Mehbooba Mufti विवादास्पद बयान से बिहार चुनाव में भाजपा को मदद पहुंचाने की कोशिश
अनुच्छेद 370 चुनाव में छाने का खतरा बढ़ा
लगता है साल भर नजरबंद रहने के बावजूद पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती का भारतीय जनता पार्टी के प्रति मोह कम नहीं हुआ है। बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनुच्छेद 370 के बहाने मतदाताओं के ध्रवीकरण के प्रयास में हैं। इस बीच महबूबा ने इस मुद्दे पर विवादास्पद बयान देकर अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें लाभ पहुंचाने की कोशिश की है। उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। राष्ट्रवादी हिंदू उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग कर रहे हैं।
बिहार चुनाव को लेकर नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार से अपने चुनाव प्रचार का आगाज किया। इस दौरान उन्होंने अनुच्छेद 370 का मुद्दा विशेष तौर से उठाया। कहा, देश विरोधी दोबारा इस कानून को लागू करने की बात कर रहे हैं, जबकि उनकी सरकार का कोई भी फैसला वापस नहीं लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एक वर्ष पहले जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिला हुआ विशेष राज्य का दर्जा केंद्र सरकार ने सदन में प्रस्ताव लाकर वापस ले लिया था। इसपर कहीं बवाल न मचे। इसके लिए पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला सहित तमाम सियासतदांनों को नजरबंद कर दिया गया था। अब उनकी धीरे-धीरे रिहाई हो रही है। पिछले सप्ताह ही महबूबा पर से नजरबंदी हटी है। इससे पहले उमर और फारूख अब्दुल्ला नजरबंद मुक्त हुए थे। तब से वे बैठकें कर जम्मू कश्मीर में दोबारा अनुच्छेद 370 लागू करने की मांग उठा रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र में सत्ता में आने पर इसकी समीक्षा का वादा किया है। नरेंद्र मोदी इसे बिहार के चुनाव में कैश कराने की कोशिश में हैं। चुनाव प्रचार के पहले दौर की तीन जन सभाओं में उन्होंने इसपर विशेष चर्चा की, पर कोई महत्व नहीं मिला। अब महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 पर विवादास्पद बयान देकर इस मुद्दे को गर्माने की कोशिश की है। महबूबा और उनके पिता का भाजपा से पुराना नाता है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से पहले उनकी वहां संयुक्त सरकार थी। चुनाव के समय आए उनके विवादास्पद बयान को उनके पुराने रिश्ते से जोड़कर देखा जा रहा है।
पहले मेरा झंडा फिर तिरंगा
एक समाचार एजेंसी के अनुसार, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार की शाम श्रीनगर में एक विशेष संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कहा कि वह तब ‘तिरंगा नहीं फहराएंगी‘, जब तक कि जम्मू कश्मीर ” का झंडा नहीं फहरता। नजरबंदी से रिहा होने के बाद वह पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रही थीं। उन्हांने कहाः ‘‘मेरा झंडा यह है (उनकेे सामने मेज पर रखे जम्मू-कश्मीर के झंडे की ओर इशारा करते हुए)। जब यह झंडा वापस आएगा, तो हम उस झंडे (तिरंगे) को भी उठाएंगे। जब तक हमें अपना झंडा वापस नहीं मिलता, हम कोई और झंडा नहीं उठाएंगे। इस झंडे ने उस झंडे के साथ हमारे रिश्ते को मजबूर किया है। ‘‘
चीन का हजार वर्ग किलोमीटर पर कब्ज़ा
उन्होंने कहा कि इस देश के ध्वज के साथ हमारा संबंध इस ध्वज (जम्मू और कश्मीर के ध्वज) से स्वतंत्र नहीं है। जब यह झंडा हमारे हाथ में आता है, तो हम उस ध्वज को भी उठाएंगे। पीडीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि वह तब तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी जब तक कि धारा 370 बहाल नहीं होती। उन्होंने खुद को‘‘एक स्ट्रीट फाइटर’ करार देते हुए कहा कि मुझे चुनावों में कोई दिलचस्पी नहीं। जब तक हमारी स्थिति वापस नहीं होती, तब तक महबूबा मुफ्ती कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी। मेरा संघर्ष अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए नहीं , कश्मीर समस्या के समाधान के लिए होगा।‘‘
मुफ्ती ने कहा, ‘‘हमने एक उदार, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष भारत का सम्मान किया। हम आज के भारत के साथ असहज हैं।‘‘ मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आया। यह सही है कि चीन ने हमारी 1000 वर्ग किमी भूमि पर कब्ज़ा कर लिया है। मुझे लगता है, हम किसी तरह 40 किमी वापस लाने में कामयाब रहे। चीन अनुच्छेद 370 की बात भी करता है। उनके इस बयान के बाद बिहार चुनाव में कश्मीर का मुद्दा छाने की संभावना प्रबल हो गई है।
input & pic ANI
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