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शेखुल हदीस से चर्चित देश के चर्चित इस्लामिक विद्वान मौलाना इसहाक उटावड़ी ने दुनिया को कहा अलविदा

यूनुस अलवी, नूंह (हरियाणा )

मौत एक कड़वी सच्चाई है। आज मेवात ही नहीं हिंदुस्तान की बड़ी अजीम शख्सियत व हजरत मौलाना यूसुफ साहब ( रह ) के खास मौलाना इसहाक उटावडी का मेवात के शहीद राजा हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नलहड़ में सुबह 10ः 15 बजे इंतकाल हो गया., जिस से मेवात में गम का माहौल है.

मेवात के सपूत ,मुहद्दिस कबीर,उस्तादुल असातिजा मौलाना अब्दुल सुब्हान नाटोली के शागिर्द व मौलाना यूसुफ हजरत के चहीते मौलाना इसहाक, जिन्होंने हिंदुस्तान के अलावा अरब मुल्कों में भी तब्लीगी जमात में काम किया है. आपको बता दें कि अमिनिया और सुभानिया से अपनी आलमियत की पढ़ाई करने वाले मौलाना इशाक मेवात के अमीरे शरिया और मदरसा मोइनुल इस्लाम के सदर मुदर्रिस और शेखुल हदीस रह चुके हैं.
उन्होंने अपनी खिदमात से पूरी मेवात को नफा पहुंचाया है. मौलाना हरियाणा के पलवल जिले के हथीन विधानसभा के अंतर्गत आने वाले गांव उटावड़ केे थे. उनकी उम्र 100 साल से भी ज्यादा बताई जाती है. मौलाना मरहूम ने आलिमियत से फारिग होने के बाद तकरीबन 1940 में मरकज निजामुद्दीन पहुंचे और तब्लीग का काम शुरू कर दिया. मौलाना सिद्दीक शैखुल हदीस उटावडी के 2008 में इंतकाल के बाद उन्हें अमीरे शरीअत हरियाणा, पंजाब,हिमाचल, चंडीगढ़ बनाया गया और अंतिम समय तक इस पद पर रहे. आज शनिवार को उनकी वफात होने से मेवात में गम का माहौल है. उनकी नमाज जनाजा यासीन मेव डिग्री कॉलेज नूंह में पढ़ाई गई. इसमें मेवात,दिल्ली,राजस्थान,उत्तरप्रदेश के हजारों उलामा और इलके के लोग शामिल हुए. नमाजे जनाजा मौलाना इसहाक के बड़े बेटे मौलाना खालिद ने अदा कराई.

हरियाणा विधानसभा प्रतिपक्ष के उपनेता एवं नूंह से कांग्रेस विधायक चैधरी आफताब अहमद में मौलाना के इंतकाल को मेवात के लिए अपूर्णीय क्षति बताते हुए दुख जाहिर किया . उन्होंने कहा कि मौलाना इशाक की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता. वह बेहतरीन इंसान थे. मेवात में शुरू से ही तब्लीग जमात से जुड़े रहे. वह मेवात ही नही देश के अनमोल हीरा थे.

इस मौके पर जमीअत उलामा-ए-हिन्द व मरकज निजामुद्दीन से भी जमात मेवात पहुंची. मौलाना हकीमुद्दीन कासमी महासचिव जमीअत उलामा-ए-हिन्द, मुफ्ती जाहिद हुसैन कासमी शैखुल हदीस नूंह, मौलाना राशिद साहब मील खेड़ला, मुफ्ती इब्राहीम कासमी, मौलाना फारूक मरकज निजामुद्दीन, मौलाना अब्दुर्रशीद मरकज निजामुद्दीन, मुफ्ती असलम आली मेव, मौलाना सईद अमिनी मालब, समेत हजारों आलिम ने उनके निधन पर दुख जताया है.