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कोराना : मुस्लिम युवकों ने 19 मृतकों का किया अंतिम संस्कार, इंसानियत को माना धर्म

कोविड-19 की दूसरी लहर में तेलंगाना में भी कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई. इससे मरनेवालों की संख्या हजारों में रही.

इन सबके बीच ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि कोरोना मृतकों के शव पड़े रहे और उनके परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया, क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वे शव के नज़दीक गए तो उन्हें भी कोरोना का संक्रमण हो जाएगा.

ऐसे में उनके ही पड़ोसी दूसरे धर्मों के लोग आगे आए और ऐसे मृतकों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं साथ ही मृतक के परिवारों की मदद कर रहे हैं। पिछले साल 2020 में भी जब कोरोना अपने चरम पर था, तब भी इस तरह की घटनाएँ हुई थीं और इस साल भी इस तरह की कई घटनाएँ हुई हैं.

हैदराबाद से सटे कुमरमभीम आसिफाबाद जिले के सिरपुर कागजनगर शहर में कोरोना संक्रमण से कई लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना संक्रमण से अपनी जान गंवाने वाले केशव का अंतिम संस्कार करने के लिए उनके परिवार वाले भी सामने नहीं आए लेकिन सिरपुर कागजनगर के मुस्लिम युवकों ने कोराना संक्रमण से मरे हिंदू धर्म के कई लोगों का अंतिम संस्कार उनके धर्म के रीति रिवाज के अनुसार किया.

कागजनगर यूनिटी के सदस्यों ने अब तक 19 शवों का हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया है. कागजनगर यूनिटी के सदस्य वसीम, याहीन बिन अहमद, सैयद हाजी, नवीन गॉड ने वृद्ध महिला के शव का अंतिम संस्कार किया.

कागजनगर यूनिटी के सदस्यों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते अगर किसी की मौत हो जाए और शव के अंतिम संस्कार के लिए अगर कोई आगे नहीं आए तब हमें फोन कर कर बताएं, हम सब तुरंत आकर कोरोना मृतक का अंतिम संस्कार उसके धर्म के रीति-रिवाज के अनुसार करेंगे.

कोरोनाकाल ने ऐसे दिन दिखा दिए हैं जहां पर मुश्किल समय में अब कोई किसी की मदद नहीं करता, बल्कि सिर्फ दूर रहने की ही कोशिश रहती है.

लेकिन इन दूरियों के बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जो धर्म के तमाम बंधनों को तोड़ सिर्फ इंसानियत में विश्वास दिखा रहे हैं। कागजनगर में सांप्रदायिक सौहाद्र और भाईचारे की मिसाल देखने को मिली है.