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मुस्लिम रहनुमाओं को कश्मीर में आतंकवादियों के मस्जिदों के दुरूपयोग पर स्पष्टिकरण देना ही चाहिए !

जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने तीन आतंकवादी घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि आतंकवादी मस्जिदों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.

यदि विजय कुमार की बातों में सच्चाई है तो मुसलमानों को, विशेषकर कश्मीर के मुस्लिम समाज को इस कलंक को मिटाने के लिए गंभीर पहल करने की जरूरत है. उन्हें ऐसा बंदोबस्त करना होगा ताकि दोबारा ऐसी नौबत न आए.

आम धारणा बन जाए कि आतंकवादियों के मस्जिदों में छिपकर नापाक मंसूबे को अमली रूप देने का मतलब है, उन्हें इलाके के लोगां का समर्थन मिलना. ऐसी धारणा बन जाने बाद तो फिर देश की तमाम मस्जिदों पर उंगली
उठाई जा सकती हैं.

यदि ऐसा नहीं है, जैसा कि जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार कह रहे हैं, तब भी मुसलमानों को स्पष्टिकरण देने के लिए आगे आना होगा. आखिर ऐसा क्या हुआ था कि आतंकवादी मस्जिदों में छुपकर सुरक्षा बलों पर हमले कर रहे थे या किन परिस्थितियों में वह अंदर घुस आए ? और वहां के मुअज्जिज लोग चाहकर भी कुछ नहीं कर पाए.

मुस्लिम रहनुम यदि विजय कुमार की बातों के इस पहलू पर रोशनी नहीं डालेंगे, तब भी भ्रम की दीवार खड़ी रहेगी. यानी दोनों ही स्थितियों मंे स्पष्टिकरण की जरूरी है.

बहरहाल, अब जानते हैं कि विजय कुमार ने क्या कहा. न्यूज एजेंसी एनआई के अनुसार, विजय कुमार का कहना है कि आतंकवादियों ने पंपोर, सोपोर और शोपियां में हमलों के लिए मस्जिदों का दुरुपयोग किया. आईजीपी के अनुसार, आतंकवादियों ने 19 जून, 2020 को पंपोर में हमलों के लिए मस्जिद का दुरुपयोग किया, 1 जुलाई, 2020 को सोपोर और 9 अप्रैल, 2021 को शोपियां में.

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों ने 19 जून, 2020 को सोपोर में पंपोर में आतंकी हमलों के लिए मस्जिदों का दुरुपयोग किया. 1 जुलाई, 2020, और 9 अप्रैल, 2021 को शोपियां. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संगठनों, मस्जिद इंतिजामिया, समाज और मीडिया को इस तरह के कृत्यों की निंदा करनी चाहिए. ‘‘

बता दंें कि 9 अप्रैल को, शोपियां में सुरक्षा बल के साथ मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मारे गए थे. वे एक मस्जिद के भीतरछुपे थे. 19 जून 2020 को पंपोर मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे, जो शरण लेने के लिए जामिया मस्जिद में घुस गए थे.

1 जुलाई, 2020 को सोपोर की एक मस्जिद से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की पार्टी पर आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी किए जाने से एक जवान और एक नागरिक की मौत हो गई, जबकि तीन कर्मियों को चोटें आईं थीं.