News

भारत के 75 वें गणतंत्र पर पाकिस्तान का दावा, पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद

भारत जब अपना 75 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है तो पाकिस्तान ने एक विवादास्पद दावा किया है. उसका दावा है कि पाकिस्तान में पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या में भारतीय खुफिया एजेंट का हाथ है. हालांकि, कोई पाकिस्तान से पूछ सकता है कि यदि तुम्हारे आरोप में दम है तो तुम्हारी सुरक्षा एजेंसियां क्या सो रही थीं ?

बहरहाल, पाकिस्तान के विदेश सचिव साइरस सज्जाद काजी ने कहा है कि हमारे पास पाकिस्तानी धरती पर दो नागरिकों की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के पुख्ता सबूत हैं.विदेश सचिव ने विदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने सबूतों के आधार पर खुलासा किया है कि भारतीय नागरिक अशोक कुमार आनंद और योगेश कुमार मोहम्मद रियाज और शाहिद लतीफ की हत्या की योजना में शामिल थे.

उन्होंने कहा कि ये भाड़े के हत्यारों द्वारा की गई कार्रवाई थी. भारतीय एजेंटों ने पाकिस्तानियों को मारने के लिए विदेशी धरती पर प्रौद्योगिकी और सुरक्षित पनाहगाहों का इस्तेमाल किया. इस हत्या की योजना के लिए भारतीय एजेंटों ने हत्यारों को प्रशिक्षण, वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए.

हत्या की इन घटनाओं के तुरंत बाद, इन ऑपरेशनों को भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया अकाउंट्स ने हाईलाइट किया. इसे भारत के दुश्मनों के खिलाफ एक सफल ऑपरेशन घोषित किया गया.

विदेश सचिव ने कहा, हत्यारों की भर्ती सोशल मीडिया और फर्जी आईएसआईएस खातों के जरिए की गई थी.साइरस सज्जाद काजी ने कहा कि इस संबंध में पहली घटना 11 सितंबर 2023 को सियालकोट में एक मस्जिद के बाहर शाहिद लतीफ की हत्या है. मामले की विस्तृत जांच से पता चला है कि भारतीय एजेंट योगेश कुमार ने तीसरे देश के अपराधियों और आतंकवादियों के जरिए हत्या की योजना बनाई थी.

योगेश कुमार ने शाहिद लतीफ को खोजने और मारने के लिए स्थानीय आपराधिक तत्वों से संपर्क करने के लिए एक मजदूर मोहम्मद उमीर को भर्ती किया. पहले तो भाड़े के हत्यारे शाहिद लतीफ को मारने में नाकाम रहे.

साइरस सज्जाद काजी ने कहा कि कई असफल प्रयासों के बाद, मुहम्मद उमैर को इस हत्या के लिए व्यक्तिगत रूप से पाकिस्तान भेजा गया. मुहम्मद उमैर ने 5 हत्यारों की एक टीम की भर्ती की. इस समूह का पहला प्रयास 9 अक्टूबर को विफल रहा. 11 अक्टूबर को वे शाहिद लतीफ को मारने में सफल रहे.

पिछले साल 11 अक्टूबर को पंजाब के सियालकोट जिले के दस्का कस्बे में तीन लोगों ने मौलाना शाहिद लतीफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी.शाहिद लतीफ भारत को पठानकोट हमले में वांछित थे. कहा जाता है कि वह प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थेा.

विदेश सचिव ने कहा कि मुहम्मद उमीर को 12 अक्टूबर, 2023 को देश छोड़ते समय गिरफ्तार किया गया था. फिर अन्य शामिल व्यक्तियों पर भी मामला दर्ज किया गया था.साइरस सज्जाद काजी ने कहा, दूसरा मामला मुहम्मद रियाज का है, जिनकी 8 सितंबर, 2023 को रावलकोट में एक मस्जिद के बाहर हत्या कर दी गई थी. हत्या की इस वारदात में एक भारतीय एजेंट भी शामिल था.

उन्होंने बताया कि इस हत्या में शामिल मुहम्मद अब्दुल्ला अली को 15 सितंबर 2023 को जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट कराची से गिरफ्तार किया गया था. मुहम्मद अब्दुल्ला अली को भारतीय एजेंटों अशोक कुमार आनंद और योगीशन कुमार ने टेलीग्राम ऐप का उपयोग करके भर्ती किया था.जांच के बाद, पाया गया कि मुहम्मद अब्दुल्ला अली को तीसरे देश में स्थित एक बिचैलिए के माध्यम से धन प्राप्त हुआ.

दावा किया गया कि मुहम्मद रियाज प्रतिबंधित जमात-उद-दावा से थे.विदेश सचिव ने कहा कि जांच एजेंसियों के पास इस बात के विश्वसनीय सबूत हैं कि इस पूरे लक्षित हत्या अभियान में तीसरे देशों में भारतीय नागरिक शामिल थे जो इसे वित्त पोषित करने के साथ निर्देश भी दे रहे थे. अभियान को नियंत्रित भी कर रहे थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ एक वैश्विक आतंकवादी संगठन की भूमिका निभा रही है. इससे पहले भी, पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय एजेंसियों द्वारा देश प्रायोजित न्यायेतर हत्याएं उजागर हो चुकी हैं.

पिछले साल जब भारत ने कनाडा में सिख नेता हरदीप सिंह नागर की हत्या की तो कनाडा ने कड़ी कूटनीतिक प्रतिक्रिया व्यक्त की और इस हत्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया.उन्होंने मांग की कि भारत को वैश्विक स्तर पर जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए.

इन आरोप का विरोध करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जसीवाल ने कहा, हमने पाकिस्तानी विदेश सचिव के बयान के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं. यह पाकिस्तान द्वारा झूठे दावों के साथ भारत विरोधी प्रचार का नवीनतम प्रयास है.

उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद, संगठित अपराध और अवैध गतिविधियों का केंद्र रहा है.भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, भारत और कई अन्य देशों ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि वह आतंक और हिंसा की अपनी संस्कृति का शिकार बन जाएगा.अपने गलत कार्यों के लिए दूसरों को दोषी ठहराने का कोई औचित्य नहीं है. न ही मसले का कोई समाधान है.इनपुट: उर्दू न्यूज

ALSO READ पाकिस्तान में बेरोजगारी इतनी, 2023 में आठ लाख लोग छोड़ गए देश

मौलाना तारिक जमील के बेटे ने जिम में क्यों की आत्महत्या ? आज होंगे सुपुर्दे खाक