Culture

लखनऊ की मस्जिदों में जुमे की नमाज में पढ़ा गया मसनून निकाह का इकरारनामा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आसान और सुन्नत निकाह मुहिम के तहत निकाह के सम्बन्ध में 11 बिन्दुओं वाला इकरारनामा जारी किया। जिसको शुक्रवार को जुमे के खुत्बे से पहले मस्जिदों में उलमा ने पढ़ कर सुनाया। नमाज के बाद मुसलमानों ने इस इकरारनामे पर हस्ताक्षर करके इस मुहिम को सफल बनाने का संकल्प लिया।
इसी सम्बन्ध में जामा मस्जिद ईदगाह ऐशबाग लखनऊ में जुमे की नमाज से पहले इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने अपील की कि निकाह सुन्नत से हो, निकाह किसी रस्म का नाम नहीं बल्कि उसको एक इबादत का दर्जा प्राप्त है। किसी भी इबादत में गलत काम नहीं किया जा सकता। इस इकरारनामे के माध्यम से मुसलमानों को बोर्ड ने सलाह दी कि निकाह के प्रोग्राम या वलीमा में किसी भी प्रकार का नाच गाना या आतिशबाज़ी बिल्कुल न हो। यह भी जोर दिया गया कि इस्लामी शरीअत के आदेश के मुताबिक दूल्हे को दुल्हन का महर तुरन्त अदा करना चाहिए। मौलाना फरंगी महली ने इस बात पर भी जोर दिया कि बेटियों को विरासत में जो अधिकार मिला है, वह जरूर दिया जाए।
बता दें कि शरियत में लोगों को जागरूक करने के मकसद से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानी एआईएमपीएलबी की ओर से मुस्लिम समाज के लोगों को आसान और मसनून निकाह को लेकर सोशल मीडिया पर दस रोजा मुहिम के तहत जागरूक किया गया। एआईएमपीएलबी के मुताबिक चूंकि कोविड की वजह से जलसा आदि का आयोजन करना मुनासिब नहीं है, इसलिए सोशल मीडिया पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यह कैंपेन शुरू किया है।