अब the Gujarat story : पांच साल में लापता हुईं 40,000 महिलाएं, एनसीआरबी के आंकड़े से भाजपा मुसीबत में
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
केरल की चंद घटनाओं को ‘द केरल स्टोरी’ के नाम से फिल्म बनाकर देश के मुसलमानों को जलील करने वालों को नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो NCRB के आंकड़े से करारा जवाब मिल गया है. एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि पिछले पांच वर्षों में भाजपा शासित प्रदेश गुजरात से 40,000 से अधिक महिलाएं लापता हुई हैं.
How about making a movie on this??🤔
— Manish Jethwani (@mrjethwani_) May 7, 2023
The Gujarat Story.. pic.twitter.com/kXxiVjlrEG
एक अखबार ने एनसीआरबी के आंकड़े को आधार बनाकर इसपर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर रिपोर्ट का कतरन साझा कर ‘ द गुजरात स्टोरी’ (the Gujarat story) फिल्म बनाने की मांग उठाई जा रही है. सोशल मीडिया पर रविवार को दिनभर हैशटैग the Gujarat story चलता रहा.
प्रियंका पाटिल ने खबर साझा करते हुए ट्वीट किया-भाजपा नेता केरल में महिलाओं की बात करते हैं लेकिन गुजरात में 40 हजार से ज्यादा महिलाएं गायब हैं, अब क्या पीएम इस पर कुछ कहेंगे ? एक अन्य ने पूछा है कि लोग इसपर क्यों नहीं बात कर रहे हैं ?
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— Spirit of Congress✋ (@SpiritOfCongres) May 7, 2023
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि केवल 2020 में गुजरात से 8,290 महिलाओं के लापता होने की सूचना है. पांच वर्षों में कुल लापता महिलाओं की संख्या 41,621 है.
अहमदाबाद के पत्रकार दिलीप सिंह ने अपनी रिपोर्ट में आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से दावा किया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2016 में 7,105, 2017 में 7,712, 2018 में 9,246 और 2019 में 9,268 महिलाएं लापता हुईं.
राज्य सरकार द्वारा 2021 में विधानसभा में दिए गए एक बयान के अनुसार, अहमदाबाद और वडोदरा में केवल एक वर्ष (2019-20) में 4,722 महिलाएं लापता हुईं.
#GujaratModel 41,621 women have gone missing in Gujarat in five years, says NCRB data
— زماں (@Delhiite_) May 7, 2023
Missing girls: Gujarat numbers highest in 5 years
Year Missing
2016 7105
2017 7712
2018 9246
2019 9268
2020 8290
Why nobody talks about the Gujarat story? pic.twitter.com/jOOdSU53Mi
पूर्व आईपीएस अधिकारी और गुजरात राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य सुधीर सिन्हा ने कहा, कुछ लापता व्यक्तियों के मामलों में, मैंने देखा है कि लड़कियों और महिलाओं को कभी-कभी गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भेजा जाता है और वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है.
उनके अनुसार, पुलिस प्रणाली की समस्या यह है कि वह गुमशुदगी के मामलों को गंभीरता से नहीं लेती, जबकि ऐसे मामले हत्या से भी ज्यादा गंभीर होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जब कोई बच्चा लापता होता है, तो माता-पिता अपने बच्चे के लिए सालों तक इंतजार करते हैं. गुमशुदगी के मामले की हत्या के मामले की तरह ही सख्ती से जांच की जानी चाहिए.
The Gujarat Story !
— The Priyanca Patil ✋ (@PatilPriyanca) May 7, 2023
BJP leaders talk about women in Kerala but more than 40,000 women are missing in Gujarat, now will the PM say anything on this ? pic.twitter.com/wQnkOt3G5Y
सिन्हा ने कहा, गुमशुदा लोगों के मामलों की अक्सर पुलिस द्वारा अनदेखी की जाती है. उनकी जांच ब्रिटिश काल के तरीके से की जाती है.
पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. राजन प्रियदर्शी ने कहा कि लड़कियों के लापता होने के लिए मानव तस्करी जिम्मेदार है. मेरे कार्यकाल के दौरान, मैंने देखा कि अधिकांश लापता महिलाओं को अवैध मानव तस्करी समूहों द्वारा उठाया जाता है जो उन्हें दूसरे राज्य में ले जाते हैं और उन्हें बेचते हैं.
Why nobody talks about the Gujarat story? pic.twitter.com/q9CNNLrd0V
— Suby #ReleaseSanjivBhatt (@Subytweets) May 7, 2023
उन्होंने बताया, जब मैं खेड़ा जिले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) था, तो उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने जिले में एक मजदूर के रूप में काम कर रही एक गरीब लड़की को उठाया और उसे अपने मूल राज्य में बेच दिया, जहां उसे खेत में काम करने के लिए रखा गया था. हम उसे बचाने में कामयाब रहे, लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं होता है.
गुजरात कांग्रेस के एक प्रवक्ता हिरेन बैंकर ने कहा, बीजेपी के नेता केरल में महिलाओं के बारे में बात करते हैं, लेकिन देश के पीएम और गृह मंत्री के गृह राज्य गुजरात में 40,000 से अधिक महिलाएं गायब हैं. इस आंकड़े के उजागर होने के बाद देश के खुफिया विभाग पर भी उंगली उठने लगी है.