एनआईए का दावा, दाऊद इब्राहिम और डी-कंपनी आपनी खास टीम से व्यवसायियों और राजनेताओं को बना रही है निशाना
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली
भारत की खुफिया एजेंसियां कई बार यह ‘खुलासा’ कर चुकी हैं कि मुंबई बम बलास्ट के आरोपी दाऊद इब्राहिम और डी-कंपनी पाकिस्तान मंे छुपे हुए हैं. अब वही खुफिया एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दावा किया है कि दाऊद इब्राहिम और डी-कंपनी देश के राजनेता और व्यापारियांे को अपने खास लोगों की मदद से निशाना बना रहे हैं. यानी कोई गिरोह विदेश मंे रहकर भी अपनी वह तमाम हरकतें जारी किए हुए जो भगौड़ा होने से पहले किया करता था. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी ही है.
बहरहाल, एनआईए मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के नेतृत्व वाली डी-कंपनी ने राजनेताओं और व्यापारियों को निशाना बनाने के लिए एक विशेष इकाई की स्थापना की है. टीम को घातक हथियार उपलब्ध कराए गए हैं. ये प्रमुख हस्तियों के खिलाफ इस्तेमाल किए जाएंगे.
डी-कंपनी ने नेताओं और व्यापारियों सहित प्रतिष्ठित हस्तियों पर हमला करके लोगों में आतंक फैलाने के लिए यूनिट की स्थापना की है. एनआईए का दावा है, हमें पता चला है कि गिरफ्तार किए गए और वांछित आरोपी एक आतंकवादी गिरोह के रूप में काम करने वाले संगठित अपराध सिंडिकेट के सक्रिय सदस्य हैं.
एजेंसी के मुताबिक, पूरे भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के सिलसिले में शनिवार को दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और तीन अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.इसके अलावा चार्जशीट तीन गिरफ्तार व दो वांछित आरोपियों के खिलाफ भी दाखिल की गई है.
यह मामला आरिफ अबुबकर शेख उर्फ आरिफ भाईजान, शब्बीर अबुबकर शेख उर्फ शब्बीर, मोहम्मद सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट और दाऊद इब्राहिम कास्कर उर्फ शेख दाऊद हसन और शकील शेख उर्फ छोटा शकील के खिलाफ यूए की धारा 17, 18, 20 और 21 के तहत दर्ज किया गया है. इसके आलावा धारा 3(1) (पप), 3(2), 3(4) और 3(5) महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, आईपीसी की धारा 387, 201 और 120बी भी लगाया गया है.
एनआईए का दावा है कि पाकिस्तान से दुबई होते हुए मुंबई के लिए हवाला चौनल के जरिए आरिफ और शब्बीर को कुल 25 लाख रुपये नकद भेजे गए. यह कुछ और नहीं बल्कि आतंकवाद की कमाई है.उन्होंने यह बड़ी रकम जबरन वसूली से जुटाए हैं.चार्जशीट में कहा गया है, जांच से पता चला कि आरोपी व्यक्ति जो डी-कंपनी, एक आतंकवादी गिरोह और एक संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य हैं, ने विभिन्न प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देकर गिरोह की आपराधिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश रच रहे हैं.
जांच एजेंसी का दावा है कि इस साजिश को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने डी-कंपनी की खातिर एक व्यक्तिगत आतंकवादी कोे लाभ पहुंचाने के लिए, धमकी देकर और लोगों की हत्या या गंभीर चोट का पहुंचाने का डर दिखाकर भारी मात्रा में धन जुटाया है. यह भारत की सुरक्षा को खतरा पैदा करने और आम जनता के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से ऐसा किया गया है.
एनआईए के आरोप पत्र में कहा गया है कि उसे पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी व्यक्तियों को हवाला चौनलों के माध्यम से विदेशों में स्थित फरार आरोपियों से भारी मात्रा में धन प्राप्त हुआ, जिसका उद्देश्य लोगों के मन में आतंक पैदा करने के लिए मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों में सनसनीखेज आतंकवादी, आपराधिक कृत्यों को ट्रिगर करना था. आरोपी व्यक्ति उक्त आतंकवाद की आय के कब्जे में थे. मामले में आगे की जांच जारी है.