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ईरान के शाहिद राजाई बंदरगाह पर भीषण विस्फोट: 8 की मौत, 750 से अधिक घायल; मिसाइल ईंधन से जुड़ी घटना

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,तेहरान/मस्कट

– दक्षिणी ईरान के होर्मोज़गान प्रांत स्थित शाहिद राजाई बंदरगाह पर शनिवार (26 अप्रैल, 2025) को हुए एक भीषण विस्फोट ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। इस हादसे में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि करीब 750 अन्य घायल हुए हैं। ईरानी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि विस्फोट मिसाइल प्रणोदक ईंधन (रॉकेट फ्यूल) से जुड़े खतरनाक रसायनों की खेप के कारण हुआ।

विस्फोट के बाद अफरा-तफरी का माहौल

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट के तुरंत बाद घने लाल धुएं का गुबार आसमान में छा गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में घटनास्थल से पहले आग और फिर एक बड़े धमाके के बाद लोगों को भागते हुए देखा जा सकता है। एक वीडियो में एक व्यक्ति घबराते हुए चिल्लाता नजर आया, “वापस जाओ, वापस जाओ! गैस टैंकर को हटाओ, यह फटने वाला है!”

विस्फोट के कुछ घंटों बाद तक आग बंदरगाह के कई हिस्सों में धधकती रही, जिससे हालात और बिगड़ गए। बचाव कार्यों में लगे हेलीकॉप्टरों ने ऊपर से पानी गिराकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। शनिवार रात तक बंदरगाह क्षेत्र से धुआं उठता रहा।

विस्फोट का कारण: मिसाइल ईंधन रसायनों की खेप

ब्रिटिश निजी सुरक्षा फर्म एम्ब्रे के अनुसार, बंदरगाह पर हाल ही में मिसाइल प्रणोदक के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले ‘सोडियम परक्लोरेट’ रसायन की एक बड़ी खेप आई थी। यह खेप चीन से मार्च 2025 में भेजी गई थी। माना जा रहा है कि ईरान इसे अपने मिसाइल भंडार को फिर से भरने के लिए इस्तेमाल कर रहा था, जो गाजा युद्ध के दौरान इस्राइल पर किए गए हमलों में काफी हद तक समाप्त हो चुका था।

एम्ब्रे की रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट कथित तौर पर इन खतरनाक सामग्रियों के अनुचित भंडारण और संचालन के चलते हुआ। शिप ट्रैकिंग डेटा से भी पुष्टि होती है कि मार्च में जिन जहाजों ने यह रसायन लाया था, वे इसी क्षेत्र में थे।

अधिकारियों की चुप्पी और आशंकाएँ

ईरानी प्रशासन ने अभी तक औपचारिक रूप से विस्फोट के कारणों की विस्तृत जानकारी नहीं दी है। ईरान के आंतरिक मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने केवल इतना कहा कि “शाहिद राजाई बंदरगाह क्षेत्र में खतरनाक सामग्री और रसायनों के असुरक्षित भंडारण” के कारण यह विस्फोट हुआ।

राज्य समाचार एजेंसी IRNA ने भी बिना अधिक विवरण दिए बताया कि बंदरगाह में भंडारित रसायनों में आग लगने से यह घटना घटी। विस्फोट के बाद हवा में अमोनिया, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रिक एसिड जैसी जहरीली गैसों के फैलने की चेतावनी दी गई है, जिससे आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण का खतरा पैदा हो गया है।

सुरक्षा चिंताएँ और वैश्विक संदर्भ

इस विस्फोट के समय एक और अहम घटनाक्रम चल रहा था। उसी दिन ओमान में ईरान और अमेरिका के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर तीसरे दौर की बातचीत भी हो रही थी। हालाँकि, ईरानी अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि विस्फोट किसी बाहरी हमले का नतीजा था या नहीं। विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने हाल ही में यह जरूर कहा था कि उनकी सुरक्षा एजेंसियाँ तोड़फोड़ और हमलों के प्रयासों को लेकर हाई अलर्ट पर हैं।

बेirut विस्फोट की यादें ताजा

इस घटना ने 2020 के लेबनान के बेरूत बंदरगाह विस्फोट की भयावह यादें ताजा कर दीं, जिसमें असुरक्षित तरीके से संग्रहित अमोनियम नाइट्रेट के फटने से 200 से अधिक लोग मारे गए थे। सवाल उठ रहा है कि शाहिद राजाई बंदरगाह पर इतने खतरनाक रसायनों को क्यों सुरक्षित तरीके से नहीं हटाया गया, खासकर ऐसे उदाहरणों के बाद।

ईरानी प्रतिक्रिया और चुप्पी

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने अभी तक इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ना ही ईरान ने अब तक यह स्वीकार किया है कि विस्फोट में शामिल रसायन उसी चीनी शिपमेंट से संबंधित थे।

निष्कर्ष

बंदरगाह पर हुए इस भीषण हादसे ने ईरान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक परमाणु वार्ताओं पर भी इसके प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है। आने वाले दिनों में इस घटना को लेकर ईरान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया पर नजर रहेगी।

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