NewsTOP STORIES

नदीम माहिर की किताब ‘सोशल मीडिया: फायदे और नुकसान’ का विमोचन

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

पहले के समय में केवल मीडिया था, लेकिन मौजूदा समय में सोशल मीडिया ने जिस तरह से लोगों के बीच जगह बनाई है, उससे इंकार नहीं किया जा सकता. ये बातें आइडिया कम्युनिकेशंस के उपाध्यक्ष और तसमीया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. सय्यद फारुख शायर ने नदीम माहिर की किताब ‘सोशल मीडिया: फायदे और नुकसान’ के विमोचन के अवसर पर कहीं.

डॉ. सय्यद फारुख ने कहा कि पहले के समय में यह मुकाबला होता था कि सबसे पहले दुनिया को खबर कौन देता है, लेकिन आज के समय में झूठी खबरें परोसी जाती हैं. सोशल मीडिया का इस्तेमाल हम सकारात्मक तरीके से करें, इसी में हमारी भलाई है.

आइडिया कम्युनिकेशंस के निदेशक आसिफ आजमी ने कहा कि जिस तेजी से इंटरनेट और विशेष रूप से सोशल मीडिया ने दुनिया में जगह बनाई है, वह सभी को हैरान कर देने वाला है. सोशल मीडिया पर नकारात्मक और सकारात्मक दोनों चीजें की जा सकती हैं, लेकिन हमारा समाज सकारात्मक चीजों पर अधिक ध्यान केंद्रित किए हुए है.

हमारे अंदर से असहिष्णुता खत्म होती जा रही है. अगर सोशल मीडिया पर किसी ने किसी के बारे में कुछ लिखा, तो हम तुरंत उसका जवाब दे देते हैं. हमें इसका सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए.

किताब ‘सोशल मीडिया: फायदे और नुकसान’ के लेखक नदीम माहिर ने कहा कि इंटरनेट या सोशल मीडिया एक दोधारी तलवार की तरह है. इसके फायदे, नुकसान और खामियां सभी स्तर के लोगों के लिए एक जैसी नहीं हैं, बल्कि हर व्यक्ति इस महामारी से अलग-अलग तरह से प्रभावित है.

आज का भौतिक युग इसी विकासवादी मंजिल की ओर बढ़ रहा है, जिसका जिक्र परी कथाओं में होता था, जो अब धीरे-धीरे हकीकत बनता जा रहा है. इस विकासवादी या जादुई दुनिया का नायक इंटरनेट है.

सोशल मीडिया आधुनिक समाज का एक अभिन्न अंग बन गया है. यह प्लेटफ़ॉर्म एक-दूसरे से जुड़ने, सामग्री साझा करने और ऑनलाइन समुदायों में भाग लेने की अनुमति देता है. बच्चों के हाथ में मोबाइल है और उसमें कई तरह के गेम मौजूद हैं, जिसके कारण वे पढ़ाई के बजाय गेम पर ध्यान दे रहे हैं. यह चिंता का विषय है और इससे बच्चे दिमागी तौर पर बीमार हो रहे हैं.