मध्य प्रदेशः आरिफ मसूद का केंद्रीय हज कमेटी और भारत सरकार पर हज यात्रियों से धोखाधड़ी का आरोप, थाने ने नहीं ली शिकायत, अब जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, भोपाल
हज यात्रियों को हज 2023 के लिए उड़ान भरने में कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन केंद्रीय हज कमेटी द्वारा तीर्थयात्रियों के खर्च और देश के विभिन्न आरोहण स्थलों से उड़ान किराए में भारी अंतर को लेकर जारी आदेश का विरोध हो रहा है. देश के अन्य शहरों के साथ मध्य प्रदेश में भी यह विरोध चल रहा है.
भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सेंट्रल हज कमेटी और भारत सरकार पर तीर्थयात्रियों को धोखा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने भोपाल के कोहफिजा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराने की भी कोशिश की. साथ ही ऐलान किया है कि वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
भोपाल विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि हर साल जब सेंट्रल हज कमेटी की ओर से हज का फॉर्म जारी किया जाता है, तो हज के खर्च की पूरी जानकारी हज यात्रियों को दी जाती है. सऊदी रियाल में हाजियों का किराया, खर्चा सब लिखित में दर्ज होता है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं किया गया. तीन आदेशों में अलग-अलग बातें की गई हैं, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई हजात्रियों को परेशानी हो रही है. हज लॉटरी में नाम आने के बाद हज कमेटी की मनमानी के चलते हज यात्रा नहीं कर पा रहे हैं और अपना नाम होने के बावजूद हज जाने की योजना को स्थगित कर दिया है.
इतना ही नहीं हज यात्रा के किराए में भी बड़ा अंतर है. मुंबई से जाने वाले हजयात्रियों और भोपाल से जाने वाले यात्रियों के हज किराए में 68,000 का अंतर है. इसी तरह मुंबई और औरंगाबाद से जाने वाले श्रद्धालुओं के किराए में 88 हजार का बड़ा अंतर है. हज यात्रियों और हमारे लोगों की ओर से बार-बार ग्लोबल टेंडर की मांग की गई, लेकिन सरकार ने ग्लोबल टेंडर न करके हज यात्रियों की फेवरेट फ्लाइट कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम किया है.
उन्होंने कहा कि मैंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया. जहां तक केंद्रीय हज कमेटी की बात है तो वह अपनी अक्षमता दिखा रही हैं. हम हज यात्रियों के साथ हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने भोपाल कोहफिजा थाने आए हैं.हमारे सारे दस्तावेज देने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की. जाहिर है कि उन पर भी सरकार का दबाव है. हम हज यात्रियों के मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.