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भारत के कमलदीप से मुकाबले के लिए तैयार पाकिस्तानी बॉक्सिंग स्टार उस्मान वज़ीर, मुकाबला 26 सितंबर को

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद

पाकिस्तान के पेशेवर मुक्केबाज उस्मान वज़ीर ने अपनी अगली अंतरराष्ट्रीय लड़ाई की घोषणा की है. लगातार 13 मुकाबले जीत चुके वज़ीर का अगला मुकाबला 26 सितंबर को थाईलैंड में भारतीय मुक्केबाज कमलदीप जोरवाल से होगा.इस मुकाबला की घोषणा उस्मान वज़ीर ने इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की. वज़ीर ने अपने करियर में अब तक लगातार 13 मुकाबले जीते हैं और वह भारतीय मुक्केबाज के खिलाफ अपनी जीत की लय को बनाए रखने की उम्मीद कर रहे हैं.

भारतीय मुक्केबाज कमलदीप जोरवाल भी लगातार 7 मुकाबलों से अजेय हैं, जिससे यह मुकाबला और भी रोमांचक हो गया है. वज़ीर का मानना है कि यह मैच बॉक्सिंग प्रशंसकों के लिए एक बेहतरीन अनुभव साबित होगा.

WBO यूथ वर्ल्ड खिताब का नुकसान

हालांकि, हाल ही में वज़ीर के लिए एक निराशाजनक खबर आई है. विश्व मुक्केबाजी संगठन (WBO) ने वज़ीर से उनका यूथ वर्ल्ड खिताब छीन लिया है, क्योंकि उन्होंने आवश्यक शुल्क जमा नहीं किया था.

वज़ीर, जो गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र के एस्टोर से ताल्लुक रखते हैं और ‘द एशियन बॉय’ के नाम से मशहूर हैं, ने हाल ही में बैंकॉक के स्पेसप्लस नाइट क्लब में अपनी लगातार 13वीं जीत हासिल की, इस जीत के बावजूद, उन्हें अपना WBO यूथ वर्ल्ड खिताब गंवाना पड़ा.

24 वर्षीय वज़ीर के पास 9 नॉकआउट के साथ 13 जीत का अपराजित रिकॉर्ड है. उन्होंने तीसरे राउंड में थाई प्रतिद्वंद्वी ओट्सडा सिरियानंतकुन को हराकर अपनी जीत की लय को बनाए रखा. हालांकि, शुल्क न जमा करने के कारण WBO ने उनका खिताब खाली कर दिया.

वज़ीर ने एक वीडियो संदेश में कहा, “अलहमदुलिल्लाह, मैंने अपनी 13वीं अंतरराष्ट्रीय लड़ाई जीती है और अपना अपराजित रिकॉर्ड (13-0) बरकरार रखा है. लेकिन दुर्भाग्य से, मैं अपना WBO वर्ल्ड यूथ खिताब सुरक्षित नहीं रख सका.” उन्होंने अपने प्रशंसकों को संबोधित करते हुए कहा कि खिताब बचाने के लिए यह मुकाबला तय था, लेकिन शुल्क जमा न कर पाने के कारण खिताब खो दिया.

सरकारी सहायता की कमी पर निराशा

वज़ीर ने पाकिस्तान सरकार और देश से समर्थन न मिलने पर अपनी निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, “मैंने खिताब जीतने के लिए 9 से 10 साल की मेहनत की और सफलता भी मिली, लेकिन पाकिस्तान सरकार और राष्ट्र ने मेरा समर्थन नहीं किया. पाकिस्तान में केवल क्रिकेट को ही समर्थन मिलता है. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। हम भी खेलों में हैं और हम भी उनकी तरह मेहनत करते हैं.”

उनका कहना है कि उन्होंने पाकिस्तान में ही रहना चुना, जबकि अन्य एथलीट बेहतर अवसरों के लिए दूसरे देशों की राष्ट्रीयता अपनाते हैं। वज़ीर ने खेल और अपने देश के प्रति अपनी निष्ठा को उजागर करते हुए कहा, “मैं देश में मुक्केबाजी को बढ़ावा देना चाहता था.”

खिलाड़ी की भविष्य की योजनाएँ

वज़ीर की आगामी लड़ाई और WBO खिताब की स्थिति के बावजूद, वह भविष्य में और अधिक सफलताओं की उम्मीद कर रहे हैं. उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें पेशेवर मुक्केबाजी में एक प्रमुख स्थान दिलाया है, और वह अपनी जीत की लय को बनाए रखते हुए और अधिक ऊँचाइयों को छूने के लिए तत्पर हैं.