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पाकिस्तानी पर्वतारोही साजिद सदपारा ने माउंट अन्नपूर्णा किया फतह

फैजान लखानी, इस्लामाबाद

पाकिस्तानी पर्वतारोही साजिद सदपारा ने 8091 मीटर ऊंचे माउंट अन्नपूर्णा पर चढ़ाई पूरी की.साजिद सिदपारा बिना कृत्रिम ऑक्सीजन के दुनिया की दसवीं सबसे ऊंची चोटी अन्नपूर्णा पर चढ़ने मंे कामयाब रहे.साजिद सिदपारा पाकिस्तान के समयानुसार सुबह 11 बजे अन्नपूर्णा की चोटी पर पहुंचे.वह बिना कृत्रिम ऑक्सीजन के 8,000 मीटर से ऊंची सभी 14 चोटियों पर चढ़ने के लिए दृढ़ संकल्पित दिखे.

उन्होंने कृत्रिम ऑक्सीजन के बिना पहले दो, मनास्लु, गेशेरब्रम 1 और गेशेरब्रम 2 को भी फतह किया.साजिद सिदपारा आने वाले दिनों में माउंट मकालू, दलवागिरी और कंचनजंगा भी जाएंगे.साजिद सदपारा महान पर्वतारोही स्वर्गीय अली सदपारा के पुत्र हैं.

इसके अलावा 2 अन्य पाकिस्तानी पर्वतारोही शाहरोज काशिफ और नैला कयानी भी माउंट अन्नपूर्णा पर पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं. वे इस समय कैंप में हैं. नैला और शाहरोज के 17 अप्रैल को अन्नपूर्णा पर चढ़ने की उम्मीद है.जहां तक रही बात युवा साजिद सदपारा की तो पिता को खोने के बाद वह एक बार फिर पूरे दमखम के साथ पर्वतारोहण के लिए तैयार हैं. पिता की मौत के बाद वह एक तरह से टूट गए थे और पर्वतारोहण से एक तरह से किनारा कर लिया था.

सर्दी 2021 त्रासदी

पिछले साल की शुरुआत में, साजिद के2 पर अपने पिता मुहम्मद अली सदपारा, आइसलैंड के जॉन स्नोर्री और चिली के जुआन पाब्लो मोहर के साथ शिखर पर चढ़ने की उम्मीद में थे. एक नेपाली टीम ने कुछ दिन पहले पहली शीतकालीन चढ़ाई पूरी की थी. इससे उन्हें भी बल मिला.

विंटर के2 पर स्नोर्री का यह दूसरा प्रयास था, और वह दृढ़ थे. गाइड के रूप में कार्य करने वाले सदपारा भी अपने, अपने साथी और अपने देश के लिए शिखर पर पहुंचना चाहते थे. मगर जिस दिन नेपाल की टीम शिखर पर पहुंची उसी दिन मोहर के पर्वतारोही साथी सेर्गी मिंगोटे की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. बावजूद इसके स्नोर्री, मोहर और सदपारा सभी जोखिम लेने के लिए तैयार थे. 5 फरवरी, 2021 को वे भी चढ़ाई करने वालों में शामिल हो गए.कैंप 3 के ठीक ऊपर, बड़े सादपारा ने अपने बेटे को घूमने के लिए कहा, जिससे साजिद की जान बच गई. बाकी कोई नहीं लौटा.

गर्मियों में साजिद की वापसी

साजिद सदपारा, दो बार के2 शिखर सम्मेलन करने वाले, और मुहम्मद अली सदपारा के पुत्र हैं.महीनों बाद, के2 पर गर्मियों के पर्वतारोहियों ने तीन लापता पर्वतारोहियों के जमे हुए शव को देखा. तब साजिद भी पहाड़ पर थे. उन्हांेने अपने पिता को खोजने के लिए अपने परिवार से किए गए वादे को पूरा किया. वह शिखर पर पहुंचा और रास्ते में वह अली के अवशेषों के पास रुक गया. उसने अपने पिता को दफनाया. इस दौरान अन्य पर्वतारोही भी मौजूद रहे. जिनमें शेरपा गाइड, पोर्टर्स और साजिद के साथ एक फिल्म क्रू भी शामिल हुई.