पाकिस्तान-अफगानिस्तान उच्च स्तरीय वार्ता संपन्न: भाईचारा, सुरक्षा और शरणार्थियों के मुद्दों पर बनी सहमति
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,काबुल/इस्लामाबाद
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शनिवार को काबुल में एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता आयोजित की गई, जिसमें दोनों देशों के बीच भाईचारे पर आधारित संबंधों को और प्रगाढ़ करने, सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, व्यापार, पारगमन, और शरणार्थी मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से विस्तृत बातचीत की। बैठक में दोनों पक्षों ने स्थानीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग को बढ़ावा देने तथा उच्च स्तरीय आदान-प्रदान बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई।
वार्ता का केंद्र बिंदु: सुरक्षा, सीमा और शरणार्थी मुद्दे
विदेश कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, इशाक डार ने वार्ता के दौरान सुरक्षा और सीमा प्रबंधन से संबंधित सभी मुद्दों के समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय शांति को कायम रखने के लिए पारस्परिक समझदारी और सहयोग बेहद जरूरी है।
इशाक डार ने कहा, “हम न तो किसी को अपनी जमीन किसी अन्य देश के खिलाफ इस्तेमाल करने देंगे और न ही हम चाहेंगे कि अफगानिस्तान ऐसा करे। दोनों देश क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मिलकर काम करें।”
अफगान शरणार्थियों के निष्कासन पर अफगानिस्तान की चिंता
इस बीच, अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने पाकिस्तान में रह रहे अवैध अफगान नागरिकों के निष्कासन पर गहरी चिंता और निराशा व्यक्त की। उन्होंने इस्लामाबाद से आग्रह किया कि वह अफगान नागरिकों के मानवाधिकारों और सम्मानजनक व्यवहार की गारंटी दे।
अफगान विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, “पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों के जबरन निष्कासन से उत्पन्न मानवीय संकट को लेकर अफगान सरकार गंभीर रूप से चिंतित है।”
इशाक डार की प्रेस वार्ता: चार सैद्धांतिक निर्णय
काबुल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इशाक डार ने कहा कि अफगान शरणार्थियों के विषय में चार सैद्धांतिक निर्णय लिए गए हैं:
- सम्मान और गरिमा के साथ वापसी सुनिश्चित की जाएगी।
- शिकायतों के समाधान के लिए गृह मंत्रालय सक्रिय रूप से कार्य करेगा।
- उनकी संपत्तियों और व्यक्तिगत सामान को सुरक्षित ले जाने की अनुमति दी जाएगी।
- शिकायतों के समाधान हेतु एक समिति गठित की गई है।

प्रतिनिधिमंडल और बैठकें
पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल में अफगानिस्तान के लिए प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि मुहम्मद सादिक, विशेष सहायक तारिक बाजवा, वाणिज्य, रेलवे और आंतरिक मंत्रालय के संघीय सचिव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
इस प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापार, ट्रांजिट सहयोग, और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाने पर जोर दिया।
शरणार्थियों पर कड़ा रुख जारी
पाकिस्तान सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों और अन्य विदेशियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने हाल ही में कहा:
“अवैध निवासियों के निष्कासन की समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। केवल उन्हीं को पाकिस्तान में रहने, व्यापार करने की अनुमति होगी जिनके पास वैध दस्तावेज होंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश के किसी भी हिस्से में अगर कोई व्यक्ति अवैध प्रवासियों को घर, दुकान या नौकरी पर रखता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
भविष्य की राह: मिलकर आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने और सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की। दोनों देशों ने यह भी दोहराया कि वे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मिलकर प्रयास करेंगे।
निष्कर्ष:
यह उच्च स्तरीय वार्ता, विशेष रूप से मौजूदा संवेदनशील परिस्थितियों में, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संवाद की महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई है। जहां एक ओर पाकिस्तान ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमाओं की पवित्रता को प्राथमिकता दी है, वहीं अफगानिस्तान ने अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की मांग की है। यह वार्ता भविष्य के शांतिपूर्ण और स्थिर दक्षिण एशियाई क्षेत्र की नींव रखने में अहम भूमिका निभा सकती है।