवाइस को भारत सरकार से पेटेंट मिल चुका है।.

  • मुनीर खान का परिचय:खीरी जिले के गौरिया गांव के निवासी.
  • हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अप्लाइड वैज्ञानिक.
  • उत्तराखंड के कॉलेज से बीटेक और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमएस और एमफिल किया.
  • प्राप्त अवार्ड:नई दिल्ली में ‘यंग साइंटिस्ट अवार्ड’ से सम्मानित.
  • पहले भी इंटरनेशनल यंग साइंटिस्ट अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं.
  • नवाचार और डिवाइस:कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए बनाई गई डिवाइस.
  • डिवाइस के जरिए जमीन की गुणवत्ता और आवश्यक तत्वों की कमी का पता चलता है.
  • किसान मिट्टी की गुणवत्ता जानकर उचित उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं.
  • डिवाइस की विशेषताएँ:पेन की नोक जैसी डिवाइस जो मिट्टी की गुणवत्ता बताती है.
  • मोबाइल ऐप के जरिए जानकारी प्राप्त की जा सकती है.
  • नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटास, जिंक, बोरान जैसे तत्वों की आवश्यकता का पता चलता है.
  • खेत में नमी की जरूरत भी बताती है.
  • कृषि में लाभ:छोटे किसानों के लिए फायदेमंद।
  • उर्वरक का सही मात्रा में उपयोग.
  • अधिक उत्पादन और कम लागत.
  • अतिरिक्त जानकारी:मुनीर खान का अपना एआई बेस्ड ग्लासेज का स्टार्टअप है जो अमेरिका में चल रहा है.
  • डॉ. दुर्गेश पंत की निगरानी में डिवाइस तैयार की गई.

मुनीर खान ने बताया कि खेतों और छोटे किसानों के लिए यह डिवाइस बहुत फायदेमंद साबित होगी. किसानों को अपने खेत में अधिक उर्वरक डालने की जरूरत नहीं होगी. जितनी उसकी फसल को जरूरत होगी, उतनी मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटास, जिंक, बोरान या किसी और तत्व की आवश्यकता का पता चल सकेगा.

खीरी जिले से निकलकर मुनीर ने उत्तराखंड के कॉलेज से बीटेक किया। इसके बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमएस और एमफिल करने के बाद इस वक्त मुनीर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अप्लाइड वैज्ञानिक हैं.
इससे पहले मुनीर को इंटरनेशनल यंग साइंटिस्ट का अवार्ड मिल चुका है। इसके अलावा मुनीर का अपना एआई बेस्ड ग्लासेज का स्टार्टअप भी है, जो अमेरिका में चल रहा है.

मुनीर के मुताबिक, जमीनों के बंजर होने की चिंता उन्हें भी थी, इसलिए पंतनगर यूनिवर्सिटी के डॉ. दुर्गेश पंत की निगरानी में मुनीर खान और उनके दो साथियों, आशुतोष भट्ट और पंकज अधिकारी ने यह मॉनिटरिंग डिवाइस तैयार की. इसमें पेन की नोक की तरह दो डिवाइस होती हैं, जो यह बताती हैं कि कौन सी फसल बोनी चाहिए और खेत में किन-किन पोषक तत्वों की कमी है.

इस डिवाइस को मोबाइल ऐप के जरिए पता लगाया जा सकता है कि कितनी खाद खेत को चाहिए और जमीन में किस-किस पोषक तत्व की कितनी कमी है. यही नहीं, खेत में कितनी नमी की जरूरत है और कितनी नमी चाहिए, यह भी इस डिवाइस से पता चल जाएगा.

मुनीर के मुताबिक, खेतों और छोटे किसानों के लिए यह डिवाइस बहुत फायदेमंद साबित होगी. किसानों को ज्यादा उर्वरक डालने की जरूरत नहीं होगी.
जितनी उसकी फसल को जरूरत होगी, उतनी मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटास, जिंक, बोरान या किसी और तत्व की आवश्यकता का पता चल सकेगा.

खीरी जिले के गौरिया गांव से निकलकर मुनीर ने उत्तराखंड के कॉलेज से बीटेक किया. इसके बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमएस और एमफिल करने के बाद इस वक्त मुनीर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अप्लाइड वैज्ञानिक हैं. इससे पहले मुनीर को इंटरनेशनल यंग साइंटिस्ट का अवार्ड मिल चुका है. इसके अलावा मुनीर का अपना एआई बेस्ड ग्लासेज का स्टार्टअप भी है, जो अमेरिका में चल रहा है.