गाजा युद्ध में पहली बार 24 इजराइली सैनिकों के मारे जाने से नेतन्याहू भारी दबाव में
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, जेरूसलम
गाजा युद्ध में पहली बार इजराइली सेन को भारी क्षति होने और अब तक 140 बंधकांे नहीं छुड़ा पाने के कारण इजरायल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. इससे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारी दबाव में आ गए हंै.सोमवार को 24 सैनिकों की मौत के बाद फिलिस्तीनी क्षेत्र में सेना की रणनीति की गहन जांच की जा रही है. अक्टूबर के अंत में गाजा में जमीनी हमले शुरू होने के बाद से इजरायल की यह सबसे बड़ी एक दिवसीय क्षति है.
हमास ने इजरायली सैनिक पर बिल्डिंग गिरा दी
इस दौरान इजरायल के 24 सुरक्षा कर्मी हमास के रणनीतिक हमले में मारे गए. इन सैनिकों पर राॅकेट दागर कर एक पूरी बिल्डिंग की गिरा दी.इस घटना में रॉकेट चालित ग्रेनेड से एक टैंक और दो इमारतों पर हमला किया गया था. इजरायली सैनिक इसे ही उड़ाने की कोशिश कर रहे थे, पर खुद ही शिकार बन गए.
तेल अवीव विश्वविद्यालय के एक व्याख्याता इमैनुएल नावोन नेे मीडिया को बताया कि सेना की क्षति का असर हर किसी पर पड़ता है. देश में लगभग हर किसी का कोई बेटा या भाई या कोई रिश्तेदार (गाजा में लड़ रहा है) है.उन्होंने आगे कहा, इजरायली अब तेजी से पूछ रहे हैं कि रणनीति क्या है ? क्या हम वास्तव में तब तक चलते रहेंगे जब तक हमास को खत्म नहीं कर देते?
इजरायल में भारी विरोध प्रदर्शन
यही नहीं इस मुददे पर तेल अवीव और यरूशलेम में घर के बाहर विरोध प्रदर्शन होने से नेतन्याहू के युद्ध मंत्रिमंडल में विभाजन उभर आया हैं. बंधकों के रिश्तेदारों ने बंदियों की वापसी की मांग के लिए सोमवार को नारे लगाते हुए रैली निकाली.तेल अवीव के बार-इलान विश्वविद्यालय में व्याख्याता जूलिया एलाड-स्ट्रेंगर ने कहा, युद्ध कैबिनेट में मौजूदा सदस्यों का मूड बहुत खराब है.
विशेषज्ञों ने एएफपी को बताया कि 7 अक्टूबर के हमले के जवाब में फिलिस्तीनी हमास को खत्म करने की नेतन्याहू की दृढ़ प्रतिज्ञा को कैबिनेट के भीतर गाजा में रखे गए बंधकों को वापस करने के साथ असंगत माना जा रहा है.
विशेषज्ञों ने कहा कि पांच सदस्यीय युद्ध कैबिनेट के दो सदस्यों, बेनी गैंट्ज और गाडी ईसेनकोट ने नेतन्याहू के रुख को खारिज कर दिया है. उसका कहना है कि केवल हमास पर सैन्य दबाव से बंधक नहीं छूटने वाले.
फूट पड़ने लगे
जेरूसलम के हिब्रू विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रूवेन हजान ने कहा, नेतन्याहू के अनुसार हमास के खड़े रहने पर कोई जीत नहीं हो सकती. गैंट्ज और ईसेनकोट के अनुसार बंधकों के खो जाने पर कोई जीत नहीं हो सकती.ईसेनकोट, जिनका बेटा गाजा में लड़ते हुए मारा गया, ने पिछले हफ्ते एक साक्षात्कार में नेतन्याहू की लंबे समय से चली आ रही स्थिति से अलग होने का ऐलान किया था.
उन्होंने इजरायली प्रसारक चैनल 12 से कहा, (हमास के साथ) समझौते के बिना निकट भविष्य में बंधकों को जीवित वापस लौटाना असंभव है.आधिकारिक इजरायली आंकड़ों के आधार पर एएफपी टैली के अनुसार, नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर को उसके लड़ाकों द्वारा किए गए अभूतपूर्व हमले के जवाब में हमास पर संपूर्ण जीत की कसम खाई है.
इजराइली आंकड़ों पर आधारित एएफपी टैली के अनुसार, हमास ने लगभग 250 बंधकों को पकड़ लिया है. इजराइल का कहना है कि गाजा में लगभग 132 बंधक बचे हैं, जिनमें कम से कम 28 मृत बंधकों के शव भी शामिल हैं.
नेतन्याह का अड़ियल रवैया
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इजराइल के गाजा में लगातार हमला से अब तक कम से कम 25,490 लोग मारे गए हैं, जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं, छोटे बच्चे हैं.इस बीच ,नेतन्याहू ने उन सुझावों को खारिज कर दिया कि उनकी सरकार को नवंबर में हुए समझौते के समान समझौते पर पहुंचने के लिए हमास के साथ एक और दौर की बातचीत करनी चाहिए. पिछले समझौते में 80 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया था.
कतर, संयुक्त राज्य अमेरिका और मिस्र की मध्यस्थता से हुए इस समझौते के तहत, सात दिनों के लिए युद्ध विराम की सहमति बनी थी. इससे गाजा में सहायता भी पहुंचाई गई.इजरायली प्रधान मंत्री ने रविवार को हमास के साथ बातचीत में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा, हमास द्वारा मांगी गई शर्तें एक सरल सत्य को प्रदर्शित करती हैं. जीत का कोई विकल्प नहीं है.
नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने और बंधकों की रिहाई के लिए शर्तें रखी हैं जिनमें युद्ध की समाप्ति, गाजा से इजरायली सेना की वापसी और समूह के सत्ता में बने रहने की गारंटी शामिल है.
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नेतन्याह सियासी कॅरियर के खराब दौर में
विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इजरायली प्रधानमंत्री सत्ता में बने रहने की रणनीति के रूप में युद्ध जारी रखेंगे. भले ही रास्ता बदलने का दबाव बढ़ रहा हो.इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के एक वरिष्ठ विश्लेषक मैराव जोंस्जेन ने कहा, मुझे लगता है कि उन्होंने इस युद्ध को जारी रखने का निर्णय लिया है. न केवल अपने राजनीतिक हितों के लिए, बल्कि अपनी अंतहीन युद्ध रणनीति की खातिर.
हिब्रू विश्वविद्यालय के हजान ने कहा, जहां तक नेतन्याहू का सवाल है, अगर युद्ध 2024 से आगे चलता है तो यह राजनीतिक रूप से उनके लिए बेहतर है.हजान ने कहा, फिलहाल वह अपने पूरे राजनीतिक करियर में सबसे खराब दौर में हैं.
अब तक कितने इजरायली सैनिक मारे गए ?
बीबीसी की एक रिपोर्ट में गाजा युद्ध में अब तक बड़ी संख्या में इजरायली सैनिकों के मारे जाने की जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ इजराइल ने हमास को नष्ट करने के घोषित लक्ष्य के साथ युद्ध शुरू किया था.आईडीएफ वेबसाइट के अनुसार, 27 अक्टूबर को इजराइल के जमीनी आक्रमण की शुरुआत के बाद से 7 अक्टूबर के बाद से 552 सैनिक मारे गए हैं.