चुनाव के समय पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर में ब्रिटेन राजनयिक के दौरे का अर्थ
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,मुंबई
कश्मीर एक फुटबाल की तरह है. भारत और पाकिस्तान किसी भी खास मौके पर अपने-अपने ‘हिस्से’ के कश्मीर को खेलते रहते हैं. विशेषकर चुनाव के समय कश्मीर का ‘फुटबाॅल गेम’ जरूर होता है़.पाकिस्तान में जब आम चुनाव सिर पर है तो उसने फिर कश्मीर को फुटबाल बना दिया. इसके लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर मंे ब्रिटेन की राजनयिक का दौरा कराया. इसपर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है.
भारत ने कहा कि उसने एक वरिष्ठ ब्रिटिश राजनयिक की पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर की यात्रा पर विरोध दर्ज कराया है. कहा है कि इस सप्ताह की यह यात्रा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है.बता दंे कि भारत कश्मीर पर पूर्ण रूप से दावा करता है. लेकिन परमाणु-सशस्त्र भारत और पाकिस्तान इसपर आंशिक रूप से नियंत्रित करते हैं. कश्मीर के मसले पर दोनों मुल्कों के बीच 1947 के बाद से अब तक दो युद्ध हो चुके हैं और हिमालय क्षेत्र पर कई झड़पों का दौर चला है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, पाकिस्तान में ब्रिटिश उच्चायुक्त जेन मैरियट ने 10 जनवरी को यूके विदेश कार्यालय के एक अधिकारी के साथ पाकिस्तानी कश्मीर का दौरा किया.मंत्रालय ने कहा कि भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यात्रा के बारे में भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है और यात्रा को अस्वीकार्य कर दिया.
भारतीय विरोध पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर, ब्रिटिश विदेश कार्यालय के एक प्रवक्ता ने मैरियट की यात्रा की पुष्टि की. कहा, वह ब्रिटेन-पाकिस्तानी प्रवासियों से मिलीं, सड़क पर रहने वाले बच्चों के साथ फुटबॉल मैच खेला और एक बेकरी का दौरा किया.
बता दें कि इस सप्ताह की यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में इस वर्ष चुनाव होने हैं. पाकिस्तान में आम चुनाव भारत से पहले होने वाला है.भारत ने इस्लामाबाद में ब्रिटिश उच्चायुक्त की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की यात्रा का विरोध किया.भारत ने 10 जनवरी 2024 को ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के एक अधिकारी के साथ इस्लामाबाद में ब्रिटिश उच्चायुक्त की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की यात्रा को गंभीरता से लिया है. इसे
भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का ऐसा उल्लंघन बताया है.विदेश सचिव ने इस उल्लंघन पर भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है. कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं, और रहेंगे.