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Election 2024 : पसमांदा नेताओं को झटका, बीजेपी के 195 उम्मीदवारों की सूची में जगह नहीं

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने 195 उम्मीदवारों की सूची जारी कर एक बार फिर साबित कर दिया कि उसे मुसलमानों का वोट तो चाहिए, पर उन्हें सत्ता में भागीदारी नहीं मिलेगी. इस सूची में एक मुसलमान का नाम है. यहां तक कि शिया बिरादरी को दरकिनार कर पसपांदा के प्रति नरेंद्र मोदी और बीजेपी का रूझान दिखाना भी बेमानी साबित हुआ.

पीएम नरेंद्र मोदी कई मौकों पर पसमांदा मुसलमानों के प्रति हमदर्दी जताकर आम मुसलमानों में ‘फूट’ डालने का प्रयास कर चुके हैं. उनके इस प्रयास का नजीता है कि इनदिनों कई पसमांदा नेता कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं और गाहे-बगाहे बाकी मुसलमानों को कोसते और बीजेपी, नरेंद्र मोदी का गुणगान करतेदिखते हैं. मगर बीजेपी के 195 उम्मीदवारों की सूची से निश्ति ही उन्हें भी भारी सदमा पहुंचा होगा.

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यही नहीं इस सूची से आरएसएस की कवालत करने वाले मुस्लिम मंच, दरबारी सूफियों और बीजेपी के मुस्लिम सेल के नेताओं को भी झटका लगा होगा. आम तौर से पार्टियां ऐसे लोगों को अपनी सियायत और हुकूमत में जगह देती हैं. मगर बीजेपी ऐसा नहीं करती. मुसलमानांे को अपनी हुकूत से दूर ही रखती है. यहां तक कि अल्पसंख्यक मंत्रालय भी मोख्तार अब्बास नकवी से छीन लिया गया. शाहनवाज हुसैन भी हाशिए पर हैं.

हालाकि हाल के दिनों में बीजेपी की मुस्लिम ईकाई के माध्यम से यह खबर कई बार आ चुकी है कि उनका संगठन मुस्लिम बहुल इलाके में जाएगा और पार्टी की नीतियों का बखानकर उन्हें अपने साथ जोड़ने का प्रयास करेगा. मगर जो पार्टी अपने ही नेताओं को सियासत और हुकूमत में हिस्सेदारी नहीं दे रही, वह भला आम मुसलमानों के कल्याण के लिए क्या करेगी ? गत दिनों ही खबर आई है कि सरकार ने मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने की तैयारी कर ली है.

सरकार ने कई स्काॅलरशिप बंद कर दिए हैं. इस तरह के स्कीम का लाभ आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगा ही उठाते हैं. ऐसे लोग यदि सत्ता में रहेंगे तो अपने समाज का बेहतर कल्याण कर सकते हैं. मगर बीजेपी ने अपने 195 उम्मीदवारों की सूची में एक भी पसमांदा को टिकट न देकर अपनी मंशा जता दी है.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने शनिवार को घोषणा की कि पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. भाजपा ने उत्तर प्रदेश से 51, पश्चिम बंगाल से 20, मध्य प्रदेश से 24, गुजरात और राजस्थान से 15-15, केरल से 12, तेलंगाना से 9, असम से 11, झारखंड और छत्तीसगढ़ से 11-11, दिल्ली से 5 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की. जम्मू-कश्मीर से 2, उत्तराखंड से 3, अरुणाचल प्रदेश से 2 और गोवा, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार और दमन और दीव से 1-1 उम्मीदवार दिए जाएंगे.

इस सूची में 34 केंद्रीय मंत्रियों के नाम शामिल हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी उम्मीदवार बनाया गया है. 195 उम्मीदवारों की सूची में 28 महिलाएं और 47 उम्मीदवार 50 वर्ष से कम उम्र के हैं. सूची में 27 एससी, 18 एसटी और 57 ओबीसी उम्मीदवारों के नाम हैं. बीजेपी ने बस मुसलमानों से ही परहेज किया गया है.गृह मंत्री अमित शाह गांधीनगर और मनसुख मंडाविया पोरबंदर से चुनाव लड़ेंगे.

केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर केरल के तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ेंगे.केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल डिब्रुगढ़, किरण रिजिजू अरुणाचल प्रदेश से चुनाव लड़ेंगे. पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को नई दिल्ली से मैदान में उतारा गया है.केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से चुनाव लड़ेंगे. स्मृति ईरानी फिर से अमेठी से चुनाव लड़ेंगी.