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मुसलमानों एवं बराक ओबामा को निशाना बनाने पर आजतक, टाइम्स नाउ नवभारत और न्यूज18 इंडिया को एनबीडीएसए की फटकार, लगाया जुर्माना

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

देश के मुख्य समाचार चैनल कितने खतरनाक ढंग से मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाने मंे लगे हैं, इसका खुलासा शुक्रवार को हो गया. एबीडीएसए ने इस मामले में प्रमुख न्यूज चैनल आजतक, टाइम्स नाउ नवभारत और न्यूज18 इंडिया को न केवल फटकार लगाई है, मोटा जुर्माना भी ठोंका है.

न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी संक्षेप में एबीडीएसए की मानें तो देश के प्रमुख न्यूज चैनल मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए अकारण ‘लव जेहाद’ के नाम पर लोगांे को भड़का रहे हैं. हर लड़का-लड़के के मामले में को जान बूझकर लव जिहाद से जोड़ा जा रहा है. हद यह है कि जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में मुसलमानों के खिलाफ होने वाली ज्यादतियों पर अपने विचार रखे तो आजतक के सुधीर चैधरी ने उनके बयान को खालिस्तीनी, पाकिस्तानी से जोड़ दिया.

एबीडीएसए ने इसके लिए एक विशेष समुदाय के पुरुषों को स्टीरियोटाइप करने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए आजतक और न्यूज18 इंडिया की खिंचाई की है.

समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण (एनबीडीएसए) ने अपने समाचार कार्यक्रमों के माध्यम से नफरत और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने के लिए हिंदी समाचार चैनलों आजतक, टाइम्स नाउ नवभारत और न्यूज18 इंडिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है.

शिकायतकर्ता इंद्रजीत घोरपड़े के अनुसार, इन चैनलों पर कार्यक्रमों में एक विशेष समुदाय (मुसलमानों) को निशाना बनाते हुए लव जिहाद और सांप्रदायिक हिंसा जैसे विषयों पर चर्चा की जाती है.

एनबीडीएसए के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एके सीकरी ने आजतक को चेतावनी जारी करते हुए टाइम्स नाउ नवभारत पर 1,00,000 और न्यूज18 इंडिया पर 50,000 रूपये का जुर्माना लगाया. तीनों चैनलों को सात दिनों के भीतर आपत्तिजनक कार्यक्रमों के ऑनलाइन अपलोड को हटाने का निर्देश दिया गया है.

आजतक के ब्लैक एंड व्हाइट शो के खिलाफ दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया कि एंकर बिहार के नालंदा में हुई हिंसा के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराता रहा.

शिकायत में कहा गया है,एंकर यह बताने में विफल रहा कि बिहार के नालंदा में एक मस्जिद को जला दिया गया, कि मस्जिद के आसपास मुस्लिम दुकानों और घरों को भी जला दिया गया था और घंटों तक पुलिस नहीं पहुंची, और जब पहुंची तो उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया और घर लूट लिया.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रसारण के दौरान एंकर ने झूठा दावा किया कि भारत में केवल मुस्लिम क्षेत्र हैं जहां किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं है.एनबीडीएसए ने पाया कि यदि प्रसारणकर्ता ने अपने विश्लेषण को सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं तक ही सीमित रखा होता तो प्रसारण में कोई समस्या नहीं होती.

एनबीडीएसए ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि प्रसारण में, कुछ उपद्रवियों द्वारा की गई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को एंकर द्वारा एक विशेष समुदाय को लक्षित करने के लिए सामान्यीकृत किया गया था. यह प्रसारण में एंकर द्वारा दिए गए बयानों से स्पष्ट है.आजतक को भविष्य में प्रसारण में सतर्क रहने की चेतावनी.

टाइम्स नाउ नवभारत के खिलाफ दायर शिकायत में तर्क दिया गया कि चैनल के एक प्रसारण के दौरान, सामान्यीकृत बयानों और आरोपों वाली सुर्खियों को देश की सच्चाई के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को बदनाम करना और उनके खिलाफ नफरत फैलाना था.

ऐसा कहा गया कि एंकर ने श्रद्धा वाकर को गलत तरीके से उद्धृत किया, जिनकी 2022 में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इसे लव जिहाद का उदाहरण बताया गया.

इसके अलावा, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि लव जिहाद के विषय पर पिछले वर्ष के चैनल के प्रसारणों की खोज करने पर, ऐसे कार्यक्रमों की एक अंतहीन सूची मिली.

विवादित प्रसारण की समीक्षा करने पर, एनबीडीएसए ने कहा कि यह स्पष्ट है कि एंकर ने तुरंत निष्कर्ष निकाला कि एक विशिष्ट समुदाय के पुरुषों ने अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर दूसरे समुदाय की महिलाओं को धोखा दिया, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी महिलाओं के खिलाफ हिंसा या हत्याएं हुईं.

एनबीडीएसए ने कहा कि इसके अलावा, किसी विशेष समुदाय की महिलाओं से जुड़ी हिंसा या हत्या की हर घटना को लव जिहाद से जोड़ा गया.

इसमें कहा गया है कि केवल इसलिए कि एक हिंदू लड़की ने दूसरे धर्म के लड़के से शादी कर ली, यह लव जिहाद के समान नहीं होगा, जब तक कि यह स्थापित नहीं हो जाता कि ऐसी हिंदू लड़की को धोखा दिया गया था या शादी के लिए मजबूर किया गया था.

एनबीडीएसए ने टाइम्स नाउ नवभारत पर 1 लाख का जुर्माना लगाते हुए कहा,ऐसे कुछ उदाहरणों को सांप्रदायिक रंग देकर अंतर-धार्मिक विवाह के बारे में सामान्यीकृत बयान नहीं देना चाहिए. प्रत्येक नागरिक को, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.

तीसरी शिकायत में आरोप लगाया गया कि न्यूज18 इंडिया ने श्रद्धा वाकर हत्या मामले को लव जिहाद के इस्लामोफोबिक साजिश सिद्धांत से जोड़कर सांप्रदायिक आग भड़काने के लिए इस्तेमाल किया.यह तर्क दिया गया, चैनल ने चुनिंदा मामलों को चुना जहां पीड़ित हिंदू महिलाएं थीं और अपराधी मुस्लिम पुरुष थे. महिलाओं के खिलाफ अन्य धर्मों के पुरुषों द्वारा की गई हिंसा के उदाहरणों का उल्लेख करने में विफल रहे.

एनबीडीएसए ने पाया कि हालांकि मीडिया को अपनी पसंद के किसी भी विषय पर बहस आयोजित करने का अधिकार है, लेकिन ब्रॉडकास्टर के लिए लव जिहाद के विषय पर कई बहस आयोजित करना अनुचित हो सकता है.इसमें कहा गया है, ब्रॉडकास्टर को भी श्रद्धा वाकर हत्या मामले पर बहस आयोजित करने का अधिकार है, लेकिन उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रसारण से आरोपियों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े या मीडिया ट्रायल न हो.

एनबीडीएसए ने टिप्पणी की कि लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल लापरवाही से नहीं किया जाना चाहिए और भविष्य के प्रसारणों में सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श किया जाना चाहिए.इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि धार्मिक रूढ़िवादिता देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नष्ट कर सकती है. एक समुदाय को अपूरणीय क्षति पहुंचा सकती है. धार्मिक असहिष्णुता या अरुचि को बढ़ावा दे सकती है.

बराक ओबामा की आलोचना करते समय टुकड़े-टुकड़े गैंग, खालिस्तानी, पाकिस्तान शब्द का इस्तेमाल करने पर एनबीडीएसए ने आजतक पर 75 हजार रूपये का जुर्माना लगाया.2023 में सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में, ओबामा ने कहा था कि अगर भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहता है तो उसके अलग होने की संभावना है.

न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के एक बयान की आलोचना करते हुए अपने प्रसारण में निष्पक्षता और तटस्थता के सिद्धांतों का उल्लंघन करने के लिए आजतक न्यूज चैनल पर 75,000 का जुर्माना लगाया है.

ओबामा ने भारत में अल्पसंख्यकों के मताधिकार से वंचित होने की बात कही थी. कहा था कि अगर भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहता है तो उसके अलग होने की संभावना है.

एनबीडीएसए के चेयरपर्सन जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि ओबामा के बयान की रिपोर्टिंग और आलोचना करते समय, एंकर सुधीर चैधरी एक असंबद्ध कथा लेकर आए और ओबामा के बयान को अलगाववादी संगठनों और चरमपंथी समूहों से जोड़ दिया और टुकड़े-टुकड़े गैंग, पंजाब में खालिस्तानी जैसे वाक्यांशों का इस्तेमाल किया.

आदेश में कहा गया है, आक्षेपित प्रसारण में, टुकड़े-टुकड़े गैंग, पंजाब में खालिस्तानी और पाकिस्तानी समर्थक शब्दों का उपयोग करके, अपनी चर्चा को ओबामा के बयान तक सीमित रखने के बजाय, ब्रॉडकास्टर एक विवादास्पद मुद्दे को संवेदनशीलता और निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में विफल रहा था.

एनबीडीएसए ने आगे कहा कि ओबामा के बयान को अलगाववादी संगठनों और चरमपंथी समूहों से जोड़ना घोर गलतबयानी है. प्राधिकरण ने माना कि ऐसा करना निष्पक्षता और तटस्थता के सिद्धांतों का उल्लंघन है.यह आदेश 26 जून, 2023 को आजतक द्वारा प्रसारित कार्यक्रम ब्लैक एंड व्हाइट के खिलाफ उत्कर्ष मिश्रा की शिकायत पर पारित किया गया था.

प्रसारण में, चैधरी एक साक्षात्कार के दौरान सीएनएन को दिए गए बराक ओबामा के बयान की आलोचना कर रहे थे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) की आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रसारित किया गया था.

मुस्लिम भारत, हिंदू भारत

साक्षात्कार में, जब पूछा गया कि जो बिडेन को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी जैसे नेताओं के साथ कैसे जुड़ना चाहिए, जिन्हें निरंकुश…अउदार डेमोक्रेट माना जाता है. जवाब में बराक ओबामा ने कहा कि उनके तर्क का हिस्सा होगा यदि भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं की गई, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत, किसी बिंदु पर, अलग होना शुरू हो जाएगा.

और हमने देखा है कि जब आप बड़े आंतरिक विवादों में पड़ना शुरू करते हैं तो क्या होता है.यह न केवल मुस्लिम भारत, बल्कि हिंदू भारत के हितों के विपरीत होगा. मुझे लगता है कि इन चीजों के बारे में ईमानदारी से बात करने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है.

शिकायतकर्ता के अनुसार, आज तक के प्रसारण में ओबामा के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया और इसे टुकड़े-टुकड़े गैंग, खालिस्तान जैसे अलगाववादी और आतंकवादी आंदोलनों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. इस मुद्दे के बारे में दर्शकों की समझ को पूर्वाग्रहित किया गया.

शिकायतकर्ता ने तर्क दिया कि यह, रिपोर्ताज को कवर करने वाले विशिष्ट दिशानिर्देशों के तहत तटस्थता और निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन था. बहस सहित कार्यक्रम आयोजित करने वाले एंकरों के लिए विशिष्ट दिशानिर्देशों के तहत दिशानिर्देश जी, एच और के, और नफरत भरे भाषण की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश.

शिकायतकर्ता ने तर्क दिया कि वाक्यांश अलग होना को (प्रसारण में) पूरी तरह से अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए विभाजन के रूप में चित्रित किया गया था और मुसलमानों के मताधिकार से वंचित होने के संबंध में आलोचना को सबसे अधिक द्विआधारी, चरमपंथी और न्यूनतावादी संदर्भ में रिपोर्ट किया गया था.

उन्होंने दोहराया कि इस धारणा को गलत तरीके से पेश किया गया. इसके लिए टुकड़े-टुकड़े गैंग, अलगाववादियों और विदेशी खुफिया एजेंसी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया गया, जिसे चैधरी ने इस धारणा के विपरीत बताने की कोशिश की कि मोदी मध्य पूर्वी देशों के साथ अल्पसंख्यक अधिकारों और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा दे रहे हैं, जैसा कि व्यापार में सुधार से पता चलता है.दूसरी ओर, आजतक ने तर्क दिया कि प्रसारण में व्यक्त विचार से असहमत होना किसी चुनौती का आधार नहीं है.

चैनल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ओबामा एक पूर्व राष्ट्र प्रमुख थे. कोई सामान्य नागरिक नहीं थे. उनका बयान एक बड़े विवाद का विषय बन गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे पाखंडी बताया था.

आजतक ने यह भी तर्क दिया कि चैधरी ओबामा की तुलना टुकड़े-टुकड़े गैंग से नहीं कर रहे थे, बल्कि केवल यह कह रहे थे कि उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा आमतौर पर अलगाववादी संगठनों, खालिस्तानियों और आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जाती है जो अलगाव के विचार में विश्वास करते हैं.

इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि दुर्भाग्य से, टुकड़े-टुकड़े गिरोह, शहरी नक्सली जैसे वाक्यांश भाषा का हिस्सा बन गए हैं, जिसमें मीडिया द्वारा उपयोग किए जाने वाले शब्द भी शामिल हैं, लेकिन तर्क दिया कि ऐसे शब्दों के उपयोग के संबंध में कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है.

एनबीडीएसए ने पाया कि चैधरी ने ओबामा के बयान को अलगाववादी संगठनों से जोड़कर निष्पक्षता और तटस्थता के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है.यदि एंकर ने इसे सीमित कर दिया होता तो विवाद के साथ कोई समस्या नहीं होती.