अफ्रीका से मौलाना हसन अली रजनी ने सऊदी अरब में बहरीन के दो शिया युवकों की फांसी की निंदा की
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, दार एस सलाम
पूर्वी अफ्रीका के तटीय शहर दार एस सलाम से भारत के शिया मौलाना हसन अली रजनी ने सऊदी अरब और बहरीन में अशांति फैलाने के आरोप में सऊदी अरब में दो बहरीन शिया युवकों की फांसी की कड़ी निंदा की है.
कहा कि आज दुनिया में हर कोई सरकार, पार्टी और एक-दूसरे के खिलाफ टिप्पणी, आपत्ति या विरोध करती ह. इसका मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें फांसी दे दें.रजनी ने आगे कहा कि अगर हम भारत में या भारत के बाहर किसी सरकार या पार्टी की आलोचना करते हैं, तो वह पार्टी हमारा समर्थन करती है, क्योंकि यह हमारा कानूनी अधिकार है.
मौलाना ने कहा कि इस संबंध में एक जून को बगदाद के वसीक चैराहे पर प्रदर्शनकारियों ने सऊदी अरब और बहरीन की सरकारों के खिलाफ नारेबाजी की और निर्दोष लोगों को निशाना बनाने की आलोचना की. प्रदर्शनकारियों ने सत्तावादी शासन के खिलाफ नारों के साथ पीले कार्ड दिखाए. इराकी प्रदर्शनकारी मारे गए बहरीन के युवकों के पोस्टर भी लिए हुए थे. इराक के नौज्बा प्रतिरोध संगठन के प्रवक्ता नस्र अल-शामरी ने सऊदी सरकार के कदम की निंदा की. कहा कि ये दोनों युवा स्वतंत्रता और न्याय की मांग कर रहे थे. संघर्ष के अलावा उनके पास कुछ भी नहीं था. मौलाना रजनी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी कहते हैं कि हम अपने विरोध के कारण अपनी गलतियां देखते हैं और हम अपने विरोध के माध्यम से खुद को सुधार कर खुद को मजबूत करते हैं.
मौलाना रजनी ने कहा कि अगर आप स्पीकर बंद कर देते हैं तो कौन बोलेंगे और सरकार कैसे चलेगी, इसलिए जितना हो सके वक्ताओं की सुरक्षा की जानी चाहिए.