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महाकुंभ मेला 2025: मुस्लिम स्वयंसेवक ने श्रद्धालु को समय पर सीपीआर देकर बचाई जान, वीडियो वायरल

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,प्रयागराज

महाकुंभ मेला 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जहां लाखों लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए एकत्र हो रहे हैं. इसी दौरान एक ऐसी घटना सामने आई जिसने मानवता की मिसाल पेश की. मुस्लिम स्वयंसेवक फरहान आलम इदरीसी ने दिल का दौरा पड़ने वाले एक श्रद्धालु को समय पर सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देकर उसकी जान बचाई. उनका यह मानवीय कार्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों ने उनकी जमकर सराहना की.

कैसे हुई यह घटना?

महाकुंभ के दौरान 35 वर्षीय श्रद्धालु राम शंकर संगम क्षेत्र में स्नान करने आए थे. स्नान के बाद अचानक उन्हें बेचैनी महसूस हुई और कुछ ही क्षणों में वे बेहोश होकर गिर पड़े. उनके आसपास खड़े लोगों को समझ नहीं आया कि उन्हें क्या हुआ है. इस दौरान प्राइम रोज एजुकेशन इंस्टीट्यूट के स्वयंसेवक फरहान आलम इदरीसी तुरंत उनकी मदद के लिए आगे आए. उन्होंने बिना समय गंवाए सीपीआर देना शुरू किया, जिससे राम शंकर की जान बच गई.

फरहान आलम इदरीसी ने बताया कि उन्होंने पहले व्यक्ति की नाड़ी जांची और पाया कि वह बहुत धीमी हो चुकी थी. इसके बाद उन्होंने तुरंत सीपीआर देना शुरू किया, जिससे हृदय में रक्त संचार बहाल हुआ और राम शंकर को होश आ गया.

वीडियो हुआ वायरल, सोशल मीडिया पर सराहना

यह पूरी घटना वहां मौजूद एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली और सोशल मीडिया पर साझा कर दी. देखते ही देखते यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया. इस वीडियो में फरहान आलम को राम शंकर को सीपीआर देते हुए देखा जा सकता है. वीडियो सामने आने के बाद लोग फरहान की इस बहादुरी और मानवता की भावना की सराहना कर रहे हैं.

एक सोशल मीडिया यूजर ने एक्स (Twitter) पर लिखा: “फरहान आलम ने महाकुंभ मेले में 35 वर्षीय राम शंकर की जान बचाई – यह मानवता की सच्ची मिसाल है.”

एक अन्य यूजर ने लिखा: “धर्म से पहले इंसानियत आती है। फरहान आलम ने यह साबित कर दिया. हर किसी को सीपीआर का प्रशिक्षण लेना चाहिए.”

क्या है सीपीआर और यह क्यों जरूरी है?

सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक जीवन रक्षक तकनीक है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति का हृदय धड़कना बंद कर देता है या सांसें रुक जाती हैं. इसमें सीने पर दबाव देकर और मुंह से सांस देकर रक्त संचार को बनाए रखने की कोशिश की जाती है, जिससे मस्तिष्क और अन्य अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचती रहे.

महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में, जहां लाखों लोग एकत्र होते हैं, वहां भीड़ और थकान के कारण हृदय संबंधी समस्याएं होना आम बात है. ऐसे में सीपीआर का सही और समय पर उपयोग किसी की जान बचा सकता है.

स्वयंसेवक को सम्मानित करने की मांग

फरहान आलम इदरीसी के इस मानवीय कार्य के बाद कई लोगों ने उन्हें सम्मानित करने की मांग की है. स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी उनकी तत्परता की सराहना की है.

महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े एक अधिकारी ने कहा: “यह घटना हमें यह सिखाती है कि हर व्यक्ति को सीपीआर जैसी जीवन रक्षक तकनीकों का ज्ञान होना चाहिए.. फरहान आलम ने जो किया वह प्रशंसनीय है. ऐसे स्वयंसेवकों की वजह से ही बड़े आयोजनों में जान बचाने में मदद मिलती है..”

महाकुंभ मेला 2025 में स्वास्थ्य सेवाएं

महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो चार पवित्र स्थलों पर 12 साल के अंतराल में आयोजित किया जाता है. इस बार प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में छह सप्ताह के भीतर लगभग 400 मिलियन (40 करोड़) श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.

इस आयोजन के दौरान कई स्वास्थ्य केंद्र और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तैनात की गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अब तक इस महाकुंभ में 100 से अधिक श्रद्धालुओं की जान बचाई जा चुकी है, जबकि 183 मरीजों को आईसीयू में भर्ती किया गया है..

मानवता की मिसाल

महाकुंभ मेला केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है. फरहान आलम इदरीसी ने बिना किसी भेदभाव के एक अजनबी की जान बचाने के लिए जो किया, वह न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी है कि हमें एक-दूसरे की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए.

👉 क्या आपने कभी सीपीआर सीखा है? यदि नहीं, तो आपको इसे जरूर सीखना चाहिए, क्योंकि यह किसी की जान बचाने में मदद कर सकता है.