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मौलाना मुफ्ती सलमान अज़हरी हिरासत में, समर्थकों से शांति की अपील

आवाज द वाॅयस ,मुंबई

पुलिस अन्य धार्मिक नेताओं के मामले में तत्पर्ता दिखाए या नहीं, पर मुस्लिम से जुड़े मुददे पर वह जेम्स बाॅंड बन जाती है. एक ऐसा ही उदाहरण फिर देखने को मिला.गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने नफरत फैलाने वाले भाषण के मामले में मौलाना मुफ्ती सलमान अज़हरी को हिरासत में लिया. उन्हें मुंबई के घाटकोपर से पकड़ा गया. मौलाना अज़हरी पर धारा 153ए, 505, 188 और 114 के तहत आरोप हैं.

हिरासत के दौरान समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील:

हिरासत के दौरान, मौलाना अज़हरी ने घाटकोपर पुलिस स्टेशन के बाहर अपनी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे समर्थकों से कानून और व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, “किसी को भी जोश में होश नहीं खोना चाहिए. स्थिति जो भी हो, मैं आपके सामने हूं. न तो मैं अपराधी हूं और न ही मुझे अपराध करने के लिए यहां लाया गया है. वे आवश्यक जांच कर रहे हैं . मैं भी सहयोग कर रहा हूं. मैं आपसे कानून और व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध करता हूं. अगर यह मेरे भाग्य में है तो मैं गिरफ्तार होने के लिए तैयार हूं. मैं आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि यदि आप मुझसे प्यार करते हैं, तो यह जगह खाली कर .।”

वकील का बयान:

मौलाना अज़हरी के वकील वाहिद शेख ने कहा, “मौलाना मुफ्ती सलमान अज़हरी के घर पर सुबह के समय सिविल ड्रेस में 35-40 पुलिसकर्मी मौजूद थे. हमने उनसे उनके आने का उद्देश्य पूछा, लेकिन कुछ भी नहीं बताया गया। मौलाना मुफ्ती सलमान अज़हरी के साथ समन्वय करते हुए उन्होंने (पुलिस ने) कहा कि गुजरात में 153 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. मौलाना मुफ्ती सलमान अज़हरी उनके साथ पुलिस स्टेशन आए और सहयोग भी किया लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है..मौलाना मुफ्ती सलमान अज़हरी सहयोग करने को तैयार है लेकिन पुलिस कोई जवाब नहीं दे रही है.”

विवाद का कारण:

मुंबई के इस्लामिक उपदेशक अज़हरी ने 31 जनवरी की रात जूनागढ़ के मोकल्या मैदान में भाषण दिया. कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने विवादास्पद बयान दिए जिसने ध्यान आकर्षित किया. मौलाना अज़हरी के भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी. इसके अलावा जूनागढ़ पुलिस ने इस मामले में दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया है.

मुंबई पुलिस ने चार मौलवियों पर मामला दर्ज किया:

मुंबई पुलिस ने धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में चार मौलवियों पर मामला दर्ज किया है. यह विवाद धर्म पर मौलाना अज़हरी की टिप्पणियों और नशे के खिलाफ जागरूकता की उनकी वकालत के इर्द-गिर्द घूमता है. कार्यक्रम के लिए पुलिस से अनुमति लेते समय, अज़हरी ने आश्वासन दिया था कि वह नशे के बारे में जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने भड़काऊ बयान दिए थे. उनके भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ, जिसके कारण कानूनी कार्यवाही शुरू हुई.

यह खबर महत्वपूर्ण है क्योंकि:

  • यह धार्मिक विद्वानों द्वारा दिए गए भाषणों के संदर्भ में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है.
  • यह दर्शाता है कि पुलिस नफरत फैलाने वाले किसी भी भाषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
  • हालांकि एक समुदाय विशेष के धार्मिक नेताओं के मामले में पुलिस इतनी जल्दबाजी नहीं दिखाती. यह अक्सर देखा गया है.