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जेएमआई में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल एक्सक्लूजन एंड इनक्लूसिव पॉलिसी (सीएसएसईआईपी) ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाएं, उनकी दृश्यता और अदृश्यता की खोज शीर्षक से दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया. 9 और 10 अगस्त को आयोजित इस सेमिनार को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) द्वारा भारत की आजादी के 76वें वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के अभिन्न अंग के रूप में प्रायोजित किया गया था.

दो दिवसीय विचारोत्तेजक राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ता लगभाग इस बात पर सहमत थे कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की ऐतिहासिक भूमिका को स्वीकार करने की बजाए अक्सर नजरअंदाज किया गया, जबकि उनके योगदान को उत्साहपूर्वक उजागर करने का प्रयास किया जाना चाहिए.

इस कार्यक्रम में डॉ. सैयदा सैय्यदैन हमीद की गरिमामयी उपस्थिति रही. सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रतिष्ठित सामाजिक वैज्ञानिक और योजना आयोग की पूर्व सदस्य डॉ. हमीद थे. उन्होंने कहा कि कामकाजी वर्ग की महिलाओं के महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर नजरअंदाज किए गए योगदान पर कुशलता से प्रकाश डाला जाना चाहिए. उन्हांेने कहा कि महिलाअें के ऐतिहासिक वृत्तांतों को अफसोसजनक रूप से मिटा दिया गया.

सम्मानित शिक्षाविद्, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व प्रोफेसर मैत्रेयी चैधरी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महिलाओं द्वारा सामना की गई व्यक्तिगत कठिनाइयों पर रोशनी डाली. उन्हांेने महिलाओं की मुक्ति की दिशा में यात्रा में शिक्षा और राजनीतिक भागीदारी की अपरिहार्य भूमिकाओं को रेखांकित किया.

सेमिनार में देश भर के विद्वानों की उत्साहजनक भागीदारी रही. छह आकर्षक तकनीकी सत्रों, दो पूर्ण सत्रों और इतिहास में खोए हुए, भारत की महिला स्वतंत्रता सेनानी शीर्षक से एक स्फूर्तिदायक आमंत्रित वार्ता के साथ वक्ताओं द्वारा प्रभावशाली ढंग से भाषण दिया गया.भारतीय महिला अध्ययन संघ की उपाध्यक्ष विभूति पटेल ने सेमिनार में अपने वक्तव्यांे से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

सेमिनार का भव्य समापन जेएनयू की प्रो. जोया हसन के शानदार भाषण से हुआ. उनके प्रेरक शब्द सेमिनार के सार से मेल खाते थे, जिससे भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं के अमूल्य योगदान को पहचानने के महत्व को बल मिला. सीएसएसईआईपी के मानद निदेशक और सेमिनार के संयोजक प्रो अरविंदर ए. अंसारी ने हार्दिक कृतज्ञता के साथ,सेमिनार को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों और उपस्थित लोगों को हार्दिक धन्यवाद दिया.