मुअज्जिन के ‘ जय श्री राम ‘ का नारा नहीं लगाने पर इतना जोरदार थप्पड़ मारा कि जमीन पर गिर गया
पश्चिम बंगाल के हुगली के चिनसुराह से एक मुअज्जिन के साथ बदसलूकी किए जाने की खबर आई है. एक व्यक्ति ने मस्जिद में अजान देने वाले मुअज्जिन को इस लिए थप्पड़ जड़ दिया, क्यों कि उसने ‘जय श्री राम’ के नारे नहीं लगाए.
कोलकता से प्रकाशित प्रतिष्ठि अंग्रेजी दैनिक ‘टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, हुगली के चिनसुराह में एक मुअज्जिन को बुधवार तड़के ‘‘जय श्री राम‘‘ का नारा लगाने से इनकार करने पर एक अज्ञात युवक ने थप्पड़ मार दिया.
चिनसुराह के चकबाजार के रहने वाले 54 वर्षीय मोहम्मद सूफीउद्दीन ने कहा कि बुधवार तड़के करीब 3.45 बजे वह अपने घर से मस्जिद के लिए साइकिल से जा रहे थे. इस बीच तीन मोटरसाइकिल सवार युवकों ने चकबाजार के पास उन्हें
रोक कर ‘जय श्री राम ”
का नारा लगाने को कहा. इसपर उन्होंने बताया कि वह मुसलमान हैं. ऐसा नहीं कर सकते. इस पर, युवाओं में से एक ने जोरदार थप्पड़ जड़ दिया जिससे वह नीचे गिर गए. जैसे ही उन्होंने चिल्लाना शुरू किया युवक मौके से फरार हो गए.
सूफीउद्दीन ने युवकों में से एक भी सुबह जल्दी उठने वालों से नहीं था. पिछले छह वर्षों से मुअज्जिन का काम करने वाले सूफीउद्दीन की शिकायत पर तीन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ चिनसुराह पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है.
इस संदर्भ में चंद्रनगोर के पुलिस आयुक्त गौरव शर्मा ने कहा, ‘‘हमें शिकायत मिली है. जांच शुरू कर दी गई है.‘‘ उधर, भाजपा नेताओं ने कहा कि पार्टी किसी को भी ‘जय श्री राम‘ का नारा लगाने को मजबूर नहीं करती है. हुगली के भाजपा अध्यक्ष गौतम चटर्जी ने कहा,“हमारी पार्टी ने कभी किसी को ‘ जय श्री राम’ का जाप करने के लिए मजबूर नहीं किया. मुझे नहीं पता कि अपराधी हमारी पार्टी के हैं या नहीं. उन्होंने पुलिस से मुअज्जिन को परेशान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया.
सूफीउद्दीन ने कहा कि जब से भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में बंगाल में 18 सीटें जीती हैं, उनके जैसे लोगों को पार्टी से जुड़े लोग परेशान करने लगे हैं.
2019 के चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद, एक युवा ने उन्हें कहा था, ‘काका, जय श्री राम बोलो‘ (चाचा, जय श्री राम)। लेकिन इससे पहले कि मैं युवाओं को जवाब देता, उनके एक दोस्त ने उन्हें फटकार लगाई और कहा कि मुझे जय श्री राम का नारा लगाने को मजबूर न करें.
सूफीउद्दीन ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि चिनसुराह शहर में उनकी धार्मिक पहचान के लिए थप्पड़ मारा जाएगा. यहां वह वर्षों से रह रहे हैं. अगर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करती है, तो वे भविष्य में ऐसी हरकत करने की हिम्मत नहीं करेंगे. यह हमारे क्षेत्र की संस्कृति नहीं है.
हुगली के तृणमूल नेताओं का कहना है कि यह चिनसुराह में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश है. राज्य के कृषि विपणन मंत्री तपन दासगुप्ता ने कहा कि सूफीउद्दीन पर हमला हमारी संस्कृति और सद्भाव को नुकसान पहुंचाने के भाजपा के प्रयासों को दर्शाता है.