Culture

ताजिकिस्तान में महिलाओं के लिए नया ड्रेस कोड, हिजाब पर प्रतिबंध बरकरार

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,दुशांबे

मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान जल्द ही महिलाओं के लिए नए ड्रेस कोड दिशानिर्देश प्रकाशित करेगा, जिससे देश में महिला परिधान पर सरकारी नियंत्रण और सख्त हो जाएगा। यह कदम तब उठाया गया है जब सरकार इस्लामी हिजाब और विदेशी परिधानों पर प्रतिबंध को प्रभावी तरीके से लागू करना चाहती है।

क्या है ताजिकिस्तान का नया ड्रेस कोड दिशानिर्देश?

ताजिकिस्तान के संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, सरकार महिलाओं और लड़कियों के लिए राष्ट्रीय पोशाक पर नई सिफारिशें तैयार कर रही है, जिन्हें जुलाई 2025 में प्रकाशित एक पुस्तक में विस्तृत रूप से बताया जाएगा

इस दिशा में मंत्रालय के सांस्कृतिक संस्थानों और लोक शिल्प विभाग के प्रमुख खुर्शीद निज़ोमी ने कहा,
“वस्त्र हमारी राष्ट्रीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिला है।”

यह पुस्तक महिलाओं को “आयु वर्ग के अनुसार” उपयुक्त परिधान की जानकारी देगी, साथ ही घर, थिएटर और समारोहों जैसे विभिन्न स्थानों के लिए उपयुक्त परिधान का विवरण भी देगी।

कैसा होगा पारंपरिक ताजिक परिधान?

सरकार के मुताबिक, महिलाओं को पारंपरिक ताजिक कपड़े पहनने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिसमें शामिल हैं:

  • ढीले-ढाले पतलून
  • रंगीन कढ़ाई वाली, लंबी आस्तीन वाली अंगरखी पोशाकें
  • सर पर हल्का रुमाल (लेकिन इस्लामी हिजाब नहीं)

हिजाब और इस्लामी परिधानों पर प्रतिबंध

ताजिकिस्तान की सरकार पहले ही “राष्ट्रीय संस्कृति के लिए विदेशी कपड़ों” पर प्रतिबंध लगा चुकी है। राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन ने हिजाब को “समाज के लिए समस्या” करार देते हुए कहा है कि “महिलाओं को ताजिक परंपराओं के अनुसार कपड़े पहनने चाहिए।”

सरकार ने न केवल इस्लामिक हिजाब पर प्रतिबंध लगाया है, बल्कि पुरुषों के लिए लंबी दाढ़ी रखने पर भी पाबंदी लगा दी है, इसे “धार्मिक चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई” के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।

धार्मिक चरमपंथ के खिलाफ ताजिकिस्तान की सख्ती

ताजिकिस्तान ने 2015 के बाद से इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं

  • कई ताजिक नागरिकों के ISIS (इस्लामिक स्टेट) में शामिल होने की खबरें सामने आई थीं।
  • मॉस्को में 2024 में हुए आतंकी हमले में ताजिक नागरिकों की संलिप्तता के बाद, सरकार ने इस्लामी प्रभावों पर और सख्ती दिखाई है।

अफगानिस्तान से लगती सीमा के कारण सुरक्षा चिंताएँ

ताजिकिस्तान अफगानिस्तान के साथ एक लंबी सीमा साझा करता है और दोनों देशों के बीच भाषा और सांस्कृतिक समानताएँ भी हैं।
इस कारण ताजिकिस्तान में धार्मिक कट्टरता फैलने का खतरा अधिक रहता है, जिससे सरकार इस्लामी परिधानों और कट्टरपंथी विचारों पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है।

क्या महिलाओं की आज़ादी पर असर पड़ेगा?

ताजिकिस्तान में पहले भी महिलाओं के कपड़ों से जुड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन सरकार के अनुसार, यह नई पुस्तक बेहतर गुणवत्ता, विस्तृत फोटोग्राफ्स और ऐतिहासिक संदर्भों के साथ प्रस्तुत की जाएगी

हालांकि, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह कदम व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सीमित कर सकता है और महिलाओं के पहनावे पर सरकार का अनुचित नियंत्रण स्थापित कर सकता है

निष्कर्ष

ताजिकिस्तान की यह नई पहल महिलाओं को पारंपरिक ताजिक पोशाक अपनाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास है, लेकिन यह व्यक्तिगत पसंद की स्वतंत्रता और धार्मिक अधिकारों पर भी सवाल खड़े करता है

सरकार का दावा है कि यह पहल “राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान को बचाने” के लिए है, जबकि आलोचक इसे “व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर प्रतिबंध” के रूप में देख रहे हैं।

आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ताजिक समाज इस नए ड्रेस कोड दिशानिर्देशों को किस तरह स्वीकार करता है और क्या यह महिलाओं के लिए एक नए विवाद का रूप लेता है।