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पहलगाम हमला : आतंकी कहां गए ? ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्या खत्म हुआ आतंकवाद का खतरा ? मोदी के संबोधन में नहीं मिला जवाब

मुस्लिम नाउ डेस्क

7 मई को संपन्न हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत सरकार और सेना ने दावा किया कि पाकिस्तान में मौजूद कम से कम 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है और 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को ढेर किया गया। लेकिन इस सफलता के बावजूद कुछ सवाल ऐसे हैं जो अब भी अनुत्तरित हैं—विशेषकर पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों का क्या हुआ? क्या वे कार्रवाई से पहले सीमा पार कर चुके थे या मारे गए आतंकियों में वे भी शामिल हैं?

सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सीमित युद्ध के बाद अचानक सीजफायर की घोषणा कैसे और किसके कहने पर हुई? और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान से एक घंटा पहले आखिर किस अधिकार के तहत युद्धविराम की घोषणा की?

इन तमाम सवालों के जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार रात आठ बजे दिए गए संबोधन में नहीं मिल सके। उम्मीद थी कि पीएम मोदी सीधे तौर पर इन मुद्दों पर बात करेंगे, लेकिन उन्होंने अपने बयान को एक राष्ट्रवादी सैन्य सफलता के उत्सव के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि भारत के करोड़ों नागरिकों की भावनाओं का प्रतिबिंब है।

प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमले को “देश की आत्मा पर हमला” बताया और कहा कि निर्दोष पर्यटकों की हत्या ने न सिर्फ उन्हें व्यक्तिगत रूप से व्यथित किया, बल्कि देश को भी झकझोर दिया। इसके जवाब में भारत ने सीमा पार जाकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर निर्णायक कार्रवाई की।

उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत बहावलपुर और मुरीदके जैसे वे तमाम अड्डे निशाने पर लिए गए जो दशकों से वैश्विक आतंकवाद की नर्सरी बन चुके थे। मोदी ने दावा किया कि इन हमलों में न सिर्फ आतंकी अड्डे तबाह किए गए बल्कि उन आकाओं को भी खत्म कर दिया गया जो खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे और भारत के खिलाफ साजिशें रचते थे।

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई पर भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोनों को तिनके की तरह नष्ट कर दिया। भारत ने पाकिस्तान को “सीने पर वार” किया और उसके कई एयरबेस और सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया।

लेकिन इसके बाद जो घटनाक्रम हुआ, वह और भी अधिक चौंकाने वाला था। पाकिस्तान, जो अब तक भारत को धमकियां देता आया था, खुद सीजफायर की अपील करने लगा। 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने भारतीय DGMO से संपर्क कर युद्धविराम की मांग की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने फिलहाल अपनी जवाबी कार्रवाई स्थगित की है, बंद नहीं की।

मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अब भारत की नई सैन्य नीति का प्रतीक है, जिसमें तीन स्पष्ट संदेश हैं:

  1. आतंकी हमला होगा तो जवाब भी हमारी शर्तों पर होगा।
  2. न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में छिपे आतंकी सुरक्षित नहीं रहेंगे।
  3. आतंकी और उनके सरपरस्त—दोनों को एक ही नजर से देखा जाएगा।

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी दो टूक कहा कि पाकिस्तान से कोई भी बातचीत अब सिर्फ आतंकवाद या पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर ही होगी। उन्होंने दोहराया कि “टॉक और टेरर एक साथ नहीं चल सकते, टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते और खून और पानी भी एक साथ नहीं बह सकते।”

उन्होंने कहा कि आज जब देश बुद्ध पूर्णिमा मना रहा है, भारत ने दुनिया को यह दिखाया है कि शांति का मार्ग शक्ति से होकर ही गुजरता है।

लेकिन क्या वाकई यह अंत है?
क्या पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड मारे जा चुके हैं?
क्या पाकिस्तान अब आतंकवाद का समर्थन बंद कर देगा या एक बार फिर छद्म युद्ध की नीति अपनाएगा?

इन सवालों के जवाब आने वाले हफ्तों में सामने आएंगे। लेकिन फिलहाल इतना तय है कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रणनीति और सामरिक इच्छाशक्ति को वैश्विक पटल पर नई पहचान दी है।

भारत माता की जय।

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