News

नरसिंहानंद के अपमानजनक बयान पर मुस्लिम संगठनों का विरोध, समाज में नफरत फैलाने का आरोप

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने उत्तर प्रदेश के विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद की इस्लाम के पैगंबर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह बयान एक बेतुके व्यक्ति का है और यह भारत के आम नागरिकों की सोच को प्रदर्शित नहीं करता.

मौलाना रहमानी ने अपने बयान में कहा कि हमारे देश में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने इस्लाम के पैगंबर की जीवनी लिखी है. उनके सम्मान में नात कहे हैं. गांधीजी की शिक्षाएं हमारे सामने हैं, जिन्होंने अपने जीवन को मानवता के आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया. यदि कोई अश्लील शब्दों का उपयोग करता है, तो यह उसकी अपनी भाषा की गंदगी है. इसका देश के सभी लोगों से कोई संबंध नहीं है.

उन्होंने इस बयान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की. कहा कि सरकार को ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उसे सही सजा देनी चाहिए. मौलाना रहमानी ने यह भी कहा कि मुसलमानों को देश के सभी धर्मों के बारे में सम्मानजनक दृष्टिकोण रखना चाहिए, जैसा कि इस्लाम की शिक्षा है.

उन्होंने कहा कि पैगंबर की नैतिकता, उनके मानवतावादी दृष्टिकोण और उनकी शिक्षाओं का परिचय देश की हर भाषा में देना चाहिए ताकि लोग सही जानकारी प्राप्त कर सकें और आपसी भाईचारा और सहिष्णुता को बढ़ावा दिया जा सके.

नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) ने भी यति नरसिंहानंद की टिप्पणी की कड़ी निंदा की है और देशभर में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का ऐलान किया है. मंच के नेताओं ने कहा कि नरसिंहानंद का बयान न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए हानिकारक है, बल्कि भारतीय समाज के सांप्रदायिक सौहार्द के लिए भी गंभीर खतरा है.मंच ने इसे विभाजन और नफरत फैलाने का एक व्यवस्थित प्रयास बताया है. इसके खिलाफ एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान चलाने का फैसला किया है.

एमआरएम की ऑनलाइन बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य ‘जियो और जीने दो’ की नीति पर चलते हुए समाज के हर वर्ग के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखना है. मंच ने यह भी स्पष्ट किया कि वह धर्मांतरण और किसी भी धर्म के अपमान के सख्त खिलाफ है.

नफरत के खिलाफ एकता का संदेश

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इस बयान के जरिए समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है और यति नरसिंहानंद जैसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह संघर्ष केवल नरसिंहानंद जैसे व्यक्तियों के खिलाफ नहीं, बल्कि उन विचारों और मानसिकता के खिलाफ है, जो समाज में विभाजन और नफरत फैलाने का प्रयास करती हैं.

नरसिंहानंद की टिप्पणी का इतिहास और सख्त सजा की मांग

यति नरसिंहानंद का विवादास्पद इतिहास कोई नया नहीं है. उनके भड़काऊ भाषणों ने पहले भी समाज में अशांति पैदा की है। मंच के नेताओं ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के अपमानजनक बयान देने की हिम्मत न कर सके.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *