2025 में भारतीय पासपोर्ट में बड़े बदलाव: UAE में रह रहे प्रवासियों के लिए जानना जरूरी
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दुबई से रिपोर्ट
2025 भारतीय पासपोर्ट प्रणाली के इतिहास में एक मील का पत्थर बनकर सामने आया है। भारत सरकार ने पासपोर्ट से जुड़ी नीतियों और प्रक्रियाओं में कई अहम बदलाव किए हैं, जिनका सीधा असर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) समेत दुनियाभर में बसे करोड़ों भारतीय प्रवासियों पर पड़ेगा। इन बदलावों का मकसद केवल तकनीकी उन्नयन नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक प्रयास है – डेटा सुरक्षा को मज़बूत करने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने और पारिवारिक व सामाजिक बदलावों को स्वीकारने का।
इस रिपोर्ट में हम विस्तार से बता रहे हैं कि भारत सरकार के नए पासपोर्ट नियम UAE में बसे भारतीयों को कैसे प्रभावित करेंगे और क्या तैयारियाँ जरूरी हैं।
📘 ई-पासपोर्ट: अब यात्रा होगी और भी स्मार्ट और सुरक्षित
भारत ने अब ई-पासपोर्ट (e-passport) जारी करना शुरू कर दिया है। इन पासपोर्टों में RFID चिप लगी होती है जिसमें धारक की फोटो, फिंगरप्रिंट, डिजिटल हस्ताक्षर और अन्य बायोमेट्रिक जानकारियाँ सुरक्षित रहती हैं। ये पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय ICAO मानकों के अनुरूप हैं।
🔑 ई-पासपोर्ट के प्रमुख लाभ:
- तेज़ और सुरक्षित इमिग्रेशन
- बेहतर डेटा सुरक्षा
- अंतरराष्ट्रीय पहचान की सहजता
UAE में रह रहे भारतीयों को नए आवेदन या नवीकरण के दौरान स्वतः ई-पासपोर्ट मिलेगा, बशर्ते स्थानीय दूतावास या पासपोर्ट सेवा केंद्र में आवश्यक तकनीकी ढांचा उपलब्ध हो।
💍 Annexure J: अब बिना विवाह प्रमाणपत्र के जोड़े जा सकेंगे जीवनसाथी के नाम
यह एक क्रांतिकारी बदलाव है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास अभी तक रजिस्टर्ड विवाह प्रमाणपत्र नहीं है। अब पासपोर्ट में जीवनसाथी का नाम जोड़ने के लिए केवल Annexure J नामक एक संयुक्त शपथ पत्र (joint affidavit) भरना होगा। इसमें दोनों पति-पत्नी के नाम, हस्ताक्षर, पासपोर्ट नंबर, आधार या वोटर ID की जानकारी और एक संयुक्त फोटो शामिल होगी।
🇦🇪 UAE में यह कैसे लागू होगा?
- भारतीय दूतावास में दोनों पति-पत्नी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना आवश्यक है।
- यही फॉर्म महिलाएं शादी के बाद सरनेम बदलने के लिए भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
- तलाक, मृत्यु या पारस्परिक अलगाव की स्थिति में जीवनसाथी का नाम हटाने के लिए वैधानिक दस्तावेज अब भी जरूरी होंगे।
🧒 जन्म प्रमाणपत्र अब अनिवार्य – जानिए किन पर लागू होता है नियम
अगर आपका बच्चा 1 अक्टूबर 2023 या उसके बाद जन्मा है, तो पासपोर्ट आवेदन के लिए जन्म प्रमाणपत्र अब अनिवार्य हो गया है।
📄 वैकल्पिक दस्तावेज (1 अक्टूबर 2023 से पहले जन्म वालों के लिए):
- स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र
- पैन कार्ड
- वोटर ID
- ड्राइविंग लाइसेंस
🇦🇪 UAE में जन्म प्रमाणपत्र की शर्तें:
- UAE के स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया होना चाहिए
- MOFA (Ministry of Foreign Affairs) से सत्यापित होना चाहिए
- माता-पिता के पासपोर्ट व विवाह प्रमाणपत्र के साथ प्रस्तुत करना होगा
🏠 पासपोर्ट से पता और माता-पिता के नाम हटाए जाएंगे
भारत सरकार ने पासपोर्ट से व्यक्तिगत जानकारी की गोपनीयता बढ़ाने के लिए दो बड़े बदलाव किए हैं:
1. पता अब पासपोर्ट में प्रिंट नहीं होगा
- पता QR कोड या बारकोड के ज़रिए डिजिटली सुरक्षित रहेगा
- सिर्फ अधिकृत अधिकारी ही इसे एक्सेस कर सकेंगे
2. माता-पिता का नाम अब अनिवार्य नहीं
- एकल अभिभावक परिवार, तलाकशुदा माता-पिता और LGBTQ+ समुदाय के लिए बड़ी राहत
- अब पासपोर्ट पर पारिवारिक विवरण के बिना भी आवेदन स्वीकार्य
🟦🔴⚪ रंग-कोडित पासपोर्ट कवर: अब पहचान होगी आसान
पासपोर्ट पहचान को और स्पष्ट बनाने के लिए भारत सरकार ने रंग-आधारित प्रणाली लागू की है:
- 🔵 नीला – सामान्य नागरिकों के लिए (जैसे पहले था)
- 🔴 लाल – राजनयिक पासपोर्ट
- ⚪ सफेद – सरकारी अधिकारियों के लिए
यह प्रणाली अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान तेज़ पहचान और अलगाव में मदद करेगी।
🏣 पासपोर्ट सेवा केंद्रों का विस्तार: अब और आसान होगी प्रक्रिया
भारत सरकार 2030 तक पासपोर्ट सेवा केंद्रों (POPSK) की संख्या को 442 से बढ़ाकर 600 करने की योजना बना रही है। यह खासतौर पर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए फायदेमंद होगा।
📌 निष्कर्ष: एक डिजिटल और समावेशी भविष्य की ओर
इन सभी बदलावों से साफ़ है कि भारत सरकार भारतीय पासपोर्ट प्रणाली को स्मार्ट, सुरक्षित और समावेशी बनाना चाहती है। UAE जैसे देशों में रह रहे भारतीय प्रवासियों के लिए ये बदलाव न केवल प्रक्रिया को सरल बनाएंगे, बल्कि सामाजिक यथार्थ को भी स्वीकार करेंगे।
अब समय है जागरूक होने का — ताकि अगली बार जब आप पासपोर्ट आवेदन या नवीकरण करें, तो पूरी तैयारी के साथ करें। सोर्सः गल्फ न्यूज