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ऑपरेशन सिंदूर: कंधार अपहरण और पुलवामा हमले के गुनहगारों समेत 100 से ज़्यादा आतंकवादी ढेर: DGMO

— भारत के सटीक सैन्य प्रतिशोध से POK और पाकिस्तान में खौफ, आतंकी शिविर खाली होने लगे

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

भारत की ओर से चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर अब तक का सबसे बड़ा और निर्णायक खुलासा सामने आया है। सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस अभियान में भारत ने 1999 के कंधार अपहरण (IC-814) और 2019 के पुलवामा हमले से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है।

इस सैन्य कार्रवाई में शामिल भारतीय वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में स्थित आतंकवादियों के नौ ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इनमें से कुछ ठिकानों पर अब कोई आतंकवादी नहीं बचा है, जबकि कई डर के कारण खाली कर दिए गए हैं


सटीक सैन्य उद्देश्य और कड़ा संदेश

DGMO ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना एक स्पष्ट सैन्य उद्देश्य के साथ बनाई गई थी — पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों और योजनाकारों को दंडित करना और आतंक के ढांचे को ध्वस्त करना।

“मैं यहां भारत के दृढ़ संकल्प या आतंकवाद के प्रति असहिष्णुता की बातें दोहराने नहीं आया, बल्कि एक स्पष्ट सैन्य कार्रवाई की बात कर रहा हूं।”
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। DGMO ने कहा कि यह हमला और हालिया अन्य हमले भारत को एक निर्णायक कदम उठाने के लिए बाध्य कर रहे थे।


‘उच्च-मूल्य लक्ष्य’ बने भारत के निशाने पर

घई ने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई में ‘हाई-वैल्यू टारगेट्स’ यानी ऐसे आतंकवादी जो वर्षों से भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा थे, उन्हें सटीकता के साथ ढेर किया गया।

इनमें शामिल हैं:

  • यूसुफ अजहर – कंधार अपहरण (IC-814) का प्रमुख साजिशकर्ता
  • अब्दुल मलिक रऊफ – जैश-ए-मोहम्मद का सक्रिय प्रशिक्षक
  • मुदासिर अहमद – पुलवामा हमले का योजनाकार

इनके साथ-साथ 100 से अधिक प्रशिक्षित आतंकवादी भी विभिन्न शिविरों में भारतीय मिसाइल हमलों में मारे गए।


भारतीय वायुसेना और नौसेना ने निभाई निर्णायक भूमिका

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने इस अभियान में भारतीय वायुसेना और नौसेना की सक्रिय और निर्णायक भूमिका को रेखांकित किया।

“वायुसेना ने दुश्मन के आकाश में अपनी क्षमता दिखाई और आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। नौसेना ने इस पूरे अभियान में सटीक हथियारों की आपूर्ति कर ऑपरेशन को मजबूत बनाया।”
— DGMO

भारतीय वायुसेना के टैक्टिकल स्ट्राइक्स से न सिर्फ आतंकी शिविर तबाह हुए, बल्कि इससे पाकिस्तान की सैन्य रणनीति में भी अस्थिरता आ गई।


पाकिस्तान की घबराई हुई प्रतिक्रिया और सीमा उल्लंघन

भारत की इस रणनीतिक कार्रवाई के तुरंत बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर उल्लंघन की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप कई भीषण झड़पें हुईं।

DGMO ने बताया कि पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया अनिश्चित और घबराई हुई थी।
उन्होंने बताया कि पाक हमलों में कई नागरिक, गांव और यहां तक कि गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थल भी निशाना बने, जिससे अनेक निर्दोष जानें गईं।


“कई आतंकी ठिकाने अब अस्तित्व में नहीं”

DGMO घई ने एक और महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब कई आतंकी शिविर या तो तबाह हो चुके हैं या आतंकियों द्वारा खाली कर दिए गए हैं।

“हमारे जवाबी हमलों के डर से कई आतंकी प्रशिक्षण केंद्र अब अस्तित्वहीन हो चुके हैं। उन्हें या तो नष्ट कर दिया गया है या आतंकवादियों ने डर के मारे छोड़ दिया है।”
— लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई

उन्होंने कहा कि खुफिया सूचनाओं और निगरानी प्रणालियों के माध्यम से इन ठिकानों की पहचान की गई थी और भारतीय सेना ने हर प्रहार को सूक्ष्म योजना और सटीक निशाने के आधार पर अंजाम दिया।


एक निर्णायक राष्ट्रीय संदेश

DGMO के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ सैन्य सफलता है बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का निर्णायक बयान भी है।

उन्होंने कहा:

“पहलगाम के निर्दोष पीड़ितों के परिवारों का दर्द, अन्य नागरिकों पर हमलों की पीड़ा — यह सब हमें बताता है कि अब आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्र को और स्पष्ट और कठोर बयान देना था। ऑपरेशन सिंदूर वही है।”


निष्कर्ष: अब डर से खाली हो रहे हैं आतंकी शिविर

भारत के इस व्यापक और सटीक ऑपरेशन के बाद, पाकिस्तान और पीओके में सक्रिय आतंकी संगठनों के अंदर भय, अस्थिरता और अव्यवस्था का माहौल है।

ऑपरेशन सिंदूर अब भारत की उस नीति का प्रतीक बन चुका है जो आतंकवाद के खिलाफ केवल बयान नहीं, निर्णायक कार्रवाई में विश्वास रखती है।

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