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ओपिनियन: उइगर मुसलमानों के लिए हमदर्दी दिखने वाले गाजा पर मौन क्यों ?

मुस्लिम नाउ संडे विशेष

डाॅक्टर सुधांश त्रिवेदी सटाइयर एक्स हैंडल से एक न्यूूज चैनल पर चलती खबर का स्क्रीन शाॅट सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है. इस टीवी स्क्रीन पर एक खबर की हेड लाइन है-‘ चीन ने मस्जिद गिराकर शौचालय बनाया ’. इस तस्वीर पर उनकी टिप्पणी है-‘‘बहुत दर्द हो रहा है यह सब सुनकर.’’

इसी तरह अनुराग राव ने भी एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है-‘‘ चीन एक के बाद एक मजहबी लोगों के धर्मस्थल तोड़ रहा है, पूरी दुनिया में एक भी जगह इसका विरोध या प्रदर्शन नहीं होता.वहीं भारत में यदि ट्रैफिक के लिए इनको सड़क से उठा के साइड कर दें तो नारे लग जाते हैं?चीन के मसले पर सब चुप क्यों हो जाते हैं ?’

इस लेख को आगे बढ़ाने से पहले डाॅक्टर सुधांश त्रिवेदी और अनुराग राव से परिचय कराना जरूरी है. एक्स हैंडल पर डाॅक्टर त्रिवेदी के परिचय में लिखा है- मोदी परिवार, नेशनल स्पोकपर्सन, राष्ट्रवादी आदि, जबकि यादव के परिचय में-‘पराउड हिंदू’ दर्ज है.

इनके ट्वीट से इस भ्रम में पड़ने की जरूरत नहीं कि ये मुसलमानों के प्रति हमदर्दी रखते हैं या मुसलमानों के मस्जिद-मदरसा को बचाने के लिए किसी आंदोलन से जुड़े हैं. इनके एक्स हैंडल पर इसके बिल्कुल विपरीत माला दिखेगा, जिससे आसानी से पता लगाया जा सकता है कि यह किस विचारधारा से हैं.

दरअसल, इन जैसे लोग ही नहीं वे देश भी ‘उइगर के मुसलमानों के मानवाधिकार’ के बहाने चीन को साधने की कोशिश में रहते हैं, जो इनके काबू में नहीं आ पा रहा है. खुद को लोकतंत्र और मानवाधिकार का ठेकेदार बताने वाला अमेरिका भी एक तरफ जहां उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन पर घड़ियाली आंसू बहाता है, वहीं गाजा में फिलिस्तीनियों को मारने के लिए इजरायल को हथियार सप्लाई कर रहा है.

दरअसल, ये वे लोग हैं जो चीन या किसी देश के मुसलमानों के प्रति हमदर्दी नहीं रखते. यह तो केवल मजा लेने के लिए ऐसी घटनाओं पर अपनी राय रखते रहते हैं. गाजा पर इजरायली युद्ध में छह महीनों में 33,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए. क्या इन जैसों ने इसपर अफसोस जताते हुए कोई ट्विट किया है ? चलिए, हमास को इजरायल पर हमले का दोषी मान लेते हैं, आम फिलिस्तीनियों ने तो कोई गलती नहीं की.

उनके मरने पर तो अफसोस के दो बोल बोल लेते. हमारा भ्रम भी टूट जाता. छोटे-छोटे बच्चे भूख, प्यास, इलाज के अभाव में मर रहे हैं, त्रिवेदी और यादव टाइप सोशल मीडिया हैंडल चेक कर लें इसपर आपको कुछन नहीं मिलेगा. जाहिर है, नीति और नियत एक जैसी नहीं. इजरायल में भले ही नेतन्याहू सरकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं, ये वे लोग हैं जो अपने देश में नेतन्याहू के पक्ष में रैलियां निकलाते हैं.

ताजा खबर है कि गाजा पर इजरायली युद्ध के छह महीने में 33 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं.अरब मीडिया के मुताबिक, गाजा युद्ध 21वीं सदी का सबसे विनाशकारी युद्ध बन गया है. मरने वाले फिलिस्तीनियों में 13 हजार से ज्यादा बच्चे हैं.

इजरायली हमलों में गाजा की 70 फीसदी आबादी विस्थापित हो गई, 56 फीसदी इमारतें नष्ट हो गईं और 227 मस्जिदें शहीद हो गईं.

अरब मीडिया का कहना है कि 11 लाख फिलिस्तीनी नागरिकों को खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ता है, जबकि दो साल से कम उम्र के 31 प्रतिशत बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं.अब यादव और त्रिवेदी से कोई पूछे इनकी मौतों की या गाजा कीटूटी मस्जिद की तस्वीरें कब ट्विट करोगे !