मध्य प्रदेशः हज यात्रियों को मक्का-मदीना के रबात में ठहराने के सवाल पर असमंजस
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, भोपाल
हज 2023 के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू होते ही इस पवित्र यात्रा पर जाने वालों के लिए दूसरी तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसी कोशिशों के बीच मध्य प्रदेश के हज यात्रियों को मक्का और मदीना में नवाब भोपाल द्वारा निर्मित रबात में प्रदेश के हज यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हंै.
सोशल मीडिया पर रबात में हज यात्रियों के ठहराने को लेकर सवाल उठाए जाने से हज यात्रा की तैयारी करने वाले थोड़े ठिठक से गए हैं.
रबात में हज यात्रियों के ठहराव के लिए तैयारियों में हो रही देरी के लिए जहां भोपाल के सामाजिक संगठन रॉयल अकाफ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं शाही अकाफ सोशल मीडिया पर रबात में हज यात्रियों की स्थापना को लेकर भ्रामक खबरों को जिम्मेदार बता रहे हैं. ऐसी अफवाहों से हज पर जाने वालों को दूर रहने की सलाह दी गई है. कहा गया है कि हज यात्रियों के लिए रबात में बेहतरीन इंतजाम किए जा रहे हैं.
ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी भोपाल के अध्यक्ष समाजसेवी मुहम्मद तौफीक ने कहा कि वर्तमान में हज यात्रियों को दोहरी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. हज कमेटी की ओर से तीर्थयात्रियों को ऑनलाइन फॉर्म भरने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन सर्वर डाउन होने के कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं भोपाल हज कमेटी के अध्यक्ष रफत वारसी और प्रभारी सचिव सैयद शाकिर जाफरी दोनों बाहर हैं. ऐसे में सवाल है कि मध्य प्रदेश के हज यात्री अपनी समस्याओं के बारे में किससे बात करें.
इसके साथ ही मैं भारत सरकार से मक्का मदीना के लिए भोपाल को बंद करने का भी अनुरोध करना चाहता हूं. इस संबंध में मैंने केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय हज कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल्ला कट्टी से भी संपर्क किया है. अनुरोध किया कि शाही अकाफ की अक्षमता के कारण बंद भोपाल रबात को फिर से खोल दिया जाए. रबात से भोपाल राज्य के हज यात्रियों को कम से कम डेढ़ लाख की बचत होता है.
इस संबंध में शाही अकाफ के सचिव आजम तिर्मिजी से बात की तो उन्होंने कानूनी पेचीदगियों का जिक्र करते हुए रबात में ठहरने की तैयारियों में हो रही देरी का जिक्र किया.हज के लिए हाजी अपने कर्तव्यों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. शाही अकाफ की कोशिश जारी है और इन शा अल्लाह हज यात्रियों को बेहतर व्यवस्था होगी. इसके साथ ही तीर्थयात्रियों से अनुरोध करूंगा कि वे उन लोगों पर ध्यान न दें जो रबात के बारे में सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैला रहे हैं. ये लोग भी गुमराह हैं और अपने फायदे के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
गौरतलब है कि रबात का निर्माण नवाब भोपाल ने मक्का और मदीना में तीर्थयात्रियों के मुफ्त ठहरने के लिए किया था. रबात का प्रबंधन भोपाल राज्य (भोपाल, किशमिश और सीहोर) के तीर्थयात्रियों के लिए रॉयल एंडोमेंट द्वारा किया जाता है. वर्तमान में शाही अकाफ की ट्रस्टी नवाब मंसूर अली खान पटौदी की सबसे बड़ी बेटी सबा सुल्तान हैं. सबा सुल्तान मुंबई में रहती हैं और भोपाल में शाही बंदोबस्ती का काम उनके सचिव हैं.