MANUU : G-20 फिल्म महोत्सव शुरू, योग सेमिनार भी आयोजित
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, हैदराबाद
फिल्में दुनिया के लिए खिड़कियां हैं और इस तरह के उत्सव मेरे दिल के बहुत करीब हैं. सिनेमा में सीमाओं को पार करने और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को जोड़ने की शक्ति है. यह कहना है हैदराबाद में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त गैरेथ व्यान ओवेन का.
उन्हांेने कहा आरआरआर एक बहुत ही शक्तिशाली फिल्म है जिसने भारत के मुख्य आकर्षण को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया. गैरेथ व्यान ओवेन यहां मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में आयोजित जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के तहत इंस्ट्रक्शनल मीडिया सेंटर (आईएमसी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय जी-20 स्पेशल फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. प्रो सैयद ऐनुल हसन, कुलपति, मानू ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
फेस्टिवल की ओपनिंग फिल्म आरआरआर ने अपनी दमदार कहानी और परफॉर्मेंस से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.गैरेथ ने आगे कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता अत्यधिक सफल है. दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं कुछ सामान्य मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन आदि से निपटने के लिए एक साथ आ रही हैं.
प्रोफेसर ऐनुल हसन ने अपनी अध्यक्षीय टिप्पणी में कहा कि हमारी संस्कृति को प्रदर्शित करना जी20 आयोजनों के विषयों में से एक है और यह कार्यक्रम जी-20 की भारत की अध्यक्षता की भागीदारी और उत्सव के संदर्भ में एक महान प्रयास है. हम शैक्षणिक गतिविधियों के साथ जैव विविधता और परिसर विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने मानू को केंद्र और राज्य सरकारों से मिले दो अलग-अलग पुरस्कारों का भी जिक्र किया.
प्रोफेसर शुगुफ्ता शाहीन, अध्यक्ष, जी20 कैंपस कनेक्ट प्रोग्राम, मानू ने भी सभा को संबोधित किया.आईएमसी के निदेशक रिजवान अहमद ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि सिनेमा न केवल मनोरंजन करता है, हमें शिक्षित भी करता है.
उमर आजमी, निर्माता आईएमसी ने कार्यक्रम आयोजित किया और डॉ. इम्तियाज आलम, जेआरओ, आईएमसी ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा.कार्यक्रम में बड़ी संख्या में फिल्म प्रेमी, छात्र, फैकल्टी सदस्य शामिल हुए. प्रिव्यू थियेटर, आईएमसी में 13 से 15 जून 2023 तक जी-20 देशों की कुल 17 फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी.
योग पर सेमिनार आयोजित
मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के एनएसएस प्रकोष्ठ ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सिलसिले में मानवता के लिए योग विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया. यह कार्यक्रम इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर योगिक साइंस द्वारा प्रायोजित था.
योग के महत्व के बारे में बताते हुए मानू के कुलपति प्रो सैयद ऐनुल हसन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आज दुनिया योग को स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानती है. हमने प्रकृति से दूर हटकर पर्यावरण को खराब किया. उन्होंने कहा कि हमें अपनी परंपराओं और प्रकृति की ओर लौटना होगा.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के डाॅ धीरेंद्र कुमार राय ने कहा कि हमारे देश की सुंदरता हमारी परंपराएं हैं. लेकिन आज हमने अपनी परंपराओं को छोड़ दिया है. उसी तरह हमने योग को भी छोड़ दिया है.
डॉ सरिता कुमार, करनाल, हरियाणा ने योग और संगीत (संगीत) पर बात की और कहा कि दोनों आपस में जुड़े हुए हैं. सांस को योग और संगीत दोनों से नियंत्रित किया जा सकता है. अगर योग के दौरान सांस लेने का क्रम गलत हो तो इसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. डॉ रश्मि सिंह, करनाल, हरियाणा ने कहा कि योग केवल एक व्यायाम नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है. इसके माध्यम से मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है. चिंता, अवसाद और तनाव को दूर करने के लिए योग बहुत कारगर है.
प्रो मोहम्मद फरियाद, एमसीजे के डीन स्कूल, प्रमुख विभाग और एनएसएस समन्वयक, डॉ. अश्वनी, एसोसिएट प्रोफेसर और डॉ. फिरदौस तबस्सुम ने मंच साझा किया. उद्घाटन में बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक, गैर शिक्षक शिक्षक शामिल हुए.