मलप्पुरम के मोहम्मद राजिन ने किया भारत का नाम रोशन, सऊदी अरब के अल नस्र क्लब में हुए शामिल
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, मल्लापुरम
भारत में फुटबॉल खेल को लेकर हमेशा से एक खासा उत्साह रहा है, लेकिन हाल के दिनों में फुटबॉल के अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारे खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व काफी कम देखा गया है. त्योहारों की धूम में भारत के हाथ एक बड़ी उपलब्धि आई, जोकि सोशल मीडिया और मुख्यधारा की खबरों में अधिक तवज्जो नहीं पा सकी. यह उपलब्धि है केरल के मल्लमपुरम के 12 वर्षीय मोहम्मद राजिन पी का, जिन्होंने सऊदी अरब के विश्वप्रसिद्ध और अमीर फुटबॉल क्लब अल नस्र के लिए चयनित होकर देश का मान बढ़ाया है.
भारत के लिए गर्व का क्षण
मोहम्मद राजिन पी की यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अब तक भारत के कई जाने-माने फुटबॉलर जैसे वाइचिंग भूटिया और सुनील छेत्री को भी नहीं मिल पाई है. अल नस्र क्लब ने न केवल राजिम को अपने अंडर-14 टीम में चुना है, बल्कि उन्हें रहने, खाने, शिक्षा और कोचिंग जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगा.
अल नस्र क्लब में शामिल होने का मतलब है कि राजिम को क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे महान खिलाड़ियों से सीखने और अंतरराष्ट्रीय मैचों का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा. इस प्रकार, उनकी यह उपलब्धि भारतीय फुटबॉल की एक नई कहानी लिखने का संकेत है.
मिनर्वा एकेडमी के मालिक रंजीत बजाज की खुशी
राजिन की इस उपलब्धि पर भारत के प्रमुख फुटबॉल क्लब मिनर्वा एकेडमी के मालिक रंजीत बजाज ने खास खुशी जताई है. उनका कहना है कि राजिन की उपलब्धि यह साबित करती है कि भारत में फुटबॉल के प्रति समर्पित प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. कमी है तो केवल उन प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने की. राजिन मिनर्वा एकेडमी का हिस्सा रह चुके हैं और गोलकीपर की भूमिका में क्लब के लिए खेल चुके हैं. रंजीत बजाज का कहना है कि उन्हें यह यकीन पहले ही हो गया था कि राजिम में कुछ खास है . इसी वजह से उन्होंने उन पर काफी मेहनत की.
प्रतिभा की खोज
रंजीत बजाज बताते हैं कि मिनर्वा क्लब हर साल देशभर में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की खोज के लिए अभियान चलाता है. साल 2022 में वह अपने कोच हुसैन के साथ इसी उद्देश्य से केरल के मल्लापुरम गए थे, जहां उनकी नजर मोहम्मद राजिन पी पर पड़ी. उस समय राजिम केरल फुटबॉल एसोसिएशन से पंजीकृत गोकुलम केरल फुटबॉल क्लब के लिए गोलकीपर की भूमिका में खेलते थे. रंजीत बजाज को उनकी प्रतिभा ने आकर्षित किया और उन्होंने राजिम को मिनर्वा क्लब का हिस्सा बना लिया, जहां उनकी प्रतिभा को और निखारा गया.
अल नस्र क्लब में चयन की कहानी
करीब छह महीने पहले सऊदी अरब के प्रसिद्ध फुटबॉल क्लब अल नस्र ने अपनी जूनियर टीम अंडर-14 के लिए ट्रायल का आयोजन किया. इस ट्रायल में भाग लेकर राजिम ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उन्हें कई प्रकार के कड़े टेस्ट और अभ्यास सत्रों से गुजरना पड़ा और अंततः पिछले दिनों उनका चयन अल नस्र के लिए हो गया.
अब राजिन का सपना है कि वह क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे दिग्गज खिलाड़ी के करीब से खेलें और उनसे सीखें. इस चयन के बाद राजिम सऊदी अरब के लिए रवाना हो चुके हैं, जहां फिलहाल वह अपने पिता के साथ रह रहे हैं. उल्लेखनीय है कि भले ही राजिम मल्लापुरम के निवासी हैं, लेकिन उनका जन्म सऊदी अरब में ही हुआ था.
फुटबॉल में नया विश्वास
आवाज द वाॅयस की एक रिपोर्ट के अनुसार,मोहम्मद राजिन पी की इस उपलब्धि ने भारतीय फुटबॉल के प्रति एक नई उम्मीद और आत्मविश्वास को जन्म दिया है. भारतीय फुटबॉल विशेषज्ञ धीरज ध्रुव का कहना है कि यह एक मिथक है कि भारत के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मैचों के लायक नहीं होते. उन्होंने कहा, “मोहम्मद राजिम पी का अल नस्र के लिए चयन इस मिथक को तोड़ता है.”
वह भी रंजीत बजाज के इस विचार से सहमत हैं कि यदि समय पर प्रतिभा को पहचाना जाए और उचित मार्गदर्शन दिया जाए, तो भारत के खिलाड़ी भी किसी भी बड़े मंच पर अपनी छाप छोड़ सकते हैं.
अल नस्र फुटबॉल क्लब का परिचय
अल नस्र फुटबॉल क्लब सऊदी अरब का एक प्रमुख फुटबॉल क्लब है, जिसकी स्थापना साल 1955 में हुई थी. इस क्लब ने अब तक 9 प्रो लीग खिताब, छह किंग्स कप, तीन क्राउन प्रिंस कप, तीन फेडरेशन कप और दो सऊदी सुपर कप जीते हैं. साल 1998 में अल नस्र ने एशियन कप विनर्स कप और एशियन सुपर कप दोनों खिताब जीते थे. पिछले साल, अल नस्र ने विश्वप्रसिद्ध खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अपने साथ जोड़ा.
रोनाल्डो ने क्लब के लिए कई गोल दागे और क्लब को अरब क्लब चैंपियंस कप 2023 में विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई.
भारत के भविष्य का सितारा
मोहम्मद राजिम पी की इस उपलब्धि को भारतीय फुटबॉल का भविष्य भी कहा जा सकता है. उनकी यह कामयाबी अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है. उनके क्लब मिनर्वा एकेडमी के मालिक रंजीत बजाज का कहना है कि ऐसे और भी कई खिलाड़ी भारत में हैं, जिन्हें केवल उचित मार्गदर्शन और समर्थन की जरूरत है. अब देखना यह है कि मोहम्मद राजिम पी जैसे खिलाड़ी भारतीय फुटबॉल को किस ऊंचाई तक पहुंचा सकते हैं और विश्व पटल पर अपने देश का नाम कैसे रोशन कर सकते हैं.