कोविड से संबंधित गलतफमियां दूर करने को अल्पसंख्यक मंत्रालय का ऑपरेशन ‘जान है तो जहान है’ 21 जून से
शुरूआत में कोविड वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों ने हराम-हलाल का ऐसा चक्कर चलाया कि इसका नाम लेते ही मुसलमान भड़क उठते थे. बाद में उलेमा ने इस संबंध में फतवे जारी किए.
खुद भी वैक्सीन लगवाई तब जाकर मुसलमानों को यकीन हुआ कि कोरोना वैक्सीन लगाए बगैर महामारी से बचाव मुमकिन नहीं. अब ‘भेड़ के खाल में भेड़िए’ मुसलमानों को वैक्सीन से दूर रखने के लिए अलग-अलग तरह की अफवाह उड़ा रहे हैं. मसलन, वैक्सीन लगाने पर मौत हो जाती है.
इससे बच गए तो नपुंसक होजाएंगे. विशेष तौर से ऐसी अफवाहें कम पढ़े-लिखे लोगों और सुदूरवर्ती इलाके में फैलाई जा रही हैं ताकि वे वैक्सीन से दूर रहें और कोरोना का निवाला बन जाएं.
मगर केंद्र का अल्पसंख्यक मंत्रालय इस भ्रमजाल को तोड़ने को बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है.अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस अभियान का नाम दिया है-जान है तो जहान है.
अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय देश में चल रहे कोविड टीकाकरण अभियान के खिलाफ अफवाहों को दूर करने के लिए ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में जागरूकता अभियान ‘जान है तो जहान है‘ शुरू करेगा.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में जागरूकता पैदा करने और कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों और आशंकाओं को दूर करने के लिए अभियान 21 जून को शुरू किया जाएगा.
यह अभियान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा विभिन्न सामाजिक-शैक्षिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और महिला स्वयं सहायता समूहों (एसजीएच) के साथ शुरू किया जाएगा.
नकवी ने कहा, राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल जिले रामपुर से शुरू किया जाएगा और देश के विभिन्न हिस्सों में भी आयोजित किया जाएगा.
दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी, दिल्ली में फतेहपुरी मस्जिद के इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद, जैन गुरु आचार्य लोकेश मुनि, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, अजमेर शरीफ दरगाह सज्जादनाशीन सैयद जैनुल आबेदीन कुछ प्रमुख धार्मिक नेता हैं जिन्होंने कोविड टीकाकरण अभियान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए फिल्म, टेलीविजन और अन्य क्षेत्रों की हस्तियों के साथ अभियान में शामिल हुए.
नकवी ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व देश के कुछ क्षेत्रों में कोविड के टीकों के बारे में अफवाहें और आशंकाएं फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे तत्व लोगों के स्वास्थ्य और भलाई के दुश्मन हैं.
उन्होंने कहा कि दो ‘मेड इन इंडिया‘ कोविड टीके हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का परिणाम हैं और यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि ये टीके कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बिल्कुल सुरक्षित और प्रभावी हथियार हैं.
मंत्री के अनुसार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की नई रोशनी योजना के तहत कार्यरत राज्य हज समितियां, वक्फ बोर्ड, उनसे जुड़े संगठन, सेंट्रल वक्फ काउंसिल, मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन, विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक संस्थान, एनजीओ, महिला स्वयं सहायता समूह, जागरूकता अभियान ‘जान है तो जहान है‘ का हिस्सा होंगे.