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महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ पर सख्ती: डीआईजी की अगुआई में बनेगा पैनल, विपक्ष ने बताया स्वतंत्रता का हनन

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, मुंबई

महाराष्ट्र सरकार ने ‘लव जिहाद’ (Love Jihad) के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण (Control) के लिए डीआईजी की अध्यक्षता (DIG Panel) में एक विशेष समिति (Special Committee) गठित करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इस सात सदस्यीय पैनल (Seven-Member Panel) को तकनीकी और कानूनी पहलुओं (Legal & Technical Aspects) पर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है.

लव जिहाद की जांच के लिए गठित समिति में कौन होगा?

इस विशेष समिति (Special Panel) का नेतृत्व महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (DGP Maharashtra) करेंगे। समिति में शामिल अन्य विभाग हैं:
🔹 महिला एवं बाल कल्याण विभाग (Women & Child Welfare)
🔹 अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Minority Welfare Department)
🔹 कानून एवं न्यायपालिका विभाग (Law & Judiciary Department)
🔹 सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग (Social Justice & Special Assistance)
🔹 गृह विभाग (Home Department)

अमित शाह से मुलाकात के बाद लिया गया फैसला

👉 महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की थी, जिसके बाद इस कठोर निर्णय (Strict Decision) की घोषणा की गई.

राज्य के गृह विभाग के उप सचिव हेमंत महाजन द्वारा जारी अधिसूचना (Notification) में कहा गया है कि कई जनप्रतिनिधियों, संगठनों और नागरिकों ने सरकार से लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण (Forced Conversion) रोकने के लिए विशेष कानून (Special Law) बनाने की मांग की थी.

मंत्री नितेश राणे का बड़ा बयान

महाराष्ट्र के बंदरगाह और मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे (Nitesh Rane) ने साफ कहा कि हिंदुत्व विचारधारा की सरकार (Hindutva Ideology Government) लव जिहाद को बर्दाश्त नहीं करेगी.

🔹 राणे ने चेतावनी दी:
“अगर इन दाढ़ी वालों ने लव जिहाद, भूमि जिहाद और हिंदू समाज के खिलाफ षड्यंत्र बंद नहीं किया, तो पाकिस्तान में बैठे लोग भी इन्हें पहचान नहीं पाएंगे.”

🔹 धर्मांतरण पर सख्त कानून लाने की घोषणा
“हम राज्य में सबसे सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लाएंगे। हम इन ‘हरे सांपों’ को अपनी गतिविधियां नहीं चलाने देंगे.”

विपक्ष ने बताया स्वतंत्रता का हनन

महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) ने ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून (Love Jihad Law) बनाने के फैसले की कड़ी आलोचना (Criticism) की है.

🔹 सपा महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू अजीम आजमी का बयान:
“संविधान सभी को समान अधिकार देता है। सरकार अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप कर रही है.”

👉 उन्होंने कहा कि मुस्लिम और हिंदू दोनों ही धर्मों में आपसी सहमति से शादियां हो रही हैं, फिर सरकार एकतरफा कानून (Biased Law) क्यों बना रही है?

भारत के किन राज्यों में लव जिहाद कानून लागू है?

📌 वर्तमान में 7 भारतीय राज्यों में ‘लव जिहाद’ विरोधी कानून (Love Jihad Law in India) लागू है:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)
उत्तराखंड (Uttarakhand)
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)
गुजरात (Gujarat)
कर्नाटक (Karnataka)
हरियाणा (Haryana)

👉 हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में ये कानून तब लागू किए गए थे जब भाजपा सत्ता में थी। कांग्रेस के सत्ता में आने के बावजूद इन कानूनों को नहीं बदला गया.

क्या लव जिहाद कानून जरूरी है?

👉 भाजपा शासित राज्यों में इसे हिंदू लड़कियों को सुरक्षा देने वाला कानून (Protection Law for Hindu Girls) बताया जा रहा है.
👉 विपक्ष इसे संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन (Violation of Fundamental Rights) मानता है.
👉 समाज में यह मुद्दा राजनीतिक बहस (Political Debate) और धार्मिक ध्रुवीकरण (Religious Polarization) का केंद्र बन चुका है.

क्या महाराष्ट्र सरकार का फैसला सही है?

👉 महाराष्ट्र सरकार का दावा है कि लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़ा कानून जरूरी है.
👉 विपक्ष इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला (Attack on Personal Freedom) मानता है.
👉 क्या यह राजनीतिक एजेंडा (Political Agenda) है या सामाजिक सुरक्षा का कदम (Social Security Initiative)? यह बहस का विषय बना हुआ है.