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लोकसभा चुनाव 2024: फोर्ब्स ने खोली भाजपा के चुनावी दावों की पोल, भारत शक्तिशाली 10  देशों में नहीं

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी भाषण में कहा,‘‘मुस्लिम कोटा देश के इस्लामीकरण के एजेंडे का हिस्सा है.‘‘ नरेंद्र मोदी हों या योगी, दरअसल, इन जैसे भारतीय जनता पार्टी ने नेताओं को चुनाव के प्रथम चरण में मतदाताओं के रूख से अहसास हो चुका है कि ‘मोदी की गारंटी’ वाला कार्ड पिट चुका है. केंद्र से उनकी लुटिया गुल हो सकती है.

ऐसे मंे बीजेपी के बड़े नेताओं ने चुनाव को हिंदू-मुसलमान कर रंग देना शुरू कर दिया है. हालांकि,  फोर्ब्स इंडिया जैसी प्रतिष्ठित पत्रिका ने बीजेपी की और केंद्र सरकार की पोल खोल दी है. पिछले 10 वर्षों से बीजेपी वाले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के पावर फुल कंट्री होने की घुट्टी पिला रहे थे.

मोदी विदेश में जहां जाते, वहां ‘अपने आदियों’ के माध्यम से ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाते , मगर हकीकत इससे विपरीत है.2024 में दुनिया के शीर्ष 10 सबसे शक्तिशाली देशों में भारत कहीं नहीं हैं.फोर्ब्स इंडिया ने हाल में 2024 के दुनिया के शीर्ष 10 सबसे शक्तिशाली देशों की एक सूची जारी की है, जिसमें भारत की दशा बहुत खराब है.

फोर्ब्स इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है-‘‘वैश्विक क्षेत्र में शक्ति बहुआयामी है, जिसमें राजनीतिक प्रभाव, आर्थिक संसाधन और सैन्य शक्ति शामिल है. प्रत्येक देश की शक्ति कई पहलुओं में उसकी शक्ति का संकेत देती है, जिसमें आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव, अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों में ताकत और प्रभावशाली सैन्य शक्ति शामिल है. 2024 में दुनिया के शीर्ष 10 शक्तिशाली देशों की रैंकिंग यूएस न्यूज द्वारा निम्नलिखित पद्धति से संकलित की गई है.

फोर्ब्स इंडिया ने रैंकिंग तैयार करने के लिए इन बिंदुओं का सहारा लिया, नेता,आर्थिक प्रभाव, राजनीतिक प्रभाव, मजबूत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन, और मजबूत सेना. यह रैंकिंग मॉडल बीएवी ग्रुप द्वारा तैयार किया गया, जो वैश्विक विपणन संचार कंपनी डब्ल्यूपीपी की एक इकाई है, और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल के प्रोफेसर डेविड रीबस्टीन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट के सहयोग से तैयार किया है.

रिपोर्ट के माध्यम से फोर्ब्स  ने दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर देशों की सूची बनाई है उसमें संयुक्त राज्य अमेरिका पहले स्थान पर है.रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद यानी पीपीपी  83.06 हजार डॉलर हे और क्षेत्रफल 9,833,517 वर्ग किमी है.

संयुक्त राज्य अमेरिका, एक वैश्विक महाशक्ति है और यह प्रौद्योगिकी, वित्त और मनोरंजन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी बना हुआ है. बिडेन प्रशासन बुनियादी ढांचे के विकास और जलवायु परिवर्तन पहल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. अमेरिका कई अग्रणी तकनीक कंपनियों का भी घर है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी मजबूत स्थिति में योगदान दे रहा है.

इस लिस्ट में  चीन दूसरे नंबर पर है. फोर्ब्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस देश की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 13.16 हजार डॉलर और क्षेत्रफल 9,596,960 वर्ग किमी है.

मोदी सरकार जिस चीन को ‘दो कौड़ी’ की बताती है वह फोर्ब्स इंडिया के 2024 के दुनिया के शीर्ष 10 शक्तिशाली देशों में दूसरे स्थान पर है. चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का दायरा बढ़ रहा है. अधिक से अधिक देश इस परियोजना में शामिल हो रहे हैं. इस पहल का उद्देश्य भूमि और समुद्री नेटवर्क के माध्यम से एशिया को अफ्रीका और यूरोप से जोड़कर आर्थिक विकास और व्यापार को बढ़ावा देना है. चीन विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता और 5जी में महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति कर रहा है, जिससे वह खुद को वैश्विक तकनीकी नेता के रूप में स्थापित कर रहा है.

फोर्ब्स इंडिया की रिपोर्ट में रूस दुनिया का तीसरा शक्तिशाली मुल्क है. इस देश का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 13.32 हजार डॉलर है और  क्षेत्रफल 17,098,242 वर्ग कि.मी है.रूस अपने विशाल प्राकृतिक संसाधनों और सैन्य क्षमताओं का लाभ उठाकर वैश्विक भू राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. देश अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है. आने वाले वर्षों में वेनेरा-डी वीनस लैंडर नामक कई मिशन लॉन्च करने की योजना है. इन मिशनों का उद्देश्य चंद्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों का पता लगाना है, जो ब्रह्मांड की हमारी समझ में योगदान देता है.

फोर्ब्स इंडिया की सूची में जर्मनी चौथे नंबर पर है. इसका प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 56.04 हजार डॉलर है तथा क्षेत्रफल 357,022 वर्ग किमी है.जर्मनी यूरोपीय संघ की हरित ऊर्जा पहल में अग्रणी है. देश नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करता है. जर्मनी विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन पर भी ध्यान केंद्रित किए हुए है, जिसका लक्ष्य दक्षता और उत्पादकता में सुधार करना है.

दुनिया के शीर्ष 10 सबसे पावरफुल देशों में यूनाइटेड किंगडम पांचवें स्थान पर है. इसका प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 49,675 डॉलर और क्षेत्रफल 243,610 वर्ग कि.मी है.यूके ब्रेक्सिट के बाद के व्यापार सौदों और वार्ता पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसका लक्ष्य नई आर्थिक साझेदारी स्थापित करना है. देश तकनीकी उद्योग में प्रगति कर रहा है. लंदन स्टार्टअप के लिए एक केंद्रीय केंद्र है. ये स्टार्टअप विभिन्न क्षेत्रों में नवीन समाधानों पर काम करते हैं, जो यूके की आर्थिक वृद्धि में योगदान देते हैं. जबकि भारत की बीजेपी सरकार केवल स्टार्टअप के नाम पर राजनीति करती है.

फोर्ब्स इंडिया की सूची में दक्षिण कोरिया शक्तिशाली देशों में छठे स्थान पर है. इसका प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 34.65 हजार और क्षेत्रफल 99,720 वर्ग किमी है.दक्षिण कोरिया प्रौद्योगिकी और नवाचार में वैश्विक नेता बना हुआ है़. देश कई अग्रणी तकनीक कंपनियों का घर है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी मजबूत स्थिति में योगदान दे रही है. कार्बन उत्सर्जन को कम करने के अलावा, दक्षिण कोरिया हरित ऊर्जा पहल को बढ़ावा देने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को भी अपना रहा है.

फोर्ब्स इंडिया की सूची में फ्रांस का नंबर सातवां है.फ्रांस का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, 48.22 हजार डॉलर और क्षेत्रफल 643,801 वर्ग किमी है.फ्रांस अपने डिजिटल परिवर्तन और हरित ऊर्जा पहल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. देश अपने उद्योगों के आधुनिकीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन पर काम कर रहा है. फ्रांस यूरोपीय संघ की नीतियों और नियमों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो ब्लॉक की आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान है.

फोर्ब्स इंडिया की सूची में जापान आठवें स्थान पर है. जापान का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, 34.55 हजार डॉलर है, जबकि क्षेत्रफल 377,915 वर्ग किमी है.नवीनतम हेनले पासपोर्ट सूचकांक में जापान 194 देशों में वीजा-मुक्त या आगमन पर वीजा पहुंच के साथ पहले स्थान पर है, जिससे उसका पासपोर्ट दुनिया में सबसे शक्तिशाली में से एक बन गया है. यह देश कारों और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए जाना जाता है. यह 4.23 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ विश्व स्तर पर चैथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. देश वर्तमान में प्रौद्योगिकी की अगली लहर पर हावी होने के लिए चिप निर्माण, एआई और ईवी के विकास पर भारी ध्यान केंद्रित कर रहा है.

सऊदी अरब फोर्ब्स इंडिया के पावरफुल देशों में 9वें स्थान पर है. इस देश का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 33.15 हजार डॉलर और क्षेत्रफल 2,149,690 वर्ग किमी है.इसके विरोधी देश यह दुष्प्रचार करते हैं कि सऊदी अरब के तेल के कुएं सूख रहे हैं, इसलिए यह यह मिशन 2030 के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए अलग-अलग नुस्खे तैयार कर रहा है, जबकि सऊदी अरब की रिपोर्ट ऐसा नहीं कहती.

सऊदी अरब के अनुसार, पेट्रोलियम उत्पादन सऊदी अरब की संपत्ति और शक्ति का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है, क्योंकि देश सालाना 300 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का तेल निर्यात करता है. इसके पास दुनिया के प्रमाणित कच्चे तेल भंडार का 17 प्रतिशत, लगभग 267,192 मिलियन बैरल है. अरब देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे करीबी सहयोगी होने के नाते, सऊदी अरब क्षेत्र में ओपेक देशों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है. सऊदी अरब पर्यटकों और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन और एनईओएम शहर जैसी विशाल परियोजनाओं में महत्वपूर्ण निवेश कर रहा है. यह फीफा विश्व कप 2034 की मेजबानी के लिए भी तैयार है.

सऊदी अरब के दुनिया के 10 शक्तिशाली देशों मंे संयुक्त अरब अमीरात दसवें नंबर पर आता है. इसका प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 52.41 हजार डॉलर और क्षेत्रफल 83,600 वर्ग किमी है.यूएई अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें चंद्रमा पर एक मिशन भेजने की योजना है. इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह का पता लगाना और चंद्रमा के बारे में हमारी समझ में योगदान देना है. यूएई वैश्विक तेल उद्योग में भी एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी मजबूत स्थिति में योगदान देता है.

भारत 2024 में शक्तिशाली देशों में कहां?

मार्च, 2024 तक भारत सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में 12वें स्थान पर है. यह रैंकिंग आर्थिक स्थिति, मजबूत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन और सैन्य ताकत सहित विभिन्न कारकों पर आधारित है. विश्व जीडीपी रैंकिंग में भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद चौथे स्थान पर है. चिंताजनक तो यह है कि भारत जिस जनसंख्या को बोझ मानता है, दुनिया के बाकी मुल्क उसे ही ताकत मानते हैं और इसका सही इस्तेमाल कर अपने देश को मजबूत कर रहे हैं. मगर बीजेपी की केंद्र सरकार जनसंख्या के बहाने मुसलमानों को जलील करती है. पीएम मोदी अपनी चुनावी सभा में इसका जिक्र कर चुनाव में ध्रुवीकरण करना चाहते हैं.

भारत, इजरायल, कनाडा

फोर्ब्स इंडिया की 2024 की सूची में इजरायल भारत के ऊपर है और कनाडा भारत के नीचे. यानी विश्व पटल पर खुद को मजबूत दिखाने वाले तीनों देशों में खास अंतर नहीं है. इजरायल को सैन्य, खुफिया तकनी और कृषि मंे दुनिया मे आला माना जाता है. इसके बावजूद फोर्ब्स ने इसे शक्तिशाली देशों की सूची में 11वें स्थान पर रखा है. नौकरी तलाश में भारत से पलायन कर कनाडा जाने वाले इस देश का नंबर सूचि मंे 13वें है.

फोर्ब्स इंडिया की सूची में पाकिस्तान कहां ?

भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान को अपना बड़ा दुश्मन मानता है. खासकर जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार आई है, अपना बड़ा दुश्मन मानकर उससे तकरीबन किनारा ही कर लिया है. केंद्र मंे बीजेपी की सरकार आने के बाद से पाकिस्तान से भारत का कोई रिश्ता नहीं है. मगर जानकर हैरानी होगी कि फोर्ब्स इंडिया की शक्तिशाली 87 देशों की लिस्ट में पाकिस्तान को कहीं जगह नहीं मिली है. तो क्या भारत एक अति कमजोर देश के सामने खुद को शक्तिशाली दिखाने में लगा है ? चीन को लेकर कई तरह के आरोप हैं, पर भारत उससे कभी सीधे टकराने की बात नहीं करता और ही कभी ‘एयर स्ट्राइक’ किया है, क्यों ?

देश की शक्ति की रैंकिंग का आधार

किसी देश का नेतृत्व उसकी शक्ति रैंकिंग को कैसे प्रभावित करता है?

किसी देश का नेतृत्व उसकी शक्ति रैंकिंग को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है. प्रभावी नेतृत्व आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकता है. मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा दे सकता है. सैन्य क्षमताओं को बढ़ा सकता है. वैश्विक मंच पर सम्मान पाने वाले नेता अपने देश की प्रतिष्ठा और शक्ति को बढ़ा सकते हैं.

किसी देश की जनसंख्या का आकार उसकी शक्ति रैंकिंग को कैसे प्रभावित करता है?

किसी देश की जनसंख्या का आकार उसकी शक्ति रैंकिंग को प्रभावित कर सकता है. बड़ी आबादी का मतलब बड़ा कार्यबल हो सकता है, जो आर्थिक विकास को गति देगा. हालाँकि, न केवल आकार बल्कि जनसंख्या की मानव पूंजी, शिक्षा और कौशल भी किसी देश की शक्ति में योगदान करते हैं.

2024 में किस देश की बिजली रैंकिंग में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई ?

संयुक्त अरब अमीरात ने 2024 में बिजली रैंकिंग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जिससे यह दुनिया के शीर्ष 10 शक्तिशाली देशों की सूची में शामिल हो गया है. यह अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था, रणनीतिक स्थान और मध्य पूर्व में प्रभावशाली भूमिका के लिए पहचाना जाता है.